नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली स्थित इस्कॉन मंदिर के गीता आराधना महोत्सव – भारत का गौरव सांस्कृतिक केन्द्र में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने इस्कॉन के श्रद्धालुओं द्वारा तैयार अनोखी भागवत गीता का विमोचन किया। इस गीता का आकार 2.8 मीटर है और वजन 800 किलोग्राम है।
जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शानदार भागवत गीता का विमोचन करने का यह एक विशेष अवसर है। उन्होंने कहा कि यह अनोखी पुस्तक दुनिया के लिए भारत के ज्ञान का प्रतीक बनेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने जेल में रहते हुए ‘गीता रहस्य’ लिखा था, जिसमें उन्होंने सरल तरीके से निष्काम कर्म के भगवान कृष्ण के संदेश का वर्णन किया था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने लिखा “गांधी के अनुसार भागवत गीता”। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की एक प्रति उन्होंने अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को दी थी।
प्रधानमंत्री ने इस ग्रंथ के बारे में विश्व स्तर पर जागरूकता बढ़ाने में श्रीला भक्तिवेदांत प्रभुपादजी के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत गीता हमेशा हमारी मार्गदर्शक हो सकती है, जब हम जीवन में संकट की स्थिति का सामना कर रहे होते हैं। गीता के प्रसिद्ध श्लोक को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वरीय शक्ति हमेशा हमारे साथ होती है, जब हम मानवता के दुश्मनों से मुकाबला करते हैं। उन्होंने कहा कि गीता हमें लोगों की और राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मूल्य और संस्कृति मानवता के सामने मौजूद अनेक समस्याओं का समाधान देती है। इस संदर्भ में उन्होंने योग और आयुर्वेद का जिक्र किया।