प्रमुख सचिव, गृह श्री देबाशीष पण्डा ने आज पुलिस आॅफीसर्स मेस में प्रांतीय पुलिस सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन 2016 के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उक्त विचार व्यक्त किये। उन्हांंेने कहा कि इन अधिकारियों को कठिन एवं विपरीत परिस्थितियों में चुनौतीपूर्ण दायित्वों को निर्वहन करना पड़ता है। जनता से सीधे जुड़े होने के कारण लोगों की अपेक्षाएं भी इनसे बहुत अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा को अपना मूल मंत्र मानकर ऐसा आदर्श स्थापित करें जिसे लोग लम्बे समय तक याद करे और अपना आदर्श मानें।
श्री पण्डा ने कहा कि प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग की समस्याओं एवं कठिनाईयों से शासन भली-भांति परिचित है तथा उनके निदान की दिशा में हर संभव प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस के विभिन्न सेवा संवर्गो की पदोन्नतियों एवं वरिष्ठ वेतनमान दियेे जाने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया गया है, जो स्वयं में उदाहरण है और इस दिशा में प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। पी0पी0एस0 संवर्ग द्वारा प्रस्तुत की गई मांगो पर उन्हांेने शासन के सकारात्मक रूख का आश्वासन भी दिया है।
प्रमुख सचिव, गृह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ व प्रभावी बनाने की दिशा में उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है। प्रदेश की विशाल जनसंख्या के अनुपात में पुलिस की जन-शक्ति काफी कम है, जिसे बढ़ाने के लिये बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों की भर्ती किये की दिशा में गंभीर प्रयास किये गये है। उन्होंने बताया लगभग 38 हजार पुलिसकर्मियों की नई भर्ती की जा चुकी है तथा उनके प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा 35 हजार और पुलिस कर्मी भर्ती किये जाने का विज्ञापन प्रकाशित किया हुआ है जिसमें 20 लाख से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हो चुके है।
श्री पण्डा ने कहा कि पुलिस के लिये अवस्थापना सुविधाओं जैसे पुलिस कर्मियांे को कार्य स्थल पर आवासीय सुविधा, आधुनिक डिजाइन के अधिक सुविधायुक्त आवासीय भवन तथा नई डिजाइन के पुलिस थाने आदि निर्मित कराये जाने के प्रयास तेजी से किये जा रहे है। पुलिस बल को आधुनिकतम टूल एण्ड टेक्नोलॅाजी से सुसज्जित करने की दिशा मे भी गंभीरता से कदम उठाये गये है। जनता तक पुलिस की शीघ्र उपलब्धता हेतु पुलिस इमरजेन्सी रिस्पान्स प्रणाली (डायल-100) की स्थापना के प्रयास तेज किये गये है, तथा इसके लिए पृथक से लगभग 4 हजार वाहनों की व्यवस्था की गयी है जो जीपीएस एवं मोबाइल डाटा टर्मिनल से लैस रहेंगे। इस व्यवस्था के सफल क्रियान्वयन में पीपीएस अधिकारियों की भूमिका विशेष उल्लेखनीय होगी।
प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि प्रदेश के 12 शहर इंट्रीग्रेटेेड ट्रैफिक मेनेजमेंट सिस्टम तथा 12 शहर स्मार्ट सिटी सर्विलांस योजना के तहत लिये गये है। शीघ्र ही साइबर अपराधों से निपटने के लिये 2 साइबर पुलिस स्टेशन भी खोले जा रहे है। ई-एफआईआर की दिशा में भी कदम बढ़ाये गये है। स्टेट डिजास्टर रिस्पान्स फोर्स (एसडीआरएफ), एसपीजी की तर्ज पर सुरक्षा लाइन की स्थापना, एसटीएफ के लिये नये भवन, एटीएस के कमाण्डो ट्रेनिंग सेंटर, पुलिस के लिये आधुनिकतम तकनीक युक्त सिग्नेचर बिल्डिंग बनाये जाने जैसे कई उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि इन सब प्रयासो से प्रदेश की कानून-व्यवस्था की बेहतरी एवं अपराध स्थिति के नियंत्रण में और सहायता मिलेगी।
पुलिस महानिदेशक श्री एस0 जावीद अहमद ने कहा कि आईपीएस एवं पीपीएस अधिकारियों को मिलकर जनता की आकांक्षाओं पर खरे उतरने कार्य करना है। दोनों ही संवर्गो को एक-दूसरे की व्यवसायिक दक्षता का सदुपयोग जनहित में करना है। उन्होंने कहा कि इस संवर्ग की उचित मांगों को उपेक्षित नहीं किया जा सकता है तथा उन पर सकारात्मक रूख अपनाया जायेगा। उन्होंने बेहतर परिणाम के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लगातार जारी रखने तथा उसमें सकारात्मक सहयोग का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि प्रांतीय पुलिस सेवा अधिकारियों का महत्व कहीं पर भी किसी से कम नहीं है।
गृह सचिव, श्री मणि प्रसाद मिश्रा ने इस अवसर पर सेवा भावना से कार्य किये जाने से मिले बेहतर नतीजों से संबंधित अपने अनुभव साझा करते हुये आह्वान किया कि वास्तविकताओं को स्वीकार करते हुये जनता की ऐसी सेवा पुलिस अधिकारी करें कि जिसे कोई कभी भुला न सके और वह एक आदर्श के रूप में स्थापित हो तथा लोगों के लिये प्रेरणा श्रोत बने।
प्रांतीय पुलिस सेवा संघ के अध्यक्ष, श्री जय प्रकाश ने अतिथियों का स्वागत किया एवं महासचिव श्री दिनेश यादव ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अधिकारियों ने अपने विचार भी प्रस्तुत किये।