केंद्रीय रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि व्यापार और अर्थव्यवस्था भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। यूरोपीय संघ-भारत सहयोगात्मक आर्थिक विकास पर राजनयिक और उद्योग नेतृत्व सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम एफटीए की दिशा में यूरोपीय संघ के साथ काम करने की भी उम्मीद कर रहे हैं, संभवतः तेजी से परिणाम प्राप्त करने के लिए जल्दी फायदा उठाने की दिशा में तरजीही व्यापार समझौते के साथ शुरूआत कीजा सकती है।
श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने यूरोपीय संघ में अपने संबंधों को आगे बढ़ाते हुए मजबूत बनाया है। भारत यूरोपीय संघ के साथ राजनयिक संबंध विकसित करने और मित्रता का हाथ बढ़ाने वाले पहले देशों में से एक था। यूरोपीय संघ के लोगों के साथ हमारी मित्रता और प्रधानमंत्री मोदी और यूरोपीय संघ के विभिन्न नेताओं के बीच संबंध वास्तव में उल्लेखनीय है। हमारी साझेदारी राजनीतिक, नवाचार और सांस्कृतिक सहयोग से भी बढ़कर है। हम दोनों बहुत ही स्वाभाविक साझेदार हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण विषयों वाली वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों के रूप में शामिल होने के इच्छुक हैं। हमारा मानना है कि जब महत्वपूर्ण विषयों के लिए समाधान खोजने की बात आती है तो यूरोपीय संघ और भारत दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हितधारक हैं।
श्री गोयल ने यूरोपीय संघ और भारत द्वारा उपयोग किए जा रहे 3-आरवाले दृष्टिकोण को मजबूत करने का आह्वान किया: ये तीन आररी-एनर्जाइज़, रि-इनवॉइस एंड रि-ओरिएंटहैं। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए यूरोप और भारत के बीच व्यापार की बाधाओं को दूर करना जरूरी है। श्री गोयल ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार ब्लॉक है, जिसने 2019 में वस्तुओं का लगभग 105 बिलियन डॉलर का व्यापार किया। यह भारतीय निर्यात के लिए दूसरा सबसे बड़ा गंतव्य भी है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि हमें संतुलित, महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार और निवेश समझौतों की दिशा में काम करना होगा। जुलाई 2020 में 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान हमने यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी को अपनाया था जो भविष्य में हमारे सहयोग और समन्वय के मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा।
श्री गोयल ने कहा कि कोविड संकट से निपटने के लिए भारत और यूरोप ने मिलकर काम किया, चाहे वह विभिन्न यूरोपीय देशों को दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति करने की बात हो या कोरोनावायरस से लड़ने के लिए अन्य आवश्यक सामानों की आपूर्ति करने की बात हो। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमारे सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने बिना किसी रुकावट के यूरोप में कारोबार को सेवाएं देना जारी रखा। “हमने अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा किया है और इसलिए, भारत को यूरोपीय संघ के एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखा जाता है। भारत एकल स्रोत आपूर्ति श्रृंखलाओं से दूर जाने के लिए विश्वसनीय साझेदार बन सकता है और विभिन्न देश मजबूत और टिकाऊ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए भारत के साथ साझेदारी में काम कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के दौरान भारत ने कभी भी अपने किसी मित्र देश को इनकार नहीं किया।
कोविड-19 के बारे में, श्री गोयल ने कहा कि जब भारत में समस्या का समाधान करने की बात आई तो हमने देश में तेजी से लॉकडाउन लगा दिया ताकि हम लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचा सकें और जैसे ही हम कोविड से लड़ने के लिए खुद को तैयार करने में सक्षम हो गए थे। “हमने जून के महीने से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी। जैसा कि हम जीवन का संरक्षण करने से आगे बढ़ते हुए लोगों के जीवन और आजीविका को बचाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, हम आपात स्थिति के अनुसार विकसित हुए हैं। भारत में कोविड संक्रमित लोगों की दुनिया में सबसे रिकवरी दरें सबसे कम मृत्यु दर देखने को मिली है।
मंत्री महोदय ने कहा कि जैसा कि हमने अर्थव्यवस्था को खोल दिया है, हम देख रहे हैं कि भारत तेजी से अपनी आर्थिक स्थिति को बहाल करते हुए वापसी कर रहा है,तेजी से सामान्य स्थिति में वापस आ रहा है। हाल ही में, हमने एन-95 मास्क और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के निर्यात पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है। वस्तु और माल क्षेत्र में, सितंबर के महीने में हमने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। साल दर साल सितंबर 2020 में बिजली की खपत 4.6 प्रतिशत बढ़ी है। विश्व व्यापार में भी भारत अपनी पहचान बना रहा है। वस्तु और माल क्षेत्र में, सितंबर 2020 में, हमने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.27 प्रतिशत की वृद्धि की है। सितंबर माह में और अक्टूबर के पहले 6 दिनों में, रेलवे माल भाड़े में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15 फीसद की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों और उद्योग को राहत देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज देने की पेशकश की है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल सामान्य स्थिति के लिए बल्कि आने वाले वर्षों में विकास के लिए तैयार हो सकेगी। सरकार ने कृषि, श्रम, रक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, खनन, ऊर्जा में कई सुधार शुरू किए हैं।