केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम एनआईसीडीसी की प्रगति की व्यापक समीक्षा की।
इस बैठक में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) तथा एनआईसीडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। श्री गोयल को औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम की उल्लेखनीय प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान राष्ट्रीय गलियारा नेटवर्क को 11 समेकित औद्योगिक तथा आर्थिक गलियारों तक बढ़ा दिया है जिसमें चार चरणों में 32 परियोजनाएं विकसित की जाएंगी और इस प्रकार देश में सभी प्रमुख आर्थिक नोड्स से कनेक्टिविटी प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा।
श्री गोयल को यह जानकारी भी दी गई कि राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं को लोगों, वस्तुओं तथा सेवाओं की निर्बाधित आवाजाही के लिए विभिन्न आर्थिक जोनों को एक प्रणालीगत, मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए पीएम गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान की समग्र संरचना पर विकसित किया जा रहा है जिसका परिणाम लॉजिस्ट्क्सि तथा आर्थिक कार्यकलापों के प्रभावी संचालन के रूप में सामने आ रहा है।
उन्हें अवगत कराया गया कि भूखंड स्तर पर विश्व स्तरीय ‘प्लग एन प्ले’ अवसंरचना का विकास चार शहरों- धोलेरा (गुजरात), शेंद्रा बिडकिन (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) तथा समेकित औद्योगिक टाऊनशिप (ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश) में किया गया है, जहां वर्तमान में भूमि आवंटन का कार्य चल रहा है।
इन चार शहरों में कुल 173 भूखंड (851 एकड़) आवंटित किए गए हैं जो दक्षिण कोरिया, रूस, चीन, ब्रिटेन, जापान तथा एमएसएमई सहित भारत की कंपनियों से निवेश आकर्षित कर रहे हैं जिसमें लगभग 16,760 करोड़ रुपये तक का निवेश जुटाया जा रहा है तथा लगभग 21,000 रोजगार अवसरों का सृजन किया जा रहा है।
लगभग 5000 एकड़ की अतिरिक्त विकसित भूमि की उपलब्धता के साथ, श्री गोयल ने अधिकारियों को रोड शो तथा आकर्षक एवं अनुकूल भूमि आवंटन नीतियों सहित गहन विपणन कार्यकलापों के माध्यम से इन विकसित शहरों में औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा आवासीय सेक्टरों को भूमि आवंटन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
श्री गोयल ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि भूखंड के आवंटियों के साथ नियमित रूप से परस्पर संपर्क बना कर रखें जिससे कि उनके उन मुद्दों के समाधान में आरंभिक सहायता प्रदान की जा सके जिसका सामना उन्हें अपनी फैक्टरियों का निर्माण करने या वाणिज्यिक उत्पादन आरंभ करने में करना पड़ता है। उन्होंने अन्य परियोजनाओं के संबंध में भी गतिविधियों में तेजी लाने का निर्देश दिया, जहां उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराई जा सकती है।
श्री गोयल ने निर्देश दिया कि भूमि आवंटन प्रणाली में पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए ई-भूमि प्रबंधन प्रणाली (ई-एलएमएस) का सभी परियोजनाओं में कार्यान्वयन किया जाना चाहिए तथा एक समेकित डैशबोर्ड के माध्यम से निरंतर निगरानी की जानी चाहिए।
श्री गोयल ने बताया कि ‘‘राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम एक अखिल भारतीय पहल है और ‘प्लग एन प्ले’अवसंरचना का विकास देश में विनिर्माण परितंत्र को बढ़ावा देगा तथा इसका समग्र रूप से पूरे राष्ट्र के विकास पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और इसमें माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की पूर्ण क्षमता है। श्री गोयल ने कहा कि एनआईसीडीसी को प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन के लिए एक विश्व स्तरीय विनिर्माण तथा निवेश अवसंरचना विकसित करनी चाहिए तथा इन परियोजनाओं के विकास कार्यकलापोंमें तेजी लाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ घनिष्ठ समन्वयन में कार्य करना चाहिए।