लखनऊ: मलिहाबाद आम पट्टी लखनऊ के आस-पास के बागोंतथा आम, अमरूद, आंवला एवं नर्सरी के पौधों को हानि पहुंचाने वाले एक विशेष प्रकार के कीट पर प्रभावी नियंत्रण तथा इसके प्रकोप को कम करने के लिये मुख्य उद्यान विशेषज्ञ, मलिहाबाद लखनऊ ने बागवानी एवं फल उत्पादक किसानों को सलाह जारी करते हुए कीटनाशकों का छिड़काव करने को कहा है।
मुख्य उद्यान विशेषज्ञ ने बागवान किसानों को फलदार आम के बागों में सूड़ी कीट, जिसे स्थानीय भाषा में कटर भी कहा जाता है, से बचाव हेतु कार्बरिल (प्रति लीटर पानी 4 ग्राम दवा की दर से) अथवा क्वीनालफास (प्रति लीटर पानी 2 मि0ली0 दवा की दर से) दवाओं के छिड़काव की सलाह दी है। इसी प्रकार आम, अमरूद, आंवला आदि नर्सरी के पौधों की सूड़ी कीट से रक्षा हेतु लैमिडासाइलोथ्रिन (प्रति लीटर पानी 1 मि0ली0 दवा की दर से) अथवा प्रोफेनोफास (प्रति लीटर पानी 1-1.5 मि0ली0 दवा की दर से) दवाओं का छिड़काव किये जाने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि सूड़ी कीट हेलियोथिस कीट की सूड़ी से मिलती-जुलती दिखती है। फल उत्पादक किसान इसे कटर भी कहते हैं। कीट की सूड़ी आम की फसल में कोमल पत्तियों, फलों के डण्ठलों एवं अन्य भागों को हानि पहुंचा रही हैं। यह एक बहुभक्षी कीट है। आम के अलावा आंवला, सागौन, पीपल, खिन्नी एवं अन्य विभिन्न प्रकार की फसलों की पत्तियों, फलों एवं अन्य भागों को हानि पहुंचाती है।
उन्होंने कहा कि आम, अमरूद, आंवला एवं अन्य नर्सरी पौधों में इस सूड़ी का अधिक प्रकोप है। नर्सरी के पौधों में पत्तियों के साथ-साथ सूड़ी पौधों के ऊपरी भाग को काट देती है, जिससे पौधों का विकास रूक जाता है और वह मुरझा जाते हैं।