देहरादून: बुधवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन में आयोजित कार्यक्रम में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा
कि हम सभी कर्तव्यपरायण नागरिक के रूप में संविधान का सम्मान करने व कानून व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प लें। यही शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य में पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक घोषणाएं कीं। उन्होंने हाई एल्टीट्यूड में तैनात पुलिसकर्मियों को 300 रूपए प्रति दिन का भत्ता, साईकिल भत्ता को दुगुना किए जाने, पुलिस कल्याण कोष की स्थापना करने व इसके लिए प्रारम्भिक तौर पर 1 करोड़ रूपए का प्राविधान करने की घोषणा की। टिहरी, अल्मोड़ा, पौड़ी व पिथौरागढ़ में विजिलेंस के सब सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश में पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बलों को नक्सली, आतंकवाद, के साथ ही अन्य कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखण्ड मे पुलिस पूरी दक्षता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। दो राष्ट्रों की अंतराष्ट्रीय सीमाओं व दूसरे प्रदेशों से जुड़े क्षेत्रों की प्रभावी निगरानी के कारण बाहर की घटनाओं का प्रभाव हमारे प्रदेश पर नहीं पड़ा है। परंतु आगे हमें सचेष्ट रहना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने आशा व्यक्त की कि उŸाराखण्ड की पुलिस आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि चारों धाम की यात्रा के संचालन व अति दुर्गम क्षेत्रों में पुलिसिंग दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। कांवड़ यात्रा में 2 करोड़ कांवड़ यात्री प्रदेश में आए। हमारे लोगों ने बिना हाईवे को रोके यात्रा को निर्विध्न सम्पन्न कराया। पुलिस ने बाहर से आए कांवड़ यात्रियों को पूरा सम्मान दिया। आने वाले अर्धकुम्भ में भी हमारी कुशलता की परीक्षा होनी है। पूरा विश्वास है कि इसमें खरे उतरेंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में 28 नए पुलिस थाने खोले जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि प्रत्येक थाने में एक महिला सब इंस्पेक्टर हो। साथ ही पुलिसबल में महिलाओं की संख्या अधिक हो। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यकुशलता बढ़ सके इसके लिए पुलिस कल्याण हमारी प्राथमिकताओं में से है। शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों की देखभाल राज्य के परिवार के तौर पर की जाएगी।
पुलिस महानिदेश बीएस सिद्धु ने बताया कि गत वर्ष देश में 441 पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए शहीद हुए। इनमें विभिन्न राज्यों के पुलिसकर्मियों के साथ ही बीएसएफ, सीएसआईएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, आरपीएफ, एसएसबी के अधिकारी व जवान भी शामिल हैं। उत्तराखण्ड के सात पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य निर्वहन करते हुए अपना जीवन बलिदान किया। इनमें पुलिस उपाधीक्षक महीपाल सिंह, उप निरीक्षक देवी प्रसाद बहुगुणा, हैड कांस्टेबल मनोज रावत, कांस्टेबल हरेंद्र सिंह, कांस्टेबल अनुप सिंह, कांस्टेबल दिनेश नेगी और कांस्टेबल प्रकाश चंद शामिल हैं।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 1959 को चीन बार्डर पर सीआरपीएफ के दस जवानों की टुकड़ी ने चीनी आक्रमणकारियों से लड़ते हुए अपने प्राणोत्सर्ग किए थे। तब से उनकी याद में प्रत्येक वर्ष इस दिन को देश भर में स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते है।
इस अवसर पर प्रदेश के गृहमंत्री प्रीतम सिंह, केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, गणेश जोशी, प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार, सचिव विनोद शर्मा सहित पुलिस के आला अधिकारी, जवान व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।