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मार्केटिंग हेतु एप एवं फोन काल के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के लाभार्थिंयो हेतु प्लेटफार्म तैयार कराया जाय: सतीश महाना

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात प्रोत्साहन, खादी, रेशम एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा कि उद्योग विभाग एवं रोजगार एक दूसरे के पूरक हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने बड़ी संख्या में रोजगार सृजन के लिए नई टेक्नालाजी को प्रमोट करने हेतु विशेष बल दिया। साथ ही विभागीय अधिकारियो को सचेत करते हुए कहा कि सभी विभाग जनता के हितों से जुड़े है। इसलिए संचालित योजनाओं को बेहतर ढ़ंग से लागू कराया जाय। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

श्री महाना ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात प्रोत्साहन, खादी, रेशम एवं वस्त्रोद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिलने पर आज वह पिकप भवन में अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक कर रहे थे। इस मौके पर प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल एवं निदेशक उद्योग श्री के0 रविन्द्र नायक सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने प्रत्येक विभागों के कार्यों की अलग-अलग गहन समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। साथ ही विभागीय कार्यों की प्रगति से भी अवगत हुए।

श्री महाना ने उद्योग विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि विभाग में संचालित रोजगारपरक योजनाओं के माध्यम से अभी तक जितने लोगों को टूलकिट आदि का वितरण किया गया है, उसकी मानीटरिंग कराई जाय और यदि लाभार्थियांे को किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो तत्काल दूर कराया जाय। उन्होंने कहा कि लोगों को ऋण एवं टूलकिट उपलब्ध कराने के साथ ही उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में प्राथमिकता दी जाय। इसके लिए उन्होंने उत्पादों की आनलाइन बिक्री व्यवस्था को बढ़ावा देने विशेष बल दिया। साथ ही निर्देश दिए कि जिस प्रकार निजी क्षेत्र एप एवं फोन काल के माध्यम से लोगों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराते हैं, उसी प्रकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थिंयो के लिए भी एक प्लेटफार्म तैयार कराया जाय और उनकी सेवाएं आनलाइन लोगों को मुहैया कराने की व्यवस्था बनाई जाय। इससे जहां एक ओर लोगों को एक फोन काल पर तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी, वहीं दूसरी ओर छोटे-छोटे उद्यमियों जैसे बाल काटने, लान्ड्री, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, प्लम्बर आदि व्यवसाय से जुड़े लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा।

लघु उद्योग मंत्री ने परम्परागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए संचालित ओ0डी0ओ0पी0 योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि यह योजना प्रदेश सरकार की सबसे महात्वाकांक्षी योजना है। इसके संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त योजनाओं के संचालन हेतु अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। उन्होंने कहा हर मण्डल पर उद्योग बंधु की बैठक कराई जायेगी। इसमें उद्यमियों की समस्याओं का तत्काल निराकरण भी कराया जायेगा। उन्होंने जेम पोर्टल को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल पर ज्यादा से ज्यादा बिक्री करने वाले उद्यमियों को सम्मानित करने की योजना बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही जेम की तर्ज पर यूपीजेम विकसित करने पर विशेष बल दिया, ताकि यहां के उद्यमियों को अधिक से अधिक लाभ हो सके।  उन्होंने प्रदेश से गत वर्ष हुए एक लाख करोड़ के निर्यात पर प्रसन्नता जाहिर की। साथ निर्यात का लक्ष्य और बढ़ाने के निर्देश दिए।

श्री महाना ने अन्य विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जायं। रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को इस व्यवसाय से जोड़ा जाये। किसानों को प्रमोट करने के लिए नई-नई स्कीम चलाई जाय। इसी प्रकार वस्त्रोद्योग को भी बढ़ावा देने के नई रूपरेखा तैयार की जाय।

प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिये गये सभी सुझावों एवं निर्देश का अक्षरशः पालन कराया जायेगा। निदेशक उद्योग श्री के0 रविन्द्र नायक ने मंत्री जी को विभाग में संचालित योजनाओं की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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