लखनऊ: प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में निशातगंज स्थित राजकीय इण्टर कालेज के प्रांगण में चल रहे यूपी महोत्सव 2016 की नवीं सांस्कृतिक संध्या में आज आयोजित कौमी एकता कवि सम्मेलन-मुशायरा व बच्चों के नृत्य ने मंत्र मुग्ध किया।
शरद पाण्डेय शशांक की वाणी वंदना से आरम्भ हुए कौमी एकता कवि सम्मेलन-मुशायरा में अनिल अनाड़ी ने सुनाया-झोला डाले चला फकीर बदलने देश की तश्वीर, कुछ कर न पाया खास पर बदले नियम पास बधाई हो, आया है नया साल बधाई हो नोटबन्दी का भूचाल बधाई हो। मनमोहन बाराकोटी की पंक्तियां थीं-नही करो बर्बाद मित्र तुम खुद की नई जवानी, नही चाहिए हर मानव कोअपनी साख गवानी, सच्चा लक्ष्य बनाकर अपनी आगे बढ़ते जाओ, बीता समय भुलाकर अपना लिखो नई कहानी।
अर्जुन सागर ने कहा-मोदी जी किया धमाल बड़े बडे़ हो गए हलाल, मजदूरों की खस्ताहाल बन्द नोट ने किया कमाल, सबको मुबारक हो नया साल। शरद पाण्डेय शशांक की बानगी थी- नोटबन्द की बात सुन गए बहुत से लोट मानो मोदी ने दिया गला है उनका घोट। गोबर गणेश की पंक्तिया थी-लरिका बच्चा नंगे घूमे, ना जाये चाहे वी स्कूल, वहिते तुमका का करे, तुम अपना काम करो, अपन गिलास भरे रहो, तुम पिये रहो तुम पिये रहो।
कुंवर कुशमेश ने सुनाया-आ गई फिर घूम फिर कर याद पहली जनवरी, तीन सौ पैसठ दिनों के बाद पहली जनवरी। श्याम मिश्र ने कहा-एक गूंगा था एक था बहरा और एक था बहरा, अंधें ने गूंगे और बहरे से पूछा भाई कैसा है प्रजातंत्र, ब हरे ने सुना नही गूंगा बोलने में था असमर्थ, आगे की कहानी व्यर्थ। डा0 मंसूर हसन खान की पंक्तियां थी- अंाप चाहे जो समझें वे वफा नही मन्सूर, आप होते गए उसके वह भी आपका होता।
सिद्धेश्वर क्रांति ने कहा- अक्सर हम गलत फहमियो मे पड़ जाते, गीता कुरान की जिल्द एक सी होती है, हम अंतर करते हैं धोती सलवारों में, हर एक बहन की लाज एक सी होती है, गीता कुरान बायबिल नही लड़ती, लड़वाने वालों तुम अपनी जुबान बदलो। शकील ने कहा- कर्ज है हम पर शहीदाने वतन का दोस्तो, सोचते हैं किस तरह यह हक अदा हो पायेगा।के0के0सिंह मयंक ने सुनाया- जो तिरंगे को करना नमन छोड़ दे, उनसे कह दो वो मेरा वतन छोड़ दे।
फुरकत लखीमपुरी की बानगी थी- उन लोगों की महफिल में हम खुद न जायेंगे, उन लोगों से अब मिलना तौहीन हमारी है। कार्यक्रम में भोजपुरी कवि कृष्णा नन्द राय ने अपनी पुरकशिश आवाज में पेड़ लगाकर हरियाली से पर्यावरण बचाना है, नदियों का जल स्वच्छ रहे साफ सफाई अपनाना है कविता को सुनाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत किया।
संगीत से सजे कार्यक्रम के अगले प्रसून में उन्नति मेहरा, अनुष्का अरोड़ा, कर्णिका पाण्डे, आयुषी तिवारी और अर्पणा श्रीवास्तव ने निमोड़ा निमोड़ा निमोड़ा गीत पर भावपूर्ण अभिनय युक्त नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीता। इसी क्रम मंे शिवांगी ने हमरी अटरिया पे, अविश ने पिया तोसे नैना लागे रे और परी खन्ना ने मुझको प्यार है गीत पर थिरक कर दर्शकों का मन मोहा। इस अवसर पर प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के विनोद कुमार सिंह, एन0बी0सिंह, हीरेन्द्र सिंह, कृष्णा नन्द राय के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।