लखनऊ: उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने सेतु निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि पुलों, आर0ओ0बी0 व फ्लाई ओवरों के निर्माण में सुरक्षा मानकों का विशेष ख्याल रखा जाय। उन्होने कहा जहां निर्माण कार्य चल रहें हों, वहां बैरीकेटिंग व लाईटिंग के साथ लोगों के आवागमन के लिये सर्विस रोड जरूर बनाई जाॅय। श्री मौर्य गुरूवार को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय के तथागत सभागार में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सेतु निगम के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि पुलों के निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुये, उपलब्ध मशीनरी का भरपूर प्रयोग किया जाय। आर0ओ0बी0 के मामलें में उन्होने कहा कि कतिपय स्थानों पर देखा गया है कि सेतु निगम द्वारा कार्य पूरा कर दिया गया है लेकिन रेलवे का कार्य नहीं हुआ है, ऐसे मामलों में रेलवे के अधिकारियों के साथ वर्चूअल मीटिंग करके यथासम्भव वह कार्य सेतु निगम स्वंय लेकर पूर्ण कराये। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि फ्लाई ओवरों के निर्माण में व्यू कटर जरूर लगाएं जांय, बड़े कस्बों और शहरों में बने आर0ओ0बी0 के नीचे रेलवे के फाटकों के पास छोटे वाहनों के गुजरने के लिये सर्विस रोड व आवागमन की सुविधा आवश्यकता के अनुरूप जरूर की जाय।
श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पुलों, विशेषकर पुराने पुलों का निरीक्षण कर लिया जाय और ज्वाइन्ट प्वाइन्टों पर जहां झटके लगते हैं, वहां विशिष्ट प्रकार के व उच्च क्वालिटी के इक्पेन्शन ज्वान्ट लगाये जांय। भविष्य में बनाये जाने वाले बड़े पुलांे में सेन्सर लगाये जाने हेतु आगणन में व्यवस्था की जाय। श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि पुलों का निरीक्षण अनिवार्य रूप से कर लिया जाय तथा जहां मरम्मत की आवश्यकता हो, वहां पर मरम्मत शीघ्र से शीघ्र करायी जाय।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सेतु निगम लोक निर्माण विभाग की तरह टोल फ्री नम्बर व व्हाट्सअप नम्बर जारी करें, जिसपर जनता की शिकायतें व सुझाव लिये जा सकें और प्राप्त शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित किया जाय। उन्होने कहा कि उ0प्र0 सेतु निगम ने उ0प्र0 व देश में ही नहीं, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में पुलों का निर्माण किया है, सेतु निगम को अपनी यह शाख बनाये रखना है और विभाग के अधिकारी विभिन्न राज्यों में, कार्य के विस्तार हेतु प्रयास करें। लोक निर्माण विभाग की तरह सेतु निगम भी रू0 40 लाख तक के ठेकों में आरक्षण देने हेतु कार्यवाही करे। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि नई टेक्नालाॅजी का इस्तेमाल करने के लिये एक बड़ी वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की जाय, जिसमें विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उनके सुझाव व उनके अनुभवों व ज्ञान को साझा किया जाय।
श्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये कि भविष्य को देखते हुये सिंगल पिलर पर चार लेन के सेतु बनाये जाने हेतु अभी से कार्ययोजना बनाई जाय। उन्होने कहा कि लोक निर्माण विभाग की तरह सेतु निगम भी अपने कार्यों का प्रजेन्टेसन/प्रचार एल0ई0डी0 के माध्यम से करे, ताकि लोगों को धरातल पर होने वाले कार्यों की जानकारी भी प्राप्त हो और निगम की शाख भी बढ़े ताकि भविष्य में बड़ी परियोजनाओं का काम भी मिले और निगम की आमदनी में इजाफा भी हो सके। उन्होने कहा निगम अपना वार्षिक टर्नओवर बढ़ाने का भी भरपूर प्रयास करे। सेतु निगम के संसाधनों की जानकारी हासिल करते हुये, उन्होने निर्देश दिये कि मोबाइल ब्रिज इन्स्पेक्शन यूनिट, क्रेनों, ट्रंको व टंैकरों, जनरेटरों, ट्रांजिट मिक्सरों आदि का भरपूर उपयोग किया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जो उपकरण मरम्मत योग्य हों, उनकी मरम्मत भी करा ली जाय। उन्होने कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान कोविड-19 के दृष्टिगत निर्धारित सुरक्षा मानकों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाय।
बैठक में बताया गया कि राज्य योजना/डी0एफ0सी0सी0/नाॅन डी0एफ0सी0सी0/नाबार्ड आदि योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश में कुल निर्माणाधीन 252 नदी सेतुओं को निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत पूर्ण किया जाय। श्री मौर्य ने कहा कि पुलों, आर0ओ0बी0 व फ्लाई ओवरों के निर्माण कार्य में धनाभाव नहीं होने दिया जायेगा, कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिये।
बैठक में राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग श्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख सचिव लो0नि0वि0 श्री नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लो0नि0वि0 श्री रंजन कुमार, विभागाध्याक्ष लो0नि0वि0 श्री राजपाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक सेतु निगम श्री अरविन्द श्रीवास्तव, ओ0एस0डी0 श्री प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।