नई दिल्ली: जहाजरानी तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि जन औषधि केंद्र कोविड-19 स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं क्योंकि प्रति दिन लगभग 10 लाख व्यक्ति किफायती मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं खरीदने 6000 पीएम जन औषधि केंद्रों पर जा रहे हैं। ये केंद्र हाइड्रो क्लोरोक्वीन भी बेच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल विभाग की एक अभिनव पहल है और जन औषधि केंद्र इस स्कीम के तहत किफायती मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के अभिलषित सपनों को पूरा करने के लिए खोले गए हैं।
पद भार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि केंद्रों को खोले जाने को प्रोत्साहित करते रहे हैं। इन 5.5 वर्षों के शासन में, देश में लगभग 6000 जन औषधि केंद्रों ने प्रचालन आरंभ किया जहां सम मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं औसत बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती बेची जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि किफायती मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं बेचने के अतिरिक्त, कई जन औषधि केंद्रों ने लॉकडाउन अवधि के दौरान जरुरतमंद लोगों को राशन किट, कूक्ड भोजन, निशुल्क दवाएं आदि भी वितरित की हैं।
कोविड-19 जैसी विशेष स्थिति में, जन औषधि केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। गरीबों एवं जरुरतमंद लोगों की दिन रात अनथक सेवा करने के लिए 6000 जन औषधि केंद्रों का प्रचालन हो रहा है। अप्रैल, 2020 में लगभग 52 करोड़ रुपये के बराबर के मूल्य की दवाओं की आपूर्ति पूरे देश भर में की गई है। जन औषधि केंद्र हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू), एन95 मास्क, थ्री-प्लाई मास्क, हैंड सैनिटाइजर, आदि की भी सस्मे मूल्यों पर बिक्री कर रहे हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए श्री मंडाविया ने कहा, ‘मैं इन जन औषधि स्टोर मालिकों द्वारा जरुरतमंद लोगों की असाधारण एवं सराहनीय सामाजिक सेवा की प्रशंसा करता हूं।’