प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवसारी में ए.एम. नाइक हेल्थकेयर कॉम्प्लेक्स और निराली मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से खरेल शिक्षा परिसर का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज नवसारी को कई परियोजनाएं मिली हैं जो इस क्षेत्र के लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करेंगी। उन्होंने निराली ट्रस्ट और श्री ए.एम. नाइक की भावना की भी सराहना की, जिन्होंने एक व्यक्तिगत त्रासदी को एक अवसर में बदल दिया जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई अन्य परिवार ऐसी स्थिति का सामना न करे। साथ ही उन्होंने नवसारी के लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य परिसर और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के सशक्तिकरण और जीवन को आसान बनाने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का आधुनिकीकरण और उस तक पहुंच महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हमने देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले 8 वर्षों के दौरान समग्र दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया है।” उन्होंने विस्तार से बताया कि उपचार सुविधाओं के आधुनिकीकरण के साथ-साथ पोषण और स्वच्छ जीवन शैली में सुधार के प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा उद्देश्य गरीबों और मध्यम वर्ग को बीमारी से बचाना है और बीमारी की स्थिति में हमारा लक्ष्य खर्चों को भी कम करना है।” उन्होंने गुजरात के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य संबंधी संकेतकों में सुधार का उल्लेख किया क्योंकि नीति आयोग के सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में गुजरात सबसे ऊपर है।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने उन दिनों को याद किया जब उन्होंने स्वस्थ गुजरात, उज्जवल गुजरात, मुख्यमंत्री अमृतम योजना जैसी योजनाओं की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि यह अनुभव पूरे देश के गरीबों की सेवा करने में मदद कर रहा है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत गुजरात में 41 लाख रोगियों ने निःशुल्क इलाज का लाभ उठाया है और इनमें से कई महिलाएं, वंचित और आदिवासी थे I इस योजना से मरीजों के 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई है। गुजरात को 7.5 हजार से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र और 600 ‘दीनदयाल औषधालय’ मिले हैं। गुजरात के सरकारी अस्पताल कैंसर जैसी बीमारियों के उन्नत उपचार से निपटने के लिए सुसज्जित हैं। भावनगर, जामनगर, राजकोट आदि कई शहरों में कैंसर के इलाज की सुविधा देखने को मिल रही है। किडनी के इलाज के मामले में राज्य में बुनियादी ढांचे का वैसा ही विस्तार दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण मानकों में सुधार की भी बात की। उन्होंने संस्थागत प्रसव के लिए चिरंजीवी योजना का हवाला दिया, जिससे 14 लाख माताओं को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात की चिरंजीवी और खिखिलाहट योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर मिशन इंद्रधनुष और पीएम मातृ वंदना योजना में विस्तारित किया गया है। प्रधानमंत्री ने राज्य में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के उपायों को भी सूचीबद्ध किया। राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) आ रहा है, राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 30 तक पहुंच गई है और एमबीबीएस की सीटें 1100 से बढ़कर 5700 हो गई हैं और स्नातकोत्तर (पीजी) की सीटें सिर्फ 800 से बढ़कर 2000 हो गई हैं।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के लोगों की सेवा भावना को सलाम करते हुए अपने सम्बोधन का समापन किया। उन्होंने कहा, “गुजरात के लोगों के लिए स्वास्थ्य और सेवा जीवन का लक्ष्य है। हमारे पास बापू जैसे महापुरुषों की प्रेरणा है जिन्होंने सेवा को देश की ताकत बनाया। गुजरात का यह जोश आज भी ऊर्जा से भरा है। यहां सबसे सफल व्यक्ति भी किसी न किसी सेवा कार्य से जुड़ा होता है। अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात की सेवा भावना इसकी क्षमता में वृद्धि के साथ बढ़ेगी।