लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हासिल करते हुये रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन किया है। उन्होंने रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन के लिये सभी किसानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज की खेती वैज्ञानिक एवं उन्नत तरीकों की खेती हो गयी है। खेती की लागत कम करते हुये एफ0पी0ओ0 के माध्यम से कृषि यंत्रों, उन्नत तकनीकी एवं जैविक खाद के प्रयोग से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में बढ़त कर किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है।
श्री शाही आज कृषि भवन स्थित सभागर में आयोजित राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2019 में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है। उन्हांेने बताया कि सरकार द्वारा मोटे अनाज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य अन्य अनाज की तुलना में अधिक रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसान गेहूं व धान की खेती के साथ-साथ दलहन, तिलहन की खेती पर भी विशेष ध्यान दें।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। मिलियन फार्मर्स स्कूल के माध्यम से भी किसानों को कृषि के उन्नत साधनों एवं कृषि रक्षा के उपायों के बारे में जागरूक किया गया है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुये कहा कि वे खरीफ फसल के कटान के उपरान्त फसल अवशेष को खेतों में न जलायें। उन्होंने फसल अवशेष को खेत में ही मिलाकर भूमि में मृदा संरक्षण एवं उर्वरा शक्ति को बढ़ाने पर जोर दिया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने सभी किसानों को फसल अवशेष न जलाने की शपथ भी दिलाई।
उद्यान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चैहान ने कहा कि किसानों की समृद्धि एवं उत्थान से ही प्रदेश की समृद्धि सम्भव है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की अपनी सीमित सीमा है, जब तक इसमें बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं मधुमक्खी पालन को शामिल नहीं किया जायेगा, तब तक किसानों की आय दोगुनी होना संभव नहीं है। उन्होंने एक किसान की शिकायत पर कहा कि गुणवत्तापरक सामग्री की आपूर्ति न करने वाले आपूर्तिकता फर्म की जांच कराई जायेगी। जांच में दोषी पाये जाने पर फर्म के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
कृषि राज्यमंत्री, श्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि प्रदेश का सर्वाधिक क्षेत्रफल कृषि योग्य है। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिये प्रदेश में इस प्रकार की गोष्ठियां बराबर की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश को 5 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश को 1 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिये कृषि क्षेत्र को सबसे ऊपर रखा गया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री आर0के0 तिवारी ने कहा कि किसानों के बीच आना अत्यंत आनंद एवं सुखद अनूभूति प्रदान करता है। सरकार का संकल्प है कि किसान की आय 2022 तक दोगुनी हो जाय। उन्होंने कहा कि किसान खुश, सुखी एवं समृद्ध होगा, तो देश समृद्ध होगा। किसानों को समृद्ध बनाने के लिये प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि अधिक एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उत्पादन के लिये समय से फसल बुवाई आवश्यक है। समय से फसल की बुवाई न होने से प्रतिदिन की दर से 1.5 प्रतिशत उत्पादन का हृास होता है।
प्रमुख सचिव कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि पुरूष किसानों के साथ-साथ आज यहां बड़ी संख्या में महिला किसान भी उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘वैज्ञानिकों की बात-किसानों के साथ’’ कार्यक्रम से सरकार की किसानों की बीच पहुंच काफी व्यापक हुयी है। उन्होंने किसानों को पारम्परिक कृषि के साथ-साथ अन्य कृषि साधनों जैसे – पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन एवं बागवानी किये जाने पर जोर देते हुये कहा कि अन्य साधन अपनाने से ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के संतुलित प्रयोग के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिये आगामी 11 अक्टूबर को प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद एवं उर्वरक का उपयोग किये जाने पर विशेष बल दिया।
इस अवसर पर विभिन्न मण्डल एवं जनपदों से आये किसानों ने अपने मण्डल व जनपदों को प्रतिनिधित्व करते हुये कृषि सम्बन्धी समस्याओं के बारे में अवगत कराया। साथ ही कृषि कार्य में सुधार के लिये कई सुझाव भी दिये। गोष्ठी के दौरान किसानों की समस्याओं का निराकरण करते हुये उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के तौर-तरीकों के बारे में भी अवगत कराया गया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्यान, प्रमुख सचिव पशुपालन, प्रमुख अभियंता सिंचाई, निदेशक कृषि सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में लखनऊ मण्डल के विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी आदि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न मण्डलों व जनपदों से आये किसानों ने भी प्रतिभाग किया।