प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दवा उद्योग (फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री) के प्रमुखों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में दवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
इस चुनौती भरे समय में दवा उद्योग जिस तरीके से काम कर रहा है, उसके लिए प्रधानमंत्री ने सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दवा उद्योग के प्रयासों का परिणाम है कि आज भारत को ‘फॉर्मेसी ऑफ वर्ल्ड’ के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान दुनिया भर में 150 से ज्यादा देशों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद, भारतीय दवा उद्योग ने निर्यात में 18 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, जो इसकी क्षमता को दर्शाता है।
वायरस की दूसरी लहर और मामलों की बढ़ती संख्या का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक जरूरी दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए दवा उद्योग के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने रेमडेसिविर जैसे इंजेक्शन की कीमत घटाने के लिए भी उनकी सराहना की। दवाएं और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने दवा उद्योग से बाधारहित आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन जैसी सुविधाओं के लिए सरकार की तरफ से सहायता का भरोसा दिलाया।
उन्होंने उद्योग से कोविड के साथ भविष्य में हो सकने वाले खतरों पर अधिक से अधिक शोध करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह वायरस से लड़ाई जीतने में हमारी मदद करेगा।
दवा उद्योग से सहयोग की अपील करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिलाया कि सरकार नई दवाओं और नियामकीय प्रक्रिया के लिए सुधार करने जा रही है।
फार्मा उद्योग के प्रमुखों ने सरकार से मिलने वाली सक्रिय मदद और समर्थन की सराहना की। उन्होंने बीते एक साल में दवाओं की उपलब्धता, विनिर्माण और आपूर्ति बनाए रखने के लिए किए गए प्रयासों को रेखांकित किया। विनिर्माण, परिवहन, रसद (लॉजिस्टिक्स) और सहायक सेवाओं के लिए फार्मा हब में परिचालन को उच्चतम बनाए रखा जा रहा है। प्रतिभागियों ने कोविड उपचार प्रोटोकॉल से जुड़ी कुछ दवाओं की मांग में अप्रत्याशित उछाल के बावजूद देश में दवाओं की संपूर्ण मांग को पूरा करने के लिए किए गए उपायों की जानकारी भी साझा की गई।
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्ष वर्धन, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय मंत्री रसायन एवं उर्वरक श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, राज्य मंत्री (रसायन एवं उर्वरक) मनसुख मंडाविया, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, डॉ. वी. के. पॉल, सदस्य (एच) नीति आयोग, कैबिनेट सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, केंद्रीय औषधि सचिव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, के साथ केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों के अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।