नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कोविड-19 के कारण निर्यातकों को हो रही समस्याओं पर चर्चा करने और उन्हें दूर करने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की।
श्री गोयल ने ईपीसी को संबोधित करते हुए कहा कि इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान कोविड-19 के कारण पैदा हुए व्यवधान के बाद निर्यात में तेजी से सुधार हो रहा है क्योंकि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है और आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जून, 2020 के आंकड़ों में वृद्धि की झलक मिलेगी क्योंकि मर्केंडाइज निर्यात के आंकड़े पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग 88 फीसदी तक पहुंच चुका है। उन्होंने इतने कम समय में इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने के लिए निर्यातकों की सराहना की। मंत्री ने कहा कि वास्तव में उनकी कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के कारण ऐसा संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कहीं अधिक प्रशंसनीय है क्योंकि देश के कई इलाके अभी भी कंटेनमेंट जोन में हैं और वहां पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर विदेशी बाजारों में इस तरह की शानदार वापसी नहीं हो पाई है। आयात के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि वह अभी भी काफी पीछे है जो एक अच्छी बात है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि अनलॉक 2.0 में कई तरह की अनुमति दी गई है और इसलिए उम्मीद है कि भविष्य में चीजें और बेहतर होंगी। आत्मनिर्भर भारत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका तात्पर्य दुनिया के साथ जुड़ना, एक आत्मनिर्भर एवं मजबूत भारत, आत्मविश्वास से भरपूर एक जीवंत राष्ट्र और एक एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जहां हर किसी में आगे बढ़ने की साहस हो और उन्हें पर्याप्त एवं उचित अवसर मिले, जहां एक गरीब आदमी भी सम्मानपूर्वक जीवन जी सके। उन्होंने उद्योग से आयात और कुछ भौगोलिक क्षेत्रों पर अत्यधिक निर्भरता से बचने का आह्वान किया क्योंकि इसके दीर्घकालिक परिणाम भुगतने पड़ते हैं। उन्होंने निर्यातकों को भारत में उत्पादन करने, स्वदेशी संसाधनों एवं कुशल श्रमबल का उपयोग करने, गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने और किफायत के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया। मंत्री ने निर्यातकों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने, अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने और कहीं अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए काम करने के लिए प्रेरित किया। साझेदारी और सहयोग की भावना के बारे में बात करते हुए मंत्री ने निर्यातकों और उद्योग को सरकार से पूर्ण समर्थन मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने घोषणा की कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) पर बाबा कल्याणी समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए पहल की जा रही है।
प्रतिभागियों ने इस वैश्विक महामारी के दौरान सक्रिय भूमिका निभाने और पूरे दिल से समर्थन करने के लिए मंत्री और अधिकारियों को धन्यवाद दिया। इससे उन्हें कम से कम समय में सुधार हासिल करने में मदद मिली। हालांकि उनमें से कई ने कहा कि अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिसमें सरकार के हस्तक्षेप और समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। बैठक में फियो, एपीईसी, एसआरटीईपीसी, जीजेईपीसी, सीएलई, सीईपीसी, शेफेक्सिल, फार्मेक्सिल, ईसीएसईपीसी, आईएसईपीसी, एसईपीसी, ईईपीसी, ईपीसीएच, पीईपीसी, टेक्सप्रोसिल, टेलीकॉम ईपीसी, कैश्यू ईपीसी, केमेक्सिल, सीईपीईएक्सआईएल, आईओपीईपीसी, पीएलईएक्ससीओएनसीआईएल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।