नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने निर्वाचन क्षेत्र-वाराणसी के लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि वाराणसी के सांसद होने के नाते उन्हें इस समय में उनके बीच रहना चाहिए था लेकिन जो चीजें दिल्ली में चल रही हैं, उनके कारण यह संभव नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि व्यस्तता होने के बावजूद, वे अपने सहयोगियों से वाराणसी के बारे में नियमित अपडेट लेते रहते हैं। देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद वाराणसी के लोगों के साथ यह प्रधानमंत्री की पहली बातचीत थी।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने हमारे देश को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने की पूरी शक्ति मिलने के लिए देवी शैलपुत्री से प्रार्थना और अनुष्ठान किया। उन्होंने कहा “कई बार लोग ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं जो कि बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, वही भारत में हो रहा है।” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे तथ्यों को समझें और अफवाहों पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अमीर और गरीब के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है और यह किसी पर भी दया नहीं दिखाएगा। उन्होंने काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सरकार द्वारा कोरोनो वायरस के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए व्हाट्सएप के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी या हिंदी में ‘नमस्ते’ लिखकर व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से इस 9013151515 नंबर तक तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि महाभारत के युद्ध को जीतने में 18 दिनों का समय लगा था और भारत को नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध जीतने में 21 दिन लगेंगे।
प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि अगर वे कोई ऐसी कोई घटना देखें, जहां पर डॉक्टरों और नर्सों जैसे पेशेवरों के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार किया जाता है, तो उन्हें ऐसा करने वाले लोगों को समझाने के लिए पहल करनी चाहिए कि वे गलत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय और डीजीपी से कहा है कि वे उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो इस नाजुक समय में हमारी सेवा कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पेशेवरों का समर्थन या सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस देश का आम आदमी सही समय पर सही कदम उठाने में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि 22 मार्च को यह स्पष्ट रूप से दिखाई दिया कि कैसे सभी नागरिकों ने जनता कर्फ्यू का समर्थन किया और फिर शाम 5 बजे आवश्यक सेवाओं में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले पेशेवरों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सफेद पोशाक में काम करने वाले हेल्थकेयर पेशेवर आज हमारे लिए भगवान के समान हैं, वे अपनी जान को जोखिम में डालकर इस बीमारी से हमारी रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न कार्यक्षेत्रों के लोगों के प्रश्नों और शंकाओं का भी उत्तर दिया।