रेल, वाणिज्य व उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज यानी 04.02.2021 को आभासी सम्मेलन को संबोधित किया।
भारतीय रेलवे के लिए बजटीय प्रावधानों पर बोलते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा, “आम बजट 2021 भारतीय रेलवे के लिए ऐतिहासिक रहा है। इसने भारतीय रेलवे में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। भारतीय रेलवे के लिए सबसे बड़ा पूंजीगत व्यय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और भारतीय रेलवे को आत्म निर्भर भारत की ओर ले जाने के लिए एक बड़े उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे 2023 तक 100% विद्युतीकरण, 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन नेटवर्क, रेलवे का आधुनिकीकरण, टिकट बुकिंग में आसानी, ऑनलाइन माल ढुलाई सेवाओं जैसी बड़ी योजनाओं की ओर बढ़ रही है। इस प्रकार, भारतीय रेलवे “फ्यूचर रेडी” नेटवर्क बनने की कगार पर है।
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री पीयूष गोयल ने बताया कि अन्य हितधारकों के परामर्श के बाद ही सामान्य ट्रेन सेवाओं पर निर्णय लिया जाएगा, इसके लिए कोविड-19 की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान ने गति पकड़ ली है, फिर भी हमें सावधानी बरतने और इसकी रोकथाम के लिए जारी नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बारे में बात करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि डीएफसी के पूरी तरह से चालू होने और डीएफसीसीआईएल के स्वस्थ लाभ दर्ज की शुरुआत के बाद सार्वजनिक सूचीकरण और क्रमिक विनिवेश द्वारा परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण चरणों में किया जा सकता है।
भारतीय रेलवे के प्रबंधन मंत्र पर बोलते हुए श्री गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे का प्रबंधन मंत्र प्राथमिकता निर्धारित करना, संसाधनों का आवंटन और शीघ्र पूर्णता प्रदान करना है। उन्होंने आगे कहा कि अब नई परियोजनाओं की घोषणा करने के बजाय परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वर्तमान में चल रही 513 परियोजनाओं में से रेलवे ने एचडीएन/एचयूएन मार्गों पर क्षमता वृद्धि परियोजनाओं में अतिजोखिम, जोखिम परियोजनाओं, बहु ट्रैकिंग परियोजनाओं, कनेक्टिविटी परियोजनाओं व राष्ट्रीय परियोजनाओं की पहचान की। अगले 4 वर्षों के लिए धन आवंटन और लक्ष्य की योजना बनाई गई है। सभी अतिजोखिम परियोजनाएं मार्च 2022 तक पूरी हो जाएंगी और अन्य मार्च 2024 तक पूरी हो जाएंगी।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारतीय रेलवे के पास अब तक का अधिकतम कुल योजनागत पूंजीगत व्यय इस साल 2,15,058 करोड़ रुपये है, जिनमें आंतरिक संसाधनों से 7,500 करोड़ रुपये, अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 1,00,258 करोड़ और आम बजट में पूंजीगत व्यय आवंटन के लिए 1,07,100 करोड़ रुपये शामिल हैं।
भारतीय रेलवे ने 1,10,055 करोड़ रुपये का रेकॉर्ड परिव्यय प्राप्त किया, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021-22 में पूंजीगत व्यय के लिए हैं।
सकल बजटीय आवंटन बीई 2020-21 की तुलना में 37,050 करोड़ (53%) अधिक है। कोविड के बावजूद, यह भारतीय रेलवे में आधारभूत संरचना परियोजनाओं के लिए की जा रही प्रगति का उल्लेखनीय संकेत है।
पूंजीगत व्यय में इस वृद्धि के साथ, भारतीय रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था का चालक होगा। वार्षिक योजना 2021-22 का जोर बुनियादी ढांचे के विकास पर है, जिसमें वृद्धि, टर्मिनल सुविधाओं का विकास, रेलगाड़ियों की गति में वृद्धि, सिग्नल प्रणाली, यात्रियों / उपयोगकर्ताओं की सुविधाओं में सुधार, पुल के ऊपर या नीचे सड़क सुरक्षा कार्य आदि शामिल हैं।