नई दिल्ली: केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल ने डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) को बैंक की गतिविधियों का विस्तार करने की दिशा में किए गए जोरदार प्रयासों के लिए बधाई दी है। आईपीपीबी लांच के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में उन्होंने कहा कि पूरे देश के सभी 1.55 लाख डाकघरों का लाभ उठाकर आईपीपीबी ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में अंतिम व्यक्ति तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। इससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सभी वित्तीय समावेश को शामिल करके आर्थिक बदलाव और नये भारत का सृजन करने के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।
केन्द्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने बैंक के तेजी से बढ़ते हुए स्तर के बारे में संतोष व्यक्त किया। उन्होंने देश में डिजिटल भुगतानों को सरल और लोकप्रिय बनाने के लिए बैंक के प्रयासों की सराहना की। प्रसिद्ध कलाकार और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित श्री सतीश गुजराल द्वारा वित्तीय समावेश पर डिजाइन किये गये स्मारक डाक टिकट भी इस समारोह में जारी किए गए। ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’ नामक एक कॉफी टेबल बुक को भी इस अवसर पर जारी किया गया। आकर्षक ढंग से चित्रित इस पुस्तक में पिछले दो वर्षों के दौरान आईपीपीबी की चुनौतीपूर्ण यात्रा का वर्णन किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डाक विभाग को भुगतान बैंक लाइसेंस देने के साथ यह यात्रा 20 जनवरी, 2017 को शुरू हुई थी। 10 दिन की रिकॉर्ड अवधि के दौरान, 30 जनवरी, 2017 को 8 पहुंच बिन्दुओं के साथ रायपुर (छत्तीसगढ़) और रांची (झारखंड) में दो पायलट शाखाओं ने काम शुरू कर दिया था।
श्री मनोज सिन्हा ने बेहतर काम करने वाले पोस्टल सर्किलों, क्षेत्रों, अंचलों, शाखाओं और अनेक सर्किलों में कार्यरत पोस्टमैनों, डाक सहायकों और ग्रामीण डाक सेवकों को बेहतर काम करने के लिए पुरस्कार प्रदान किए। तेलंगाना सर्किल को सबसे अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 650 जिलों मे 1 सितंबर, 2018 को आईपीपीबी की शुरूआत की थी। 4 महीने से कुछ अधिक अवधि में ही इसने देश में 1.25 लाख पहुंच बिन्दु स्थापित किए। इसमें प्रमुख बात यह है कि इनमें से लगभग 1.10 लाख पहुंच बिन्दु ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। यह बैंकिंग इतिहास में यह सबसे तेजी से स्थापित किए गए पहुंच बिन्दु हैं। प्रति दिन 800 से अधिक पहुंच बिन्दु की स्थापना की औसत दर रही है। आईपीपीबी के पहुंच बिन्दुओं की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित बैंकों की शाखाओं की संख्या से लगभग दोगुनी है। देश में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने में आईपीपीबी आम आदमी के लिए सर्वाधिक सुलभ, सस्ते और विश्वसनीय बैंक होने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में पहुंच और नेटवर्क के रूप में सबसे बड़ा बैंक हो गया है।
बिना बैंक और कम बैंक का उपयोग करने वाली जनसंख्या के लिए मौजूदा अवरोध दूर करने के अपने लक्ष्य के लिए आईपीपीबी बैंक सेवाओं और भुगतानों को सरल बनाकर ग्राहक के दरवाजे तक ले गया है। आधार का उपयोग करते हुए यह बैंक मिनटों में कागज रहित डीबीटी अकाउन्ट खोलता है। क्यूआर कोड की अभिनव तैनाती और बिल के भुगतान के लिए बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके यह बैंक बिना स्मार्ट फोन वाले ग्राहकों के लिए भी आसानी से धन जमा और धन निकासी की सुविधा प्रदान कर रहा है। एक बड़े डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम में ढाई लाख से अधिक आखिरी मील तक आपूर्ति करने वाले एजेंटों (पोस्टमैन, जीडीएस) को ग्रामीण क्षेत्रों में दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने तथा वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया है। इन विशेषताओं का लाभ उठाते हुए आईपीपीबी ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की भागीदारी में सहायता प्राप्त यूपीआई की शुरूआत की है। दुनिया के इस सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे भुगतान मंच का फोन न रखने वाले लोग भी लाभ उठा सकते हैं।
आईपीपीबी ने अपनी शुरूआत से ही सेवाओं को अच्छी तरह से अपनाया है। 30 लाख से अधिक ग्राहकों ने इसमें अपने बचत खाते खोले हैं तथा मनी ट्रांसफर, बिल भुगतान, नकदी जमा और निकालने जैसी बैंकिंग सेवाओं का अपने दरवाजे पर ही लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा एक लाख से अधिक डाकघर बचत खाताधारकों ने अपने पुराने डाकघर खाते आईपीपीबी से जोड़ लिए हैं। इस प्रकार वे मोबाइल बैंकिंग, डोर स्टैप बैंकिंग, एसएमएस और आईवीआर जैसे चैनलों के माध्यम से अंतर-बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। ये सेवाएं उन्हें पहले उपलब्ध नहीं थीं। इसके साथ ही 8 लाख से अधिक ग्राहकों ने आईपीपीबी मोबाइल बैंकिंग एप डाउनलोड किये हैं और अब वे स्वयं सेवा डिजिटली बैंकिंग लेन-देन का लाभ उठाने में समर्थ हो गए हैं। आईपीपीबी ग्राहकों ने चार महीनों की छोटी सी अवधि में ही 8 करोड़ रुपये से भी अधिक के 21 लाख से भी अधिक लेन-देन कर लिए हैं। आईपीपीबी ने डेढ़ लाख से अधिक बिल भुगतान किए हैं।
अपनी कम नकदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने की रणनीति के एक हिस्से के रूप में आईपीपीबी ने 10,000 से भी अधिक डाकघर काउंटरों पर एक सरल क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाया है। लगभग 25,000 ग्राहकों ने पिछले तीन महीनों के दौरान पीपीएफ/आरडी/सुकन्या समृद्धि योजना में अपने निवेश के लिए आईपीपीबी के माध्यम से 13 करोड़ रुपये मूल्य के डिजिटल भुगतान बिना डाकघर में आए किए हैं।