16.9 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रधानमंत्री ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेल में भाग लेने जा रहे भारतीय पैरा-एथलीट दल के साथ बातचीत की

देश-विदेश

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये टोक्‍यो-2020 के पैरालंपिक खेलों के भारतीय पैरा एथलीट दल तथा पैरा-एथलीटों के परिजनों, अभिभावकों और कोचों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर केन्‍द्रीय युवा मामले एवं खेल एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने पैरा एथलीटों के आत्‍मबल और उनकी इच्‍छाशक्ति की सराहना की। उन्‍होंने पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेने जा रहे अब-तक के सबसे बड़े दल के लिए एथलीटों की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया। उन्‍होंने कहा कि पैरा एथलीटों के साथ बातचीत के बाद उन्‍हें उम्‍मीद है कि भारत टोक्‍यो 2020 पैरालंपिक खेलों में एक नया इतिहास रचेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का नया भारत पदकों के लिए एथलीटों पर दबाव नहीं डालता, बल्कि उनसे उनका सर्वश्रेष्‍ठ देने की उम्‍मीद करता है। हाल के ओलंपिक्‍स का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एथलीट अपने प्रयासों में जीतें या हारें, देश हमेशा उनके साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने मैदान में शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने पैरा एथलीटों की उनकी परिस्थितियों से उबरने और उनके बावजूद आगे बढ़ने के लिए प्रशंसा की। खेलने के अवसरों (एक्सपोजर) की कमी और नई जगह, नए लोगों एवं अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, दल के लिए खेल मनोविज्ञान संबंधी कार्यशाला और संगोष्ठियों के माध्यम से तीन सत्र आयोजित किए गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे गांव और दूरदराज के इलाके प्रतिभा से भरे हुए हैं और पैरा एथलीटों का दल इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं के बारे में सोचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें सभी संसाधन एवं सुविधाएं मिलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में कई युवा खिलाड़ी हैं जिनमें पदक जीतने की क्षमता है। आज देश उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए देश भर में 360 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए गए हैं। जल्द ही यह संख्या बढ़ाकर 1,000 कर दी जाएगी। खिलाड़ियों को उपकरण, मैदान और अन्य संसाधन तथा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है। देश खुले दिल से अपने खिलाड़ियों की मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ (टॉप्स) के जरिए देश ने जरूरी सुविधाएं दीं और लक्ष्य निर्धारित किए।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर देश को खेलों में शीर्ष तक पहुंचना है तो हमें उस पुराने डर को मन से निकालना होगा जो पुरानी पीढ़ी के मन में बैठ गया था। किसी बच्चे का अगर खेल में ज्यादा मन लगता तो घर वालों को चिंता हो जाती थी कि वह आगे क्या करेगा? क्योंकि एक-दो खेलों को छोड़कर खेल हमारे लिए सफलता या करियर का पैमाना ही नहीं रह गए थे। इस मानसिकता को, असुरक्षा की भावना को तोड़ना हमारे लिए बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हमें भारत में खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए अपने तरीकों और प्रणाली में सुधार करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पारंपरिक खेलों को नई पहचान मिल रही है। उन्होंने मणिपुर की राजधानी इम्फाल में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों की स्थिति और खेलो इंडिया आंदोलन का इस दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के तौर पर उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने पैरा एथलीटों से कहा कि चाहे वे किसी भी खेल का प्रतिनिधित्व करते हों, वे एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा, “आप जिस भी राज्य, क्षेत्र से ताल्लुक रखते हो, जो भी भाषा बोलते हो, उन सबसे ऊपर, आज आप ‘टीम इंडिया’ हैं। यह भावना हमारे समाज के हर क्षेत्र में होनी चाहिए, हर स्तर पर दिखनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले दिव्यांगजनों को सुविधाएं देना कल्याणकारी समझा जाता था, लेकिन आज देश इसे अपना दायित्व मानकर काम कर रहा है। इसलिए देश की संसद ने दिव्यांगजनों को व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम’ जैसा कानून बनाया। उन्होंने कहा कि ‘सुगम्य भारत अभियान’ इस नई सोच का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज सैकड़ों सरकारी भवनों, रेलवे स्टेशनों, ट्रेन के डिब्बों, घरेलू हवाई अड्डों और अन्य बुनियादी ढांचे को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय साइन लैंग्वेज का मानक शब्दकोश, एनसीईआरटी का साइन लैंग्वेज अनुवाद जैसे प्रयास जीवन बदल रहे हैं और साथ ही बहुत सारी प्रतिभाओं को यह भरोसा मिल रहा है कि वे देश के लिए कुछ कर सकते हैं।

पैरालंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए नौ खेलों के 54 पैरा एथलीट राष्ट्र टोक्यो जाएंगे। यह पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाला भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More