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प्रधानमंत्री 5 अप्रैल, 2016 को ‘स्टैंड अप इंडिया स्कीम’ का शुभारंभ करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री 5 अप्रैल, 2016 को नोएडा के सैक्टर 62 में ‘स्टैंड अप इंडिया स्कीम’ और इस योजना के लिए एक वेब पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, केंद्रीय वित्त मंत्री, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री के अलावा केंद्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित होंगे।

‘स्टैंड अप इंडिया स्कीम’ का 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये तक की सीमा में ऋणों के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए प्रारंभ किया जा रहा है। इस योजना से ऐसे उद्यमियों को बड़ी संख्या में लाभ मिलने की संभावना है।

इस योजना की व्‍यापक विशेषताएं इस प्रकार हैं:-

1. नये उद्यम स्थापित करने के लिए कार्यशील पूंजी घटक के समग्र के तौर पर 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये तक के बीच के संयुक्त ऋण।

2. कार्यशील पूंजी के आहरण के लिए डेबिड कार्ड (रूपे)।

3. ऋण प्राप्तकर्ता का ऋण इतिहास तैयार किया जाएगा।

4. 10 हजार करोड़ रुपये की प्रारंभिक धनराशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्‍यम से पुन: वित्त सुविधा।

5. एनसीजीटीसी के माध्‍यम से ऋण गारंटी के लिए 5000 करोड़ रुपये के कोष का निर्माण।

6. ऋण पूर्व प्रशिक्षण आवश्यकताओं, ऋण को सुविधाजनक बनाने, फैक्टरिंग और विपणन आदि के लिए सहायता के साथ ऋण लेने वाले को व्यापक समर्थन।

7. ऑन लाइन पंजीकरण और सहायता सेवाओं के लिए वेब पोर्टल। इस प्रस्ताव का समग्र उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला ऋण प्राप्तकर्ताओं के द्वारा गैर कृषि क्षेत्र में उद्यमों की स्थापना के लिए बैंक ऋणों की सुविधा प्रदान करते हुए जनसंख्या के सेवाधीन क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए संस्थागत ऋण संरचना का लाभ उठाना है। इस पहल से अन्य विभागों में चल रही योजनाओं के साथ सहयोग करने का भी लाभ मिलेगा। इस प्रक्रिया का नेतृत्व सिडबी के द्वारा संपूर्ण देश के विशेष संस्थानों के विभिन्न क्षेत्रों में दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री के सहयोग से किया जाएगा। सिडबी के कार्यालय और कृषि एवं ग्रामीण विकास राष्ट्रीय बैंकों को स्टैंड अप संपर्क केंद्रों के तौर पर नामित किया जाएगा।

उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) के द्वारा 5100 ई-रिक्शाओं का भी वितरण किया जाएगा। इसके अलावा प्राप्तकर्ताओं को प्रधानमंत्री जनधन योना, प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, अटल पेंशनल योजना और अन्य 8 महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री योजनाओं के तहत शामिल किया जाएगा।

भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) का उद्देश्य देश में गरीब और बेसहारा लोगों को लाभ देने के लिए वित्तीय समावेश और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में जागरुकता फैलाना है। ई-रिक्शा से पैडल रिक्शा की प्रगति से स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में योगदान में सहायता मिलेगी। भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) के प्रबंध निदेशक विजय पांडेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘सच हुआ सपना रिक्शा हुआ अपना’।

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना का शुभारंभ किया था। यह सर्वविदित है कि इसके अंतर्गत अपार सफलता प्राप्त करते हुए 21.3 करोड़ से ज्यादा खाते खोले गए। इसके बाद प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्र के द्वारा किया गया, जिसके तहत 8 अप्रैल, 2015 तक 10 लाख रुपये तक के ऋणों की सुविधा प्रदान की गई। अद्यतन, इस योजना के अंतर्गत 1.22 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं जिसमें 57.75 लाख अनुसूचित जाति, 15.15 लाख अनुसूचित जनजाति और 2.52 करोड़ महिला उद्यमी लाभा‍न्वित हो चुके हैं। समग्र विकास में तेजी लाने लिए प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2015 को राष्ट्र को दिए गए अपने संबोधन में ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ पहल की घोषणा की थी।

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