New Delhi: 11 अगस्त है। 110 वर्ष पहले देश की आज़ादी के लिए आज के ही दिन, खुदीराम बोस ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया था। मैं उस वीर क्रान्तिकारी को नमन करता हूं, देश की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।
आज़ादी के लिए जिन्होंने प्राण दिए, अपना सबकुछ समर्पित किया , वो अमर हो गए, वो प्रेरणा के मूर्ति बन गए | लेकिन हम लोग हैं जिन्हें आज़ादी के लिए मरने का सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन हमारा यह भी सौभाग्य हैं की हम आज़ाद भारत के लिए जी सकते हैं, हम देश के आज़ादी को राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए जी करके जिन्दगी का एक नया लुत्फ़ उठा सकते है। आज मैं अपने सामने, आप के भीतर, आपके चेहरे पर जो उत्साह देख रहा हूं, जो आत्मविश्वास देख रहा हूँ, वो आश्वस्त करने वाला है कि हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।
IIT Bombay स्वतंत्र भारत के उन संस्थानों में है जिनकी परिकल्पना टेक्नॉलॉजी के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण को नई दिशा देने के लिए की गई थी। बीते 60 वर्षों से आप निरंतर अपने इस मिशन में जुटे हैं। 100 छात्रों से शुरु हुआ सफर आज 10 हज़ार तक पहुंच चुका है। इस दौरान आपने खुद को दुनिया के टॉप संस्थानों में स्थापित भी किया है। यह संस्थान अपनी हीरक जयंति मना रहा हैं, डायमंड जुबली । पर उससे अधिक महतवपूर्ण हैं वे सभी हीरे, जो यहाँ मेरे सामने बठे हैं, जिन्हें आज दीक्षा प्राप्त हो रही हैं, और जो यहाँ से दीक्षा पाकर, पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। आज इस अवसर पर सबसे पहले मैं डिग्री पाने वाले देश-विदेश के विद्यार्थियों को , और उनके परिवारों को हृदयपूर्वक बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। आज यहां डॉक्टर रोमेश वाधवानी जी को डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि भी दी गई है। डॉक्टर वाधवानी को भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। रमेश जी ने टेक्नॉलॉजी को जन सामान्य की आवश्यकताओं से जोड़ने के लिए उम्रभर काम किया है। वाधवानी फाउंडेशन के जरिए इन्होंने देश में युवाओं के लिए रोज़गार निर्माण, Skill, Innovation और Enterprise का माहौल तैयार करने का बीड़ा उठाया है। एक संस्थान के बतौर ये आप सभी के लिए भी गर्व का विषय है कि यहां से निकले वाधवानी जी जैसे अनेक छात्र-छात्राएं आज देश के विकास में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। बीते 6 दशकों की निरंतर कोशिशों का ही परिणाम है कि IIT Bombay ने देश के चुनिंदा Institutions of Eminence में अपनी जगह बनाई है। और अभी आपको बताया गया कि आपको अब एक हज़ार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलने वाली है जो आने वाले समय में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में काम आने वाला है। इसके लिए भी मैं आपको और पूरी इस टीम को बहुत-बहुत बधाई।
The nation is proud of the IITs, and what IIT graduates have achieved. The success of the IITs led to the creation of several engineering colleges around the country. They were inspired by the IITs, and this led to India becoming one of the world’s largest pools of technical manpower. The IITs have built Brand India globally. And they did it over the years. IIT graduates went to America and excelled there: first as students in Universities and then as technology experts, entrepreneurs, executives and in academics. It was a large number of IIT students who built the IT sector in India, brick by brick..or I should say, click by click. Earlier Indians with the IT sector were considered hard working and intelligent – but mainly in other nations, mainly in the US. Now India has become the destination for IT development.
And today, IIT graduates are at the forefront of some of the best start-ups in India. These are start-ups that are also at the forefront of solving so many national problems. To those working in the start-up movement or are planning to start one after College, please do remember that the biggest corporations of today were start-ups of yesterday. They were the result of idealism combined with hard-work and diligence. Keep at it, do not give up, and you will succeed.
You are fortunate to have lived in a campus like this, in a city like Mumbai. You have a lake on one side, and the hills too. Occasionally, you share your campus with crocodiles and leopards. It is still August, but I am sure the mood is indigo today! I am sure the last four years were a wonderful learning experience for you all.
There is so much to look back and remember the college festivals, inter hostel sports, student-faculty associations. Did I mention some studies as well? You have received what can be called the best that our education system has to offer. Students here represent the diversity of India. From different states, speaking different languages, from different backgrounds, you merge here in pursuit of knowledge and learning.
IIT Bombay देश के उन संस्थानों में से है जो New India की New Technology के लिए काम कर रहा है। आने वाले दो दशकों में दुनिया का विकास कितना और कैसा होगा, ये Innovation और नई टेक्नॉलॉजी तय करेगी। ऐसे में आपके इस संस्थान का, IIT का रोल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। चाहे 5G ब्रॉडबैंड टेक्नॉलॉजी हो, Artificial Intelligence हो, Block Chain Technology हो, Big Data Analysis हो या फिर Machine Learning, ये वो तकनीक है जो आने वाले समय में Smart Manufacturing और Smart Cities के विजन के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होने वाली है।
अब से कुछ देर बाद जिस नई बिल्डिंग का उद्घाटन होगा, वो भी इस दिशा में अहम साबित होने वाली है। Department of Energy Science and Engineering और Centre for Environmental Science and Engineering इस नई बिल्डिंग में काम करने वाले हैं। ये देखते हुए कि Energy और Environment देश और दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं, और मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यहां इन दोनों क्षेत्रों में रिसर्च के लिए बेहतर माहौल बनेगा।
मुझे बताया गया है कि इस बिल्डिंग में एक Solar Lab भी स्थापित की जा रही है, जिससे छात्रों को Solar Energy से जुड़ी रिसर्च में सुविधा होगी। Solar Energy के अलावा Biofuel भी आने वाले समय में Clean Energy का एक बहुत बड़ा source सिद्ध होने वाला है। मैंने कल दिल्ली में World Biofuel Day के अवसर पर भी कहा था कि इससे जुड़ी टेक्नॉलॉजी को लेकर इंजीनियरिंग के छोटे से लेकर बड़े संस्थान में पढ़ाई हो, Research हो।
IIT को देश और दुनिया Indian Institute of Technology के रूप में जानती है। लेकिन आज हमारे लिए इनकी परिभाषा थोड़ी बदल गई है। ये सिर्फ Technology की पढ़ाई से जुड़े स्थान भर नहीं रह गए हैं, बल्कि IIT आज India’s Instrument of Transformation बन गए हैं। हम जब Transformation की बात करते हैं तो Start Up की जिस क्रांति की तरफ देश आगे बढ़ रहा है, उसका एक बहुत बड़ा Source हमारे IIT हैं। आज दुनिया IIT को Unicorn Start Ups की नर्सरी के रूप में मान रही है। यानि वो स्टार्ट अप अभी भारत में शुरू हो रहे हैं जिनकी भविष्य में Value एक अरब डॉलर से अधिक की होने की संभावना जताई जाती है। ये एक प्रकार से तकनीक के दर्पण हैं, जिसमें दुनिया को भविष्य नज़र आता है।
आज दुनिया भर में जितने भी बिलियन डॉलर Start Ups हैं, उनमें दर्जनों ऐसे हैं जिनको IIT से निकले लोगों ने स्थापित किया है। आज अपने सामने मैं भविष्य के ऐसे अनेक Unicorn Founders को देख रहा हूं।
Innovations and Enterprise are going to be the foundation stone for making India a developed economy. A long term sustainable technology-led economic growth is possible on this foundation.
यही कारण है कि हमने Start Up India और Atal Innovation Mission जैसे अभियान शुरु किए हैं जिनके परिणाम अब मिलने लगे हैं। आज भारत Start Up के क्षेत्र में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा Ecosystem है। 10 हज़ार से अधिक Start Ups को देश में nurture किया जा रहा है और फंडिंग की भी एक व्यापक व्यवस्था की जा रही है।
आज Innovation Index की रैंकिंग में हम निरंतर ऊपर चढ़ रहे हैं। इसका अर्थ ये है कि Education से लेकर Environment तक की जो हमारी Holistic Approach है उसका परिणाम आज दुनिया के सामने आ रहा है। देश में साइंटिफिक टेंपर विकसित करने, रिसर्च का माहौल बनाने के लिए हायर एजुकेशन में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है।
Innovation is the buzzword of the 21st century. Any society that does not innovate will stagnate. That India is a emerging as a hub for start-ups shows that the thrust for innovation is very much there. We must build on this further and make India the most attractive destination for innovation and enterprise. And, this will not happen through Government efforts alone. It will happen through youngsters like you. The best ideas do not come in Government buildings or in fancy offices. They come in campuses like yours, in the minds of youngsters like you.
My appeal to you and many other youngsters like you is: Innovate in India, Innovate for humanity.
From mitigating climate change to ensuring better agricultural productivity, From cleaner energy to water conservation, From combating malnutrition to effective waste management. Let us affirm that the best ideas will come from Indian laboratories and from Indian students. On our part, we are doing everything possible to foster a spirit of research and innovation in India.
बीते चार वर्षों में 7 नए IIT, 7 नए IIM, 2 IISER और 11 IIIT, स्वीकृत किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए RISE यानि Revitalisation of Infrastructure and Systems in Education कार्यक्रम शुरु किया गया है। इसके तहत आने वाले चार वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। नए संस्थान, नया इंफ्रास्ट्र्क्चर आवश्यक हैं लेकिन उससे भी ज़रूरी वहां से तैयार होने वाली skilled power है। सरकार इस पर भी ध्यान दे रही है।
देश आज हर वर्ष लगभग 7 लाख इंजीनियर कैंपस में तैयार करता है, लेकिन कुछ लोग सिर्फ डिग्री लेकर ही निकलते हैं। उनमें स्किल क्षमता उतनी विकसित नहीं हो पाती। मैं यहां मौजूद शिक्षकों से, बुद्धिजीवियों से आग्रह करता हूं कि इस बारे में सोचें, कैसे क्वालिटी को सुधारा जाए इस पर सुझाव लेकर आएं। Quantity ही नहीं बल्कि Quality भी उच्च स्तर की हो ये सुनिश्चित करना आप सभी की, हम सभी का सामुहिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार प्रयास भी कर रही है।
आपकी जानकारी में होगा कि सरकार Prime Minister’s Research Fellows योजना चला रही है। इसके तहत हर वर्ष देशभर के एक हज़ार मेधावी इंजीनियरिंग छात्रों को रिसर्च के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस योजना में चयनित छात्रों को पीएचडी के लिए, IIT और IISc जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में ही दाखिला मिलने की व्यवस्था होती है । ये Fellowship आपको देश में रहते हुए ही रिसर्च के लिए बेहतरीन सुविधाएं देने का अवसर उपलब्ध करा रही है। IIT Bombay के छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ उठाना चाहिए।
यहां जितने लोग भी बैठे हैं, वो या तो शिक्षक हैं या फिर भविष्य के लीडर हैं। आप आने वाले समय में देश के लिए या किसी संस्थान के लिए पॉलिसी मेकिंग के काम में जुड़ने वाले हैं। आप जैसे टेक्नॉलॉजी और Innovation से नए स्टार्ट अप के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। क्या करना है, कैसे करना है, इसके लिए आपका एक निश्चित विजन भी होगा।
पुराने तौर-तरीकों को छोड़ना अकसर आसान नहीं होता। समाज और सरकारी व्यवस्थाओं के साथ भी यह समस्या होती है। कल्पना कीजिए की हज़ारों वर्षों से जो आदतें विकसित हुईं, सैकड़ों वर्षों से जो सिस्टम चल रहा था, उनको बदलाव के लिए convince करना कितना मुश्किल काम है। लेकिन जब आपकी सोच और कर्म के केंद्र में Dedication, Motivation और Aspiration होती है तो आप सारी बाधाओं को पार पाने में सफल होते हैं।
आज सरकार आप सभी की, देश के करोड़ों युवाओं की आकांक्षाओं को सामने रखकर काम कर रही है। मेरा आप सभी से भी इतना ही आग्रह है कि अपनी असफलता की उलझन को मन से निकालें, सफलता मिलेगी नहीं मिलेगी, करु ना करु , उलझन को निकाले और Aspirations पर फोकस करें। ऊंचे लक्ष्य, ऊंची सोच आपको अधिक प्रेरित करेगी, उलझन आपके Talent को सीमाओं में बांध देगा।
सिर्फ आकांक्षाएं होना ही काफी नहीं है, लक्ष्य भी अहम होता है। आप में से आज जो यहां से बाहर निकल रहे हैं या फिर आने वाले सालों में निकलने वाले हैं, आप सभी किसी ना किसी संस्थान से जुड़ने वाले हैं। किसी नए संस्थान की नींव डालने वाले हैं। मुझे उम्मीद है, ऐसे हर कार्य में आप देश की आवश्यकताओं, देशवासियों की जरूरतों का अवश्य ध्यान रखेंगे। ऐसी अनेक समस्याएं हैं जिनका समाधान आप सभी ढूंढ सकते हैं।
सवा सौ करोड़ देशवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए, Ease Of Living सुनिश्चित करने के लिए आपके हर प्रयास, हर विचार के साथ ये सरकार खड़ी है, आपके साथ चलने को तैयार है । इसलिए मेरी जब भी आप जैसे छात्रों, वैज्ञानिक बंधुओं, उद्मियों से बात होती है तो मैं IIT जैसे तमाम संस्थानों के इर्दगिर्द City Based Clusters of Science की चर्चा ज़रूर करता हूं। मकसद ये है कि Students, Teachers, Industry, Start Up से जुड़े तमाम लोगों को एक ही जगह पर, एक दूसरे की आवश्यकताओं के हिसाब से काम करने, R&D करने का अवसर मिले। अब जैसे मुंबई के जिस इलाके में आपका संस्थान है, उसे ही लीजिए। मुझे जानकारी दी गई है कि यहां ग्रेटर मुंबई में लगभग 800 कॉलेज और Institutes हैं, जिनमें लगभग साढ़े 9 लाख युवा पढ़ाई कर रहे हैं। आज जब हम यहां Convocation के लिए जुटे हैं, ये इस संस्थान का डायमंड जुबली वर्ष भी है, इस अवसर पर आपको मैं एक संकल्प से जोड़ना चाहता हूं। क्या IIT Bombay, City Based Centre of Excellence का केंद्र बन सकता है?
आप भली भांति जानते हैं कि सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) को कानून बनाकर अधिक Autonomy दी है। सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि IIM से पढ़कर निकले विद्यार्थी -अलुमनाई, इन संस्थानों में और ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएं। IIM के Board of Governors में भी उनको प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। मैं समझता हूं कि IIT जैसे संस्थानों को भी अपने अलुमनाई के अनुभवों का फायदा उठाने के लिए इस तरह के फैसले पर विचार करना चाहिए। ऐसा होने पर अलुमनाई को भी अपने संस्थान के लिए कुछ बेहतर करने का मौका मिलेगा। मेरे सामने बैठा हर छात्र भविष्य का अलुमनाई है और मेरी इस बात से आप सभी सहमत होंगे कि अलुमनाई एक ऐसी शक्ति है जो इस संस्थान को नई ऊंचाई देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुझे बताया गया है कि सिर्फ IIT Bombay के लिए 50 हजार से ज्यादा अलुमनाई हैं। इनके ज्ञान, इनके अनुभव का बहुत बड़ा फायदा आपको मिल सकता है।
यहां पहुंचने के लिए आपने बहुत परिश्रम किया है। आप में से अनेक साथी ऐसे होंगे जो अभावों से जूझते हुए यहां तक पहुंचे हैं। आपमें अद्भुत क्षमता है, जिसके बेहतर परिणाम भी आपको मिल रहा है। लेकिन ऐसे भी लाखों युवा हैं जो यहां आने के लिए परिश्रम करते हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाती। उनमें Talent की कमी है ऐसा नहीं है। अवसरों और गाइडेंस के अभाव में उन्हें ये मौका नहीं मिल पाया है। ऐसे अनेक छात्रों के जीवन में, उनका मार्गदर्शन कर आप एक नई शक्ति , नई चेतना , नई रोशनी ला सकते हैं। ये और भी बेहतर होगा अगर IIT Bombay आस-पास के स्कूलों के लिए Outreach Programme बनाए। छोटे-छोटे बच्चों को यहां कैंपस में लाने का प्रबंध हो ताकि वो साइंटिफिक रिसर्च के लिए प्रेरित हों। आपकी जानकारी में होगा कि अब अटल टिंकरिंग लैब का भी एक बहुत बड़ा अभियान देश के स्कूलों में चलाया जा रहा है। जहां Artificial Intelligence, 3D Printing जैसी नई टेक्नॉलॉजी से बच्चों को परिचित करवाया जा रहा है। स्कूलों में इस प्रकार की Outreach से इस अभियान को भी मदद मिलेगी। संभव है कि नन्हें मस्तिष्क के नवीन विचारों से कभी कभी हम बड़ो को , आप सभी को भी कुछ नई प्रेरणा मिल जाए।
आज जो डिग्री आपको मिली है, ये आपके dedication, लक्ष्य के प्रति आपके समर्पण का प्रतीक है। याद रखिए कि ये सिर्फ एक पड़ाव भर है, असली चुनौती आपका बाहर इंतज़ार कर रही है। आपने आज तक जो हासिल किया और आगे जो करने जा रहे हैं, उससे आपकी अपनी, आपके परिवार की, सवा सौ करोड़ देशवासियों की उम्मीदें जुड़ी हैं। आप जो करने वाले हैं उससे देश की नई पीढ़ी का भविष्य भी बनेगा और New India भी मजबूत होगा ।
करोड़ों उम्मीदों को पूरा करने में आप सफल हों, इसके लिए एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत बहुत बधाई देता हूँ, आप सबके बीच कुछ समय बिताने का अवसर मिला मैं अपनेआप को धन्य मानता हूँ ।