नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के तुमकुर में श्री सिद्धगंगा मठ का दौरा किया और श्री श्री शिवकुमार स्वामीजी के स्मारक संग्रहालय का शिलान्यास किया।
श्री सिद्धगंगा मठ तुमकुर में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बहुत सौभाग्यशाली हैं कि वह ऐसी पवित्र भूमि से वर्ष 2020 की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने यह उम्मीद जाहिर की कि श्री सिद्धगंगा मठ की पवित्र ऊर्जा हमारे देश के लोगों के जीवन को समृद्ध बनाएगी।
उन्होंने कहा कि “हम सभी पूज्य स्वामी श्री श्री शिवकुमार जी की शारीरिक अनुपस्थिति को अनुभव करते हैं। मैंने इस बात का व्यक्तिगत रूप से अनुभव किया है कि उनका निहारना मात्र ही बहुत समृद्ध और प्रेरणादायक था। उनके प्रेरणादायक व्यक्तित्व से यह पवित्र स्थान दशकों से समाज को दिशा प्रदान कर रहा है।”
Addressing a public meeting in Tumakuru. https://t.co/vBIUGp0cDg
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2020
उन्होंने कहा कि “यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे श्री श्री शिवकुमार जी की स्मृति में बनाए जाने वाले इस संग्रहालय की आधारशिला रखने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। यह संग्रहालय न केवल लोगों को प्रेरित करेगा, बल्कि समाज और देश को दिशा देने का काम भी करेगा। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है।
उन्होंने राष्ट्र से यह स्मरण करने के लिए कहा कि पिछले दशक की शुरुआत कैसे हुई। उन्होंने यह भी कहा कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उम्मीदों, आकांक्षाओं के मजबूत पायदान पर शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “आकांक्षा एक नए भारत के लिए है, जो युवा सपनों की है। यह देश की बहन-बेटियों की आकांक्षा है। यह आकांक्षा देश के गरीबों, दलितों, वंचितों, पीड़ितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए है।
“यह आकांक्षा भारत को एक समृद्ध, सक्षम और संपूर्ण विश्व शक्ति के रूप में देखने की है। यह प्रत्येक भारतीय की मनोभावना बन गयी है कि हमें जो समस्याएं विरासत में मिली हैं, उनका समाधान करना होगा। समाज से निकला यह संदेश हमारी सरकार को प्रेरित और प्रोत्साहित करता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक लोग अपनी और अपनी बेटियों की जान बचाने के लिए पाकिस्तान से भाग कर भारत आए हैं।
उन्होंने कहा कि हर देशवासी के मन में यह सवाल है कि लोग पाकिस्तान के खिलाफ बोलने की बजाय इन पीड़ित लोगों के खिलाफ क्यों जुलूस निकाल रहे हैं।
भारत की संसद के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के लिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि “अगर आपको आंदोलन करना है तो पिछले 70 वर्षों में पाकिस्तान द्वारा किए गए कारनामों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। आज जरूरत इस बात की है कि पाकिस्तान की इस कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुलासा किया जाए। अगर आपको नारे लगाने हैं, तो पाकिस्तान में जिस तरह से अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उसके खिलाफ नारे लगाएं। अगर आपको कोई जुलूस निकालना है तो पाकिस्तान में प्रताड़ित किए जा रहे हिंदू-दलित-पीड़ित-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालें।
प्रधानमंत्री ने 3 प्रस्तावों के बारे में संत समाज का सक्रिय समर्थन मांगा है।
पहला, हर व्यक्ति के कर्तव्यों और दायित्वों को महत्व देते हुए भारत की प्राचीन संस्कृति को मजबूत बनाना।
दूसरा, प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा करना।
और तीसरा, जल संरक्षण, जल संचयन के बारे में जन जागरूकता के लिए सहयोग करना।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा ही उचित मार्ग के लिए संतों, महात्माओं और गुरुओं को एक प्रकाशस्तंभ के रूप में देखा है।
PM @narendramodi visited the Sree Siddaganga Mutt in Tumakuru.
He paid respects to His Holiness Dr. Sree Sree Sree Sivakumara Swamigalu.
PM also interacted with various saints and seers. pic.twitter.com/29WIcekqlk
— PMO India (@PMOIndia) January 2, 2020