नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर में सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। उन्होंने राजस्थान के लिए 13 शहरी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया।
उसके बाद, उन्होंने भारत सरकार एवं राजस्थान की कल्याणकारी योजनाओं के चुने हुए लाभार्थियों द्वारा उठाए गए अनुभवों की एक श्रव्य-दृश्य प्रस्तुति का अवलोकन किया। इस प्रस्तुति को राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा संचालित किया गया। इन योजनाओं में कई अन्य योजनाओं के अतिरिक्त, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री आवास योजनाएं आदि शामिल थीं।
एक विशाल एवं उत्साही जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह स्वयं इसका अनुभव कर रहे हैं कि राजस्थान किस प्रकार आगंतुकों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि आगंतुक उस प्रगति की वास्तविक तस्वीर देख सकते हैं जो राज्य ने पिछले कुछ वर्षों में हासिल की है। उन्होंने राजस्थान को साहस की भूमि करार दिया। उन्होंने कहा कि चाहे प्रकृति के साथ सामंजस्य रखना हो, या अपने राष्ट्र की रक्षा करनी हो, राजस्थान ने हमेशा रास्ता दिखाया है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य में कार्य संस्कृति में बदलाव ला दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राजस्थान की सरकार राज्य की प्रगति के लिए एक साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों, जो आज की प्रस्तुति में शामिल थे, की प्रसन्नता आज यहां उपस्थित जनसमूह के समक्ष स्पष्ट थी।
प्रधानमंत्री ने विस्तारपूर्वक बताया कि किस प्रकार केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने वर्तमान खरीफ मौसम के लिए घोषित, विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृ़िद्ध किए जाने की भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन, जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और सौभाग्य योजना सहित राजस्थान में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति का भी उल्लेख किया।
इसका उल्लेख करते हुए कि अगले वर्ष राजस्थान 70 वर्ष पूरे कर लेगा, प्रधानमंत्री ने एक विकसित राजस्थान के सृजन की प्रतिबद्धता फिर से दुहराने की अपील की, जो नया भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।