नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में नई दिल्ली में आयोजित प्रार्थना सभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि हमारे हाथ में यह नहीं है कि हमारा जीवन कितना लम्बा हो, लेकिन हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि हमारा जीवन कैसा होगा। उन्होंने कहा कि अटलजी ने अपने जीवन में यह दिखाया कि जीवन कैस होना चाहिए और इसका उद्देश्य क्या होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अटलजी ने हर पल आम जन के लिए बिताया। युवा अवस्था से लेकर जब तक शरीर ने साथ दिया, वह देश के लिए जिये। उन्होंने कहा कि अटलजी देशवासियों के लिए, अपने सिद्धांतों के लिए और जनसाधारण की आकांक्षाओं के लिए जिये।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयीजी ने अपना अधिकतर राजनीतिक जीवन उस समय बिताया, जब मजबूत राजनीतिक विचारधारा का कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि अलगाव सहने के बावजूद वह अपने आदर्शो के प्रति संकल्पबद्ध रहे। वह लम्बे समय तक विपक्ष में रहे, लेकिन उनके आदर्श अछूते रहे। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वाजपेयीजी ने संसदीय परम्पराओं का सम्मान किया और अवसर आने पर लोगों की भलाई के लिए अपने विज़न को लागू किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनमें प्रत्येक क्षण अटल का अनुभव किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 मई 1998 को परमाणु परीक्षण करके उन्होंने विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने इन परीक्षणों की सफल्ता का श्रेय हमारे वैज्ञानिकों के कौशल को दिया। व्यापक वैश्विक प्रतिकूल प्रतिक्रिया के बावजूद अटलजी दबाव में नहीं झुके और विश्व को दिखाया कि भारत अटल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी जी के नेतृत्व में किसी तरह की कड़वाहट के बिना तीन नये राज्यों का गठन किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी जी ने यह दिखाया कि निर्णय लेने में कैसे सभी को साथ लेकर चला जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाते हुए कहा कि जब अटलजी ने केन्द्र में पहली बार सरकार बनाई तो कोई भी समर्थन देने को राजी नहीं था और सरकार 13 दिनों में गिर गई, लेकिन अटलजी ने आशा नहीं खोई और लोगों की सेवा करने के प्रति संकल्पबद्ध रहे। उन्होंने गठबंधन की राजनीति की राह दिखाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयीजी ने कश्मीर पर वैश्विक धारणा को बदल दिया। उन्होंने आतंकवाद के विषय को उठाया और इसे विश्व के केन्द्र में ला खड़ा किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अटलजी हमारी प्रेरणा बने रहेंगे। वह सार्वजनिक जीवन और राजनीति से एक दशक से अधिक समय तक दूर रहे, लेकिन उनके निधन पर भावनाओं का सैलाब उमड़ा। यह उनकी महानता को दिखाता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अटलजी से कभी नहीं मिलने वाले युवा भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने कल एशियाई खेलों में प्राप्त स्वर्ण पदक को अटलजी के प्रति समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति कितनी ऊंचाई और कितनी बड़ी सफलता हासिल कर सकता है।