New Delhi: मंच पर उपस्थित जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्रीमान एन.एन.वोहरा जी, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान नितिन गडकरी जी, डॉक्टर जितेन्द्र सिंह जी, आर.के. सिहं जी, जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री श्रीमान कवींद्र गुप्ता जी, राज्य के ऊर्जा मंत्री श्री सुनील कुमार शर्मा जी, विधान सभा के डिप्टी स्पीकर श्री नजीर अहमद खान जी, सांसद और देश के वरिष्ठ नेता, आदरणीय डॉक्टर फारूख अब्दुल्ला जी, सांसद श्रीमान मुज्जफर हुसैन बैग जी, और यहां उपस्थित सभी अन्य महानुभाव और जम्मू-कश्मीर के मेरे प्यारे भाइयो और बहनों।
एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में आप सभी के बीच आने का अवसर मुझे मिला है। आपका अपनापन, अपना स्नेह ही जो मुझे बार-बार खींचकर यहां लाता है। बीते चार वर्ष में ऐसा कोई साल नहीं रहा जब मेरा यहां आना नहीं हुआ है। जब श्रीनगर में बाढ़ के बाद भी दिवाली थी, मैं यहां पीड़ि़तों के बीच ही अपनी दिवाली मनाई थी। इसके अलावा सीमा पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने का मुझे अवसर मिला और आज जब रमजान का पवित्र महीना चल रहा है तब भी मैं आपके बीच में हूं। ये महीना पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके संदेश को याद करने का अवसर है। उनके जीवन से समानता और भाईचारे की सीख ही सही मायने में देश और दुनिया को आगे ले जा सकती है।
ये भी सुखद संयोग है कि रमजान के इस मुबारक महीने में हम यहां एक बहुत बड़े सपने को पूरा होने पर इक्ट्ठा हुए थे। आज मुझे Kishanganga Hydro Electric Project को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। कई मुश्किलों से पार पाने के बाद ये प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में नए आयाम जोड़ने के लिए तैयार है। अस अवसर पर मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इससे राज्य को सिर्फ मुफ्त ही नहीं, बल्कि पर्याप्त बिजली भी मिलेगी। अभी जम्मू-कश्मीर को जितनी बिजली की आवश्यकता होती है उसका एक बड़ा हिस्सा देश के दूसरे हिस्से से पूरा किया जाता है। 330 मेगावाट की इस परियोजना के शुरू होने से बिजली की कमी की समस्या को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा।
भाइयो और बहनों, ये प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग की बेजोड़ मिसाल है। इसे पूरा करने के लिए अनेक लोगों ने तपस्या की है। पहाड़ के सीने को चीर करके किशनगंगा के पानी को tunnel के जरिए बांदीपोरा के बोनार नाले में पहुंचाया गया। इस परियोजना से जुड़े हर कामगार, हर कर्मचारी, हर इंजीनियर सब को ही विशेष बधाई के पात्र हैं। आपके ही हौसले का परिणाम है कि इस मुश्किल प्रोजेक्ट को हम पूरा कर पाए हैं।
अभी यहां इस मंच से मुझे श्रीनगर रोड के, रिंग रोड के शिलान्यास का भी अवसर मिला है। Forty two किलोमीटर की इस सड़क पर five hundred करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया जाएगा। ये रिंग रोड श्रीनगर शहर के भीतरी इलाकों में जो जाम की समस्या है उसको काफी हद तक कम करने का कार्य करेगी, आपकी जिंदगी आसान बनाएगी।
साथ में जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए राज्य के तीनों हिस्सों कश्मीर, जम्मू और लद्दाख का संतुलित विकास बहुत ही आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए ढाई साल पहले 80 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया था। मुझे खुशी है इतने कम समय में लगभग sixty three thousand करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी जा चुकी है और 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च भी हो चुके हैं। इस राशि से जम्मू-कश्मीर में IIT बनाने का काम, IIM बनाने का काम, दो AIIMS बनाने का काम, प्राथमिक चिकित्सालयों से लेकर जिला अस्पतालों के आधुनिकीकरण का काम भी चल रहा है।
नए नेशनल हाइवे, ऑलवेदर रोड, नई सुरंगें, पॉवर ट्रांसमीशन और distribution line, नदियों और झीलों का संरक्षण, किसानों के लिए योजनाएं, cold storage, वेयरहाउसिंग, नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर ये अनेक नए initiative लिए जा रहे हैं। 21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर यहां के लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं के अनुरूप हो, इस पर प्राथमिकता से काम किया जा रहा है।
साथियों, जब भी मैं पहाड़ पर जाता हूं एक कहावत जरूर याद आती है। पहले कहा जाता था की पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी कभी पहाड़ के काम नहीं आता है। ये कहावत तब की है जब आधुनिक तकनीक का उतना प्रसार नहीं हुआ था, इंसान प्रकृति के सामने मजबूर था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। इस कहावत को आप सभी के सहयोग से हम बदलने में जुटे हैं। जम्मू-कश्मीर का पानी और यहां की जवानी, दोनों इस धरती के काम आने वाले हैं।
जम्मू-कश्मीर में कई नदियां हैं जहां जल-विद्युत की अपार संभावनाएं हैं। ये देश का वो हिस्सा हैं जो न सिर्फ अपनी जरूरतों को बल्कि देश के लिए भी बिजली पैदा करने का सामर्थ्य रखता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीते चार वर्षों से हम यहां अनेक परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। किश्तवाड़ में 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनने वाले hydro power plant पर भी काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के हर घर तक बेरोकटोक बिजली पहुंचाने के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। Smart Grid और Smart meter जैसी Advanced Technology का इस्तेमाल किया जा रहा है। Street Lights का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के गांव से लेकर कस्बों तक को रोशन करने के लिए, राज्य के बिजली Distribution System को सुधारने के लिए लगभग 4 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।
साथियों, सिर्फ गांव और घरों तक बिजली पहुंचाना भर ही मकसद नहीं है। बल्कि जिन घरों में बिजली पहुंच चुकी है उनमें बिजली का बिल बोझ ना बने इसके लिए भी प्रयास हो रहे हैं। उजाला योजना के तहत जम्मू-कश्मीर में भी 78 लाख से अधिक LED बल्ब बांटे जा चुके हैं। इससे यहां की जनता को जो बिजली में बिल में हर वर्ष करीब-करीब 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हो रही है। सरकार राज्य के हर घर तक बिजली पहुंचाने की मुहिम में जुटी हुई है। सौभाग्य योजना के तहत अब जम्मू-कश्मीर के हर उस घर में मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का काम चल रहा है, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची है।
साथियों जम्मू-कश्मीर में विकास का सबसे बड़ा माध्यम अगर कोई सेक्टर है, तो वो है टूरिज्म, ये दशकों से हम देखते आ रहे हैं। कम निवेश पर सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाला ये सेक्टर जम्मू-कश्मीर के भाग्य का भाग्य विधाता रहा है। लेकिन अब ये सेक्टर पुराने तौर-तरीकों पर नहीं चलता। आज का टूरिस्ट, आज की सुविधाएं चाहता है। वो एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए घंटों तक इंतजार नहीं करना चाहता, वो संकरे रास्तों में फंसना नहीं चाहता, वो लगातार बिजली चाहता है, वो साफ-सफाई चाहता है, वो अच्छी हवाई सेवा चाहता है।
टूरिज्म के लिए जिस आधुनिक इकोसिस्टम की आवश्यकता होती है, उसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार अनेक योजनाओं पर आगे बढ़ रही है। जितना ये इकोसिस्टम मजबूत होगा, उतना ही जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार के लिए नए अवसर भी मिलेंगे, उतना ही आपकी कमाई बढ़ेगी।
साथियों, पूरे विश्व में अनेक क्षेत्र ऐसे हैं, जहां की पूरी अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर केंद्रित है, पूरे देश की अर्थव्यवस्था। अकेले जम्मू-कश्मीर में वो क्षमता है कि वो भारत की अर्थव्यवस्था की गति और बढ़ा सकने का सामर्थ्य रखता है। अगर मैं सिर्फ टूरिज्म की बात करूं तो लगभग 2 हजार करोड़ रुपए के निवेश से 12 डेवलपमेंट अथॉरिटीज, 3 टूरिज्म सर्किट, 50 टूरिस्ट विलेज बनाने का काम किया जाएगा। लेकिन जैसे मैंने पहले कहा, टूरिज्म, के साथ ही उसके पूरे इकोसिस्टम को मजबूत किया जाना बहुत आवश्यक है।
इस इकोसिस्टम का बहुत बड़ा आधार है कनेक्टिविटी। यही कारण है कि कनेक्टिविटी के लिए जम्मू-कश्मीर में बहुत बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य को दिए गए पैकेज का लगभग आधा हिस्सा रोड सेक्टर पर ही खर्च किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में नेशनल हाईवे का जाल बिछाया जा रहा है।
यहां आने से पहले, मैंने देश की सबसे लंबी जोजिला सुरंग के कार्य का शुभारंभ कियाहै। ये टनल जम्मू-कश्मीर में विकास की नई गाथा लिखने वाली है। आप सोचिए, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो अक्सर, पढ़ाई के लिए जाते हुए, रिश्तेदारों से मिलने जाने के लिए, इलाज के लिए जाते हुए, व्यापार के लिए आते-जाते समय, सामान की खरीद-बिक्री के समय, आपको परेशान कम होना पड़ेगा। रास्ते में देरी के चलते जो हमारे सेब खराब हो जाते हैं, हमारी वेजिटेबल्स खराब हो जाती हैं, यहां के किसानों का जो नुकसान होताहै, वो भी हम बहुत बड़ी मात्रा में कम कर सकेंगे।
यहां श्रीनगर में बनने वाली रिंग रोड हो, श्रीनगर-शोपियां-काज़ीगुंड नेशनल हाईवे हो या फिर चेनानी-सुधमहादेव-गोहा रोड हो, इनके पूरा होने पर आप लोगों का समय भी बचेगा और संसाधनों की बर्बादी भी कम होगी। राज्य के ऐसे इलाके जो बर्फबारी में महीनों के लिए कट जाते हैं, उन्हें भी जोड़ा जा रहा है, उनके लिए हेलीकॉप्टर सर्विस मुहैया कराई जा रही है। ये भी आपकी जानकारी में है कि सरकार द्वारा श्रीनगर और जम्मू को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भी काम प्रगति पर है।
शहरों में पानी की सप्लाई और सीवेज की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अमृत योजना के तहत लगभग साढ़े 5 सौ करोड़ व्यय किए जा रहे हैं।जब आधुनिक सुविधाएं होंगी, आधुनिक सड़कें होंगी, तो आपकी जिंदगी तो आसान बनेगी ही, जम्मू-कश्मीर में, उसकी सुदंरता में भी और नए चार चांद लगने वाले हैं।
भाइयों और बहनों, जब हम गांव और शहरों को Smart बनाने की बात करते हैं तो स्वच्छता इसका एक अहम हिस्सा है। मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर की जनता भी इस अभियान को पूरी शक्ति से आगे बढ़ा रही है।
हाल में यहां की एक बिटिया का वीडियो मैंने सोशल मीडिया में देखा था। पांच साल की ‘जन्नत’ डल लेक को साफ करने के लिए मिशन में जुटी है। जब देश का भविष्य इतना पवित्र और स्वच्छ सोचता है, तब मुझे इस अभियान का एक सदस्य होने के नाते और भी खुशी होती है। साथियों, ऐसे अनेक लोग हैं जो अपने स्तर पर इस प्रकार के काम कर रहे हैं।
भाइयों और बहनों, मुझे इस बात का एहसास है कि भीषण बाढ़ ने यहां जो तबाही फैलाई उसने आपके जीवन को बदलकर रख दिया है। हमारा ये हर संभव प्रयास है कि जहां-जहां नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो।और इसके लिए राज्य सरकार की निरंतर मदद की जा रही है।
साथियों, एक और बहुत गंभीर विषय है जिस पर पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार और केंद्र सरकार मिलकर कार्य कर रही हें। ये विषय है विस्थापितों का। जो लोग सीमा पार के हालात से तंग होकर यहां आए हैं, जिन्हें स्थानीय समस्याओं की वजह से घर छोड़ना पड़ा है, अलग-अलग जगहों पर उनके पुनर्वास के लिए करीब-करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
साथियों, आज जम्मू-कश्मीर के अनेक युवा, देश के दूसरे राज्यों के नौजवानों के लिए रोल मॉडल बन रहे हैं। सिविल सेवा में जब यहां के नौजवानों का नाम देखता हूं, उनसे मुलाकात करता हूं, तो मेरी खुशी दोगुना हो जातीहै।मुझे याद है देश का सीना तब गर्व से चौड़ा हो गया था, जब यहां बांदीपोरा की बिटिया ने किक बॉक्सिंग में भारत का नाम रोशन किया। तजामुल जैसे Talent को देश बेकार नहीं जाने दे सकता। यही कारण है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के Sporting Talent को निखारने के लिए राज्य सरकार के साथ मिल करके प्रयास कर रही है। इसी भावना के तहत यहां Sports Infrastructure विकसित करने का भी पूरा प्रयास किया जा रहा है।
भाइयों और बहनों,जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के साथ मिलकर कई नई योजनाओं को साकार किया गया है। हिमायत स्कीम के तहत यहां के एक लाख नौजवानों को ट्रेंड करने की योजना पर काम चल रहा है। 16 हजार से ज्यादा बच्चों को प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम का लाभ मिला है। उन्हें देश के बेहतरीन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा का अवसर दिया गयाहै। अलग-अलग वजहों से कॉलेज और स्कूल बीच में छोड़ने वाले लगभग 60 हजार विद्यार्थियों को नौकरियों का प्रस्ताव दिया गया है।
यहां के नौजवान देश और प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा में काम आ सके, इसके लिए भी नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस को सशक्त करने के लिए 5 Indian Reserve Battalion स्वीकृत की गई है। मुझे बताया गया है कि भर्ती की प्रक्रिया आखिरी चरण में है, जिसके बाद यहां के 5 हजार युवाओं को सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार मिलगा।
भाइयों और बहनों, हमारी सरकार के लिए नागरिकों और राष्ट्र की सुरक्षा, ये सबसे बड़ी प्राथमिकताहै। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए हमारे सुरक्षा बल लगातार डटे हुए हैं, यहां जम्मू-कश्मीर की पुलिस हो, Paramilitary Forces और सेना के जवान हों, आप सभी से मैं कहना चाहता हूं कि मुश्किल हालात में भी आप शानदार काम कर रहे हैं। आपके बीच जो मेल-जोल है, कॉर्डिनेशन है, उसके लिए ये सभी बहुत-बहुत बधाई के पात्रहैं। चाहे बाढ़ हो या फिर, बर्फीले तूफान हों या फिर आग जैसी आपदाएं हों, मुश्किल में फंसे हर जम्मू-कश्मीर वासी के लिए सुरक्षाबलों का योगदान अतुलनीय है। यहां की जनता के लिए वे जो कुछ भी कर रहे हैं, जो भी कष्ट झेल रहे हैं उसकी एक-एक तस्वीर देश की जनता के दिलो-दिमाग में छाई हुई है।
भाइयों और बहनों देश के सवा सौ करोड़ लोग आज New India के संकल्प पर काम कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर इस New India का सबसे चमकता सितारा बन सकता है। कोई वजह नहीं कि जम्मू-कश्मीर में देश के सबसे अच्छे शिक्षा संस्थान, सबसे अच्छे अस्पताल, सबसे अच्छी सड़कें, सबसे आधुनिक एयरपोर्ट, न हों। कोई वजह नहीं कि यहां के हमारे बच्चे अच्छे डॉक्टर न बनें, अच्छे इंजीनियर न बनें, अच्छे प्रोफेसर और अच्छे अधिकारी न बनें, कोई कारण नहीं है।
साथियों, बहुत सारी शक्तियां हैं, जो नहीं चाहतीं कि जम्मू-कश्मीर का विकास हो, यहां के लोगों का जीवन खुशहाल हो, लेकिन साथियों हमें इन विदेशी ताकतों को जवाब देते हुए आगे बढ़ते रहना है।
यहां महबूबा मुफ्ती जी के नेतृत्व में चल रही पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार और केंद्र की एनडीए सरकार निरंतर ऐसे नौजवानों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है, जो विदेशी दुष्प्रचार से प्रभावित होकर अपनी ही पवित्र धरती पर प्रहार कर रहे हैं।
साथियों, शांति और स्थायित्व का कोई विकल्प नहीं होता है । मेरा आग्रह है कि जो नौजवान रास्ता भटक गए हैं, वो मुख्य धारा में वापिस लौटें। ये मुख्य धाराहै, उनका परिवार, उनके माता-पिता। ये मुख्य धारा है जम्मू-कश्मीर के विकास में उनका सक्रिय योगदान। इस युवा पीढ़ी पर ही जिम्मेदारी है जम्मू- कश्मीर का गौरव, बढ़ाने की। जम्मू-कश्मीर में इतने साधन हैं, इतने संसाधन हैं, इतना सामर्थ्य है, कि कोई वजह नहीं कि जम्मू- कश्मीर, भारत के अपने दूसरे क्षेत्रों से रत्ती भर भी पीछे रहे। भटके हुए नौजवानों द्वारा उठाया गया हर पत्थर, हर हथियार, उनके अपने जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करता है।
राज्य को अब अस्थिरता के इस माहौल से बाहर निकलना ही होगा। भविष्यकेलिए, अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए, उन्हें सिर्फ कश्मीर ही नहीं, भारत के विकास की मुख्यधारा से भी जुड़ना होगा। हजारों वर्षों से, हम एक भारत मां की संतानें हैं। दुनिया की कोई शक्ति ऐसी नहीं, जो भाई को भाई से दूर कर सकती है। मां के दूध में कभी दरार नहीं हो सकती। जो लोग दशकों से इस प्रयास में लगे हुए थे, वो अब खुद बिखरने की कगार पर हैं।
भाइयों और बहनों मैं फिर कहूंगा, पिछले वर्ष मैंने दीवाली गुरेज़ में जवानों के साथ मनाई थी तो इस वर्ष रमज़ान के मौके पर यहां आप सबके बीच में हूं। यही तो कश्मीर की भावना है, यही तो इस धरती की देश और दुनिया को देन है। यहां सबका स्वागत है, यहां सबका सत्कार है। ये उस परंपरा की धरती है जो देश-दुनिया में कहीं नहीं मिलती। इसी धरती को पंथ और संप्रदायों से ज्यादा परंपराओं ने सींचा है। इसलिए-
कश्मीरियत के अटल जी भी कायल रहे हैं और इसी कश्मीरियत का मोदी भी मुरीद है।
और मैंने तो लालकिले से भी कहा था कि:
न गाली से समस्या सुलझने वाली है, न गोली से समस्या सुलझेगी, हर कश्मीरी को गले लगाने से समस्या सुलझेगी।
जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए राज्य और केंद्र सरकार के पास नीति भी है, नीयत भी है, और निर्णय लेने में भी हम कभी पीछे नहीं रहते हैं। छात्रों पर हजारों मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया हो या फिर अभी रमजान के इस मुबारक महीने में लिया गया सीज फायर का फैसला, उसके पीछे की सोच यही है कि कश्मीर के हर नौजवान को, यहां के हर व्यक्ति को स्थायित्व मिले, स्थिरता मिले और विकास मिले।
साथियों, ये सिर्फ सीजफायर नहीं है, ये इस्लाम की आड़ में आतंकवाद फैलाने वालों को उजागर करने का एक माध्यम भी है। मैं समझता हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस बात को देख रहे हैं कि कैसे उन्हें भ्रम में रखने की कोशिश की जाती रही है। स्थायित्व की इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने एक प्रतिनिधि को भी नियुक्त किया है। वो जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से, यहां के अलग-अलग संगठन-संस्थाओं से मिल रहे हैं। और मैं चाहता हूं कि जो भी अपनी बात है जाके बताएं। हर व्यक्ति से बातचीत करके वो शांति प्रक्रिया को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
भाइयों और बहनों, सरकार अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही। लेकिन कश्मीरियत और जम्हूरियत के गठबंधन को कायम रखने में आप सभी लोगों की भी और मैं जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिकों से अपील करता हूं आप सभी की भी, यहां के हर माता-पिता की, यहां के युवाओं की, बुद्धिजीवियों की और धर्मगुरुओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है सबसे बड़ी भूमिका है।
मैं चाहूंगा कि आप, हम, सभी अपनी सारी शक्ति सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के विकास पर लगाएं। हर समस्या, हर विवाद, हर मतभेद का, उसका हल एक ही है- विकास, विकास, और सिर्फ विकास।
New India के साथ ही New Jammu-Kashmir, शांत और समृद्ध जम्मू-कश्मीर बदलते भारत की विकास गाथा को और मजबूत करेगा, और ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। और मैं इसी विश्वास के साथ आप लोगों के बीच में भी अपनी भावनाओं को मैं खोल करके प्रकट करता हूं। अपनी बात को खोल करके बताता हूं। और मैं दुनिया के लोगों को भी कहता हूं- सारी दुनिया के देश, जो भी इन रास्तों पर चल पड़े हैं, सारे पछता रहे हैं। सब वापस लौट रहे हैं। वो वापिस लौटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। और इसलिए अमन-चैन की जिंदगी, भाईचारे की जिंदगी, शांति और समृद्धि की जिंदगी, सुख-चैन की जिंदगी, इसी विरासत को हमने आगे बढ़ाना है और इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं रहेगी। जहां जरूरत होगी सारे कदम उठाते चले जाएंगे। आपका साथ और सहयोग रहेगा; हम जिस चाह को ले करके निकले हैं वो चाह हम पूरी करके रहेंगे और फिर एक बार हमारा ये कश्मीर, हमारा ये जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, पूरा इलाका सारे हिन्दुस्तानियों के लिए वही मुकुट मणि के रूप में हर किसी को प्यार से गले लगाने का मौका देगा।
इसी भावना के साथ सेठा-सेठा शुक्रिया, अज़ दीयू इज़ाजत, खुदाई थई नव खोशत खुशहाल