उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 15 नवंबर, 2021 से 21 नवंबर, 2021 तक भारत की आजादी के 75 वर्षों को प्रतिष्ठित सप्ताह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में आयोजित किया।
अखंड भारत की भावना का सम्मान करने के लिए सप्ताह भर में कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। तथापि, विभाग के अधीन विभिन्न संगठन वर्ष भर गतिविधियों का आयोजन करते रहेंगे।
उत्सव के पहले दिन, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, पीयूष गोयल ने कर्नाटक में कार्यालय भवन, मंडल कार्यालय हुबली और तंजावुर, तमिलनाडु में फोटो प्रदर्शनी के साथ खाद्य सुरक्षा संग्रहालय का उद्घाटन किया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “हमारे देश में खाद्य सुरक्षा रखरखाव के विभिन्न पहलुओं पर काम करने के अलावा, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि वे विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लोगों तक पहुंचने और उन्हें हितधारकों के बीच जानकारी देने में समान रूप से शामिल हैं, और जिनमें सबसे उल्लेखनीय है आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन।”
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति भी कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
एक अन्य कार्यक्रम में, श्री गोयल ने आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव के एक भाग के रूप में 16 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर के 50वें दीक्षांत समारोह का वस्तुतः उद्घाटन किया था।
जहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान छात्रों से कहा था, “चीनी उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और चीनी उद्योग के विशेषज्ञों के रूप में आप किसानों, गांवों और राष्ट्र के लिए आत्मानिर्भरता लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (एमओएस), सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी कानपुर में इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लिया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के एक हिस्से के रूप में पूर्वोत्तर की अपनी पहली यात्रा के दौरान, श्री गोयल ने मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में ओलंपिक रजत पदक विजेता सैकोहम मीराबाई चानू के पैतृक गांव में एक विशाल हथकरघा संकुल (मेगा हैंडलूम क्लस्टर) स्थापित करने की घोषणा की। इस मेगा हैंडलूम क्लस्टर की अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपये है और इसे राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के तहत स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने बिष्णुपुर जिले के मोइरंग में एक हथकरघा और हस्तशिल्प गांव की स्थापना की भी घोषणा की, जहां आईएनए ने पहली बार भारतीय धरती पर तिरंगा झंडा फहराया था। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्रता सेनानियों, विशेषकर आईएनए के सैनिकों को उचित श्रद्धांजलि देगा।
श्री गोयल ने इम्फाल में मणिपुर सरकार के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित शिल्प की विषयगत प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के दौरान ये घोषणाएं कीं।
उन्होंने मणिपुर और गुवाहाटी में प्रतिष्ठित सप्ताह के तहत ‘जनजाति गौरव दिवस’ में भाग लिया।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी सप्ताह भर चलने वाले उत्सव के दौरान कई गतिविधियों में भाग लिया।
उन्होंने खरीद संचालन और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पर एक वेबिनार में भाग लेने के दौरान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) संचालन सहित खरीद कार्यों पर एक लघु फिल्म का शुभारंभ किया
श्री चौबे ने बिहार का भी दौरा किया जहां उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के कार्यक्रमों में भाग लिया।
उन्होंने असम के चांगसारी में 50,000 मीट्रिक टन आधुनिक रेल से जुड़े ग्रैंड साइलो का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा, खाद्यान्न के भंडारण और इसकी स्थिरता के लिए असम में इस तरह के एक भव्य साइलो का निर्माण करना एक बड़ी पहल है।
श्री चौबे ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की पहली अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया, जो गुरुग्राम में खाद्यान्न के नमूनों के प्रयोगशाला में ही परीक्षण के लिए है।
इसके अलावा, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के विभिन्न प्रभागों द्वारा अन्य गतिविधियों का आयोजन किया गया।
डीएफपीडी द्वारा दिल्ली के पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के लिए उत्तर प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों का एक क्षेत्रीय दौरा (फील्ड विजिट) भी आयोजित किया गया था। पत्रकारों को एफसीआई की विभिन्न गतिविधियों, खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कैसे संचालित किया जा रहा है, इस पर भी जानकारी दी गई।
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के सहयोग से ‘खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सुधारों में भारत की यात्रा’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। उच्च स्तरीय विशेषज्ञों ने इस वेबिनार में भाग लिया और भारत में प्रौद्योगिकी आधारित पीडीएस सुधारों की यात्रा, कोविड 19 संकट के दौरान खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के अनुभव, खाद्य अपव्यय और भंडारण हानियों का समाधान करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला सुधार और नवाचारों और टीपीडीएस के परिवर्तन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य नई प्रौद्योगिकियां ,संचालन अनुसंधान की भूमिका पर विचार-विमर्श किया I
किसानों के साथ बातचीत पर एक और वेबिनार, ‘गन्ने की खेती में सर्वोत्तम अभ्यास’ पर स्वयं सहायता समूहों का आयोजन किया गया। डीएफपीडी ने ‘गन्ना की खेती में सर्वोत्तम पद्धतियों’ पर जोर देते हुए गन्ना किसानों के साथ सीधा संवाद किया। साथ ही, चीनी मिलों को बेहतर नकदी प्रवाह के लिए अधिक इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए कहा गया जिससे स्थायी उद्योग सुनिश्चित हो सके। किसानों ने विभाग के साथ अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे अधिक उपज देने वाली किस्मों का उपयोग, ड्रिप सिंचाई, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार आदि को साझा किया ।
ई-नेगोशिएबल ए वेयरहाउस रिसीट्स (एनब्ल्यूआर) के लाभ और गोदामों के पंजीकरण के लाभ पर एक अन्य बातचीत का आयोजन किया गया। वेबिनार में 120 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। आयोजन के दौरान, डिवीजन ने साझा किया कि डब्लूडीआरए के साथ पंजीकरण शुल्क काफी हद तक कम होकर अन्य पारंपरिक गोदामों के लिए 5000 से रु. 30,000/- की तुलना में एफपीओ/पैक्स/एसएचजी के लिए 500 रुपये रह गया है।
वर्चुअल आयोजनों के वास्तविक समारोहों (फिजिकल इवेंट्स) का भी आयोजन किया गया। कुशल भंडारण और गुणवत्ता नियंत्रण पर किसानों के लिए जागरूकता सृजन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 30 किसानों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम भारतीय अनाज प्रबंधन और अनुसंधान संस्थान (आईजीएमआरआई), हापुड़ द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का विषय देश में पिछले 75 वर्षों में खाद्य सुरक्षा प्रबंधन में विभाग की भूमिका, खाद्यान्न के विभिन्न अपवर्तन और उन्नत किए हुए (फोर्टीफाइड) चावल के महत्व को साझा करना था।
इसके अलावा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) प्रभाग ने आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह के तहत वाराणसी में एक कार्यक्रम आयोजित किया। जागरूकता कार्यक्रम ने महिलाओं और बच्चों को लक्षित किया और प्रतिभागियों को उन्नत किए हुए (फोर्टीफाइड) चावल के महत्व के बारे में जागरूक किया।
उपर्युक्त उत्सव के अलावा, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने देश के राजस्व जिलों में 624 कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिनमें से लगभग 140 कार्यक्रम पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं और शेष वर्ष के दौरान आयोजित किए जाएंगे।