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टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम के अंतर्गत चुने गए बैंडमिंटन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल कोष से वित्तीय सहायता

खेल समाचार

नई दिल्ली: टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम के अंतर्गत निम्नलिखित 04 खिलाड़ी हैदराबाद में पुल्लेला गोपीचंद बैंडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण ले रहें हैः

1.श्री पी. कश्यप 2.श्री के. श्रीकांत 3. श्री एच.एस. प्रणाय और 4. श्री गुरू साईदत्त

अकादमी को इन खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए सहायक कार्मिकों की तैनाती और उपकरणों की खरीद के लिए जरूरत थी। युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने निम्नलिखित विवरण के अनुसार सहायता स्वीकृत की हैं।

क्र. सं. मद स्वीकृत राशि
1. व्यायामशाला उपकरण (इस पत्र के अनुलग्नक की सूची अनुसार) 28,10,598 रुपए (अठाइस लाख दस हजार पांच सौ अठानवें रुपए केवल)
2. फिजियोथेरेपिस्ट(भौतिक चिकित्सक) (1) 40,000 रुपए प्रतिमाह
3. मालिश करने वाला (1) 20,000 रुपए प्रतिमाह

उपरोक्त क्रम संख्या 2 और 3 के लिए बोर्डिंग तथा लॉजिंग के लिए अतिरिक्त 30,000 रुपए।

      राष्ट्रीय खेल विकास फंड से स्वीकृत वित्तीय सहायता भारत बुनियादी ढांचा वित्त कंपनी लिमिटेड द्वारा किए गए अंशदान में से दी जाती है। यह अंशदान राष्ट्रीय विकास खेल कोष के अंतर्गत टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम को कंपनी अपनी निगमित सामाजिक दायित्व पहल के तहत देती है।

      स्वीकृत राशि उसी उद्देश्य के लिए व्यय की जानी चाहिए, जिसके लिए स्वीकृत की गई थी। और बची हुई राशि कोई हो तो उसे उपकरणों की खरीद के बाद तुरंत वापस किया जाना चाहिए।

      वित्तीय सहायता में से प्राप्त की गई प्रस्तावित सुविधाएं चारों बैंडमिंटन खिलाड़ियों के समुचित प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल की जाएंगी। टारेगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम के अंतर्गत चुने गए चार खिलाड़ियों के लिए अगर ये सुविधाएं इस्तेमाल नहीं की जा रहीं तो, सुविधाओं को अन्य खिलाडियों को उपलब्ध कराने में कोई आपत्ति नहीं होगी।

      उपकरण अकादमी के पास रहेंगे, जबकि इसका स्वामित्व भारतीय खेल प्राधिकरण के पास होगा। अकादमी इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ भारतीय खेल प्राधिकरण को उपलब्ध कराएंगी। टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम के अंतर्गत उपकरणों के उपयोग के लिए अकादमी और भारतीय खेल प्राधिकरण के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अकादमी उपकरणों के रखरखाव और वार्षिक अनुरक्षण अनुबंध के लिए जिम्मेदार होगी।

      सहायक कार्मिकों की तैनाती और काम शुरू किए जाने के प्रावधान उनके काम शुरू करने की तिथि से लागू होंगे। यह व्यवस्था आमतौर पर 2016 के ओलम्पिक खेलों तक जारी रहेंगी।

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