प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लगभग 5.21 लाख लाभार्थियों के ‘गृह प्रवेशम’ में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय और राज्य मंत्री, संसद सदस्य और राज्य के विधायक उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विक्रम संवत के आगामी नए साल में लाभार्थियों को उनके ‘गृह प्रवेशम’ के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कुछ दलों ने गरीबी दूर करने के लिए नारे बहुत लगाए लेकिन गरीबों को सशक्त करने के लिए काम नहीं किया। उन्होंने कहा, “एक बार जब गरीब सशक्त होता है तो उसमें गरीबी से लड़ने का हौसला आता है। एक ईमानदार सरकार के प्रयास, एक सशक्त गरीब के प्रयास जब साथ मिलते हैं तो गरीबी परास्त होती है।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बने ये सवा पांच लाख घर, सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। ये सवा पांच लाख घर, देश में सशक्त होते गरीब की पहचान हैं।” श्री मोदी ने कहा कि गरीबों को अपना पक्का घर देने का ये अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है। ये गांव को, गरीब को विश्वास देने की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा, “ये गरीब को गरीबी से बाहर निकलने की हिम्मत देने की पहली सीढ़ी है।” उन्होंने कहा, “ये घर सेवा भावना और गांवों की महिलाओं को ‘लखपति’ बनाने के अभियान को दर्शाते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले बनाए गए कुछ लाख घरों की तुलना में, यह सरकार पहले ही 2.5 करोड़ पक्के घर सौंप चुकी है, जिनमें से 2 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी भी इस अभियान को धीमा नहीं कर सकी है। मध्य प्रदेश में स्वीकृत 30 लाख घरों में से 24 लाख घरों के माध्यम से लोग पहले ही पूर्ण रूप से लाभान्वित हो चुके हैं, जिनमें बैगा, सहरिया और भारिया समाज के लोग शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमएवाई के तहत घरों में शौचालय, सौभाग्य योजना बिजली कनेक्शन, उजाला योजना एलईडी बल्ब, उज्ज्वला गैस कनेक्शन और हर घर जल के तहत पानी का कनेक्शन है, जिससे लाभार्थियों को इन लाभों के लिए इधर-उधर भागने की परेशानी से मुक्ति मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत जो घर बने हैं, उनमें से करीब-करीब दो करोड़ घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का भी है। इस मालिकाना हक ने, घर के दूसरे आर्थिक फैसलों में भी महिलाओं की भागीदारी को मजबूत किया है। महिलाओं के सम्मान और जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की परेशानी को दूर करने के लिए हमने हर घर जल पहुंचाने का बीड़ा भी उठाया है। बीते ढाई साल में इस योजना के तहत देशभर में 6 करोड़ से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल कनेक्शन मिल चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 साल में आई इस सबसे बड़ी महामारी में, हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त राशन के लिए 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अगले 6 महीने में इस पर 80 हजार करोड़ रुपए और खर्च किए जाएंगे। इच्छित लाभार्थियों को पूर्ण लाभ प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, सरकार ने 4 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को रिकॉर्ड से बाहर कर दिया है। 2014 में सरकार में आने के बाद से ही हमारी सरकार ने इन फर्जी नामों को खोजना शुरू किया और इन्हें राशन की लिस्ट से हटाया ताकि गरीब को उसका हक मिल सके। अमृत काल के दौरान हर लाभार्थी तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि सरकार योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य लेकर भेदभाव और भ्रष्टाचार की संभावना को खत्म कर रही है।
सरकार स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति रिकॉर्ड को औपचारिक रूप देकर गांवों में कारोबारी माहौल को आसान बना रही है। मध्य प्रदेश में सभी जिलों के 50 हजार गांवों का सर्वे किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक गांव की अर्थव्यवस्था को सिर्फ खेती तक ही सीमित करके देखा गया। हम खेती को, किसान को, पशुपालक को ड्रोन जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी और प्राकृतिक खेती जैसी पुरातन व्यवस्था की ओर प्रोत्साहित कर ही रहे हैं। साथ ही गांव की दूसरी क्षमताओं को भी निखार रहे हैं। उन्होंने एमएसपी खरीद में नए रिकॉर्ड बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि अनाज की सरकारी खरीद में एमपी ने गजब काम किया है, नया रिकॉर्ड बनाया है, देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। मध्य प्रदेश के किसान को भी पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 13 हजार करोड़ रुपये मिले।
प्रधानमंत्री ने आगामी नव वर्ष (प्रतिपदा) में प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हम सब मिलकर एक काम कर सकते हैं। हम संकल्प करें कि इस वर्ष प्रतिपदा से अगली वर्ष प्रतिपदा के तक, हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाएंगे। संभव हो तो हर जिले में ये अमृत सरोवर नए हों, बड़े हों। उन्होंने कहा कि इसके लिए मनरेगा की राशि का उपयोग किया जा सकता है और यह भूमि, प्रकृति, छोटे किसानों, महिलाओं और यहां तक कि पक्षियों और जानवरों के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा। उन्होंने हर राज्य सरकार, स्थानीय निकायों और पंचायतों से इस दिशा में काम करने की अपील की।