नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सिंगापुर यात्रा पर रवाना होने से पहले दिए गए वक्तव्य का मूल पाठ इस प्रकार है –
‘मैं आसियान-भारत तथा पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14-15 नवम्बर को सिंगापुर की यात्रा करूंगा। मैं इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी नेतृत्व बैठक में भी भाग लूंगा।
इन बैठकों में मेरी भागीदारी आसियान के सदस्य देशों के साथ तथा व्यापक भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के हमारे निरंतर संकल्प का प्रतीक है। मैं आसियान तथा पूर्व एशिया के शिखर नेताओं के साथ बातचीत को लेकर आशान्वित हूं।
14 नवम्बर को मुझे प्रथम शासनाध्यक्ष के रूप में सिंगापुर फिनटेक उत्सव में प्रमुख भाषण देने का सम्मान प्राप्त होगा। वित्तीय टेक्नोलॉजी पर विश्व के सबसे बड़ा आयोजन वाला यह उत्सव तेजी से बढ़ रहे क्षेत्रों में न केवल भारत की शक्ति को प्रदर्शित करने का उचित मंच है, बल्कि नवाचार और विकास को बढ़ाने के लिए वैश्विक साझेदारी करने का भी मंच है।
यात्रा के दौरान मुझे संयुक्त भारत-सिंगापुर हैकेथॉन के प्रतिभागियों और विजेताओं के साथ बातचीत करने का अवसर प्राप्त होगा। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि हम सही और प्रोत्साहन देने वाली प्रणाली प्रदान करते हैं, तो हमारे युवाओं की योग्यता मानवता की चुनौतियों का समाधान करने में वैश्विक नेता बनने की है।
मुझे विश्वास है कि सिंगापुर की मेरी यात्रा आसियान तथा पूर्व एशिया शिखर देशों के साथ साझेदारी विकसित करने में गति प्रदान करेगी।
सिंगापुर प्रस्थान करने के अवसर पर मैं इस वर्ष आसियान की सफलतापूर्वक अध्यक्षता के लिए सिंगापुर को हृदय से बधाई देना चाहूंगा और आसियान तथा संबंधित शिखर बैठकों के आयोजन की सफलता की शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं।’