नई दिल्ली: आज भारत के आत्मविश्वास से भरे होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाक्रमों जैसे कि छह युवा महिला नौसेना अधिकारियों को नाविका सागर परिक्रमा में मिली शानदार सफलता और कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवा भारतीय खिलाडि़यों की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने नीलगिरी पहाडि़यों में नीलकुरिंजी के पुष्प के खिलने का भी उल्लेख किया जो प्रत्येक 12 वर्षों में एक बार खिलते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में समाप्त संसद का सत्र इस लिहाज से उल्लेखनीय रहा कि यह सामाजिक न्याय के ध्येय को समर्पित रहा। उन्होंने यह बात भी रेखांकित की कि भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आ चुका है।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सुरक्षा बलों और पुलिस बलों के जवानों को नमन किया। उन्होंने विशेषकर जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को स्मरण किया जिसे वर्ष 1919 में बैशाखी दिवस पर बड़ी ही निर्दयता के साथ अंजाम दिया गया था। उन्होंने देश के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
उन्होंने महान कवि सुब्रमण्यम भारती को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत दुनिया को सभी तरह के बंधनों से मुक्त होने का मार्ग दिखायेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के सपने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा साझा किये गये थे और एक ऐसे देश के इस सपने को साकार करने के लिए बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा एक समावेशी संविधान तैयार किया गया था जहां गरीबों को न्याय मिलता है और आगे बढ़ने के लिए सभी को समान अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अब राष्ट्र निर्माण के लिए एकजुट हो रहे हैं। उन्होंने शौचालयों के निर्माण, गांवों में बिजली पहुंचाने, एलपीजी गैस कनेक्शन देने और आवास निर्माण जैसे क्षेत्रों में विकास की गति काफी तेज होने के उदाहरण दिये।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए ज्यादा एमएसपी, जीएसटी और एक रैंक-एक पेंशन सहित ऐसे कई निर्णय लिये हैं जो लंबे अर्से से लंबित पड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि वर्ष 2013 की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों और एजेंसियों का नजरिया भारत के प्रति किस तरह से बदल चुका है। उन्होंने कहा कि ‘नीतिगत निष्क्रियता’ के दौर से उबरकर भारत अब ‘सुधार, प्रदर्शन एवं रूपांतरण’ की ओर अग्रसर हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत अब कई महत्वपूर्ण बहुपक्षीय संगठनों का एक सदस्य है और इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की अगुवाई कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र आज खेलों में उपलब्धियां हासिल करने, विद्युत सुविधा से वंचित अंतिम गांवों में बिजली पहुंचाने और जैव खेती का केन्द्र बनने के लिए समाचारों की सुर्खियों में है।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ‘मुद्रा’ योजना के तहत 13 करोड़ लोन वितरित किये जा रहे हैं और उनमें से चार करोड़ लोन इस तरह के ऋणों से पहली बार लाभान्वित हो रहे लोगों को दिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। उन्होंने स्वयं की अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुए भारत द्वारा वर्ष 2022 तक मानव सहित अंतरिक्ष मिशन ‘गगन यान’ का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत इस तरह की उपलब्धि हासिल करने के साथ ही दुनिया का चौथा देश बन जायेगा।
वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के विज़न को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने का लक्ष्य है जो अत्यंत कठिन प्रतीत होते हैं। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना जैसी पहल लोगों को सम्मान दिला रही हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों जैसे कि डब्ल्यूएचओ ने स्वच्छ भारत मिशन की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत के गरीबों को बेहतरीन एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि इस योजना से 50 करोड़ लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताते हुए कहा कि किस तरह लगभग 6 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर सरकारी लाभों को सही हकदार व्यक्तियों तक पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के ईमानदार करदाताओं की राष्ट्र की प्रगति में उल्लेखनीय भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि इन करदाताओं की बदौलत ही कई लोगों का भरण-पोषण संभव हो पाता है और गरीबों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलते हैं।
प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि भ्रष्ट लोगों के साथ-साथ काला धन रखने वाले लोगों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गलियारे अब सत्ता के दलालों से मुक्त हो गये हैं और गरीबों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारतीय सशस्त्र बलों में कार्यरत अस्थायी कमीशंड महिला अधिकारी भी अब पारदर्शी चयन प्रक्रिया के जरिये स्थायी कमीशंड अधिकारी बनने की हकदार होंगी।
‘तीन तलाक’ प्रथा के कारण मुस्लिम महिलाओं से अन्याय होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को यह आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अवश्य ही न्याय मिले।
प्रधानमंत्री ने देश में वामपंथी चरमवाद में कमी होने का उल्लेख किया। उन्होंने जम्मू–कश्मीर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत’ विज़न को दोहराया।
उन्होंने सभी के लिए आवास, सभी के लिए बिजली, सभी के लिए स्वच्छ ईंधन, सभी के लिए जल, सभी के लिए स्वच्छता, सभी के लिए कौशल, सभी के लिए स्वास्थ्य, सभी के लिए बीमा और सभी के लिए कनेक्टिविटी के विज़न पर विशेष जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्रगति करे, कुपोषण समाप्त हो और देशवासी बेहतर जिंदगी जिएं, यह देखने के लिए वह बेसब्र, व्याकुल और उत्सुक हैं।