देहरादून: 21 अक्टूबर, 1959 को भारत उत्तरी सीमा पर लद्दाख के जनविहीन क्षेत्र में 15,000 फिट से ऊँचे बर्फ से ढके पर्वतों पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवानों की गश्त पार्टी ने अपने साधारण शस्त्रों के सहारे ही स्वचालित रायफल और मोर्टारों से लैस चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया था और शहीद हो गये थे।
तब से प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को सम्पूर्ण भारत के पुलिस जन वीरगति को प्राप्त हुए अपने साथियों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते है।
आज दि0 21-10-2015 को पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में एक श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें श्री हरीश रावत, माननीय मुख्यमत्री, उत्तराखण्ड मुख्य अतिथि के रुप में तथा मा0 गृहमंत्री प्रीतम सिंह श्री दिनेश अग्रवाल मा0 वन मत्री, मा0विधायक गण सर्व श्री राजकुमार व गणेश जोशी, श्री उमाकान्त पवार प्रमुख सचिचव गृह के साथ साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे और उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर विगत एक वर्ष के दौरान देश में शहीद हुए 441 पुलिस कर्मियों को श्रृद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन श्रीमति निवेदिता कुकरेती पुलिस अधीक्षक सर्तकता व श्रीमति श्वेता चौबे अपर पुलिस अधीक्षक अर्धकुम्भ मेला द्वारा किया गया।
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम सभी कर्तव्यपरायण नागरिक के रूप में संविधान का सम्मान करने व कानून व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प लें। यही शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने राज्य में पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक घोषणाएं कीं। उन्होंने हाई एल्टीट्यूड में तैनात पुलिसकर्मियों को 300 रूपए प्रति दिन का भत्ता, साईकिल भत्ता को दुगुना किए जाने, पुलिस कल्याण कोष की स्थापना करने व इसके लिए प्रारम्भिक तौर पर 1 करोड़ रूपए का प्राविधान करने की घोषणा की। टिहरी, अल्मोड़ा, पौड़ी व पिथौरागढ़ में विजिलेंस के सब सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश में पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बलों को नक्सली आतंकवाद के साथ ही अन्य कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखण्ड मे पुलिस पूरी दक्षता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। दो राष्ट्रों की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं व दूसरे प्रदेशों से जुड़े क्षेत्रों की प्रभावी निगरानी के कारण बाहर की घटनाओं का प्रभाव हमारे प्रदेश पर नहीं पड़ा है परंतु आगे हमें सचेष्ट रहना होगा। माननीय मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि उत्तराखण्ड की पुलिस आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि चारों धाम की यात्रा के संचालन व अति दुर्गम क्षेत्रों में पुलिसिंग दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। कांवड़ यात्रा में 2 करोड़ कांवड़ यात्री प्रदेश में आए। हमारे लोगों ने बिना हाईवे को रोके यात्रा को निर्विध्न सम्पन्न कराया। पुलिस ने बाहर से आए कांवड़ यात्रियों को पूरा सम्मान दियाए आने वाले अर्धकुम्भ में भी हमारी कुशलता की परीक्षा होनी है हमें पूरा विश्वास है कि इसमें खरे उतरेंगे।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 28 नए पुलिस थाने खोले जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि प्रत्येक थाने में एक महिला सब इंस्पेक्टर हो। साथ ही पुलिसबल में महिलाओं की संख्या अधिक हो। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यकुशलता बढ़ सके इसके लिए पुलिस कल्याण हमारी प्राथमिकताओं में से है। शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों की देखभाल राज्य के परिवार के तौर पर की जाएगी।
इससे पूर्व श्री बी0एस0 सिद्धू, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने 21 अक्टूबर 1959 को अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले केन्द्रीय रिजर्व पुलिस के वीर सपूतो को नमन करते हुए कहा कि इन्हीं वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज के दिन “पुलिस स्मृति दिवस“ मनाया जाता है जिसमें कर्त्तव्य पालन के दौरान दिवंगत हुये पुलिस कर्मियों को श्रद्धान्जलि देकर याद किया जाता है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में पुलिस एवं केन्द्रीय बलों के कुल 441 कर्मियों ने कत्र्तव्यपालन के दौरान अपने जीवन की आहुति दी है। इसी अवधि में उत्तराखण्ड पुलिस ने भी अपने 07 साथियों को खोया है जिनका विवरण निम्नवत् हैः-
1- पुलिस उपाधीक्षक-महिपाल सिंह-जनपद पिथौरागढ़
2- उ0नि0 ना0पु0 देवी प्रसाद बहुगुणा- जनपद देहरादून
3- हे0का0 सतर्कता, मनोज रावत- सतर्कता अधिष्ठान, देहरादून
4- कां0 29 स0पु0 हरेन्द्र सिंह- जनपद चमोली
5- कां0 236 स0पु0 अनूप सिंह-जनपद चमोली
6- कां0 3482 दिनेश नेगी- आईआरबी प्रथम
7- कां0 1139 ना0पु0 प्रकाश चन्द्र- जनपद हरिद्वार
उन्होंने कहा कि देश में शहीद हुये अधिकाँश पुलिस कर्मी नक्सली आतंकवादी एवं उग्रवादी घटनाओं में शहीद हुये हैं। पुलिस का प्रमुख कर्त्तव्यआम जनता में सुरक्षा की भावना को जागृत करना तथा अपराध एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखना है जिसे पूरा करने के लिये असामान्य व जोखिमपूर्ण परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है। पुलिस की इन्हीं जोखिमपूर्ण कार्य-परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं, जैसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, जीवन रक्षक निधि तथा मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति आदि स्वीकृत की गयी है। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके परिवारी-जन लाभान्वित होते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष चिकित्सा प्रतिपूर्ति के अन्तर्गत कुल 700 सेवारत् एवं सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियो व कर्मचारियों तथा उनकेआश्रितों को कुल तीन करोड़ रूपये की धनराशि का भुगतान किया गया। इसी प्रकार व्यक्तिगत बीमा-योजना के अन्तर्गत 27 मृत पुलिस कर्मियों के आश्रितों को इक्कतीस लाख पचपन हजार रूपये का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा किया गया, जिसके प्रीमियम का भुगतान पुलिस कल्याण निधि से किया गया तथा 59 मृतक आश्रितों को कान्स0 पीएसी एवं 07 मृतक आश्रितों का चतुर्थ श्रेणी तथा 01 मृतक आश्रित को कान्स(एम) पर सेवायोजित किया गया। पुलिस मॉडर्न स्कूलों को विकसित करने हेतु पचास लाख रूपये स्वीकृत किये गये।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हमें अत्यन्त संवेदनशील नेतृत्व प्राप्त हुआ है जिसके द्वारा पुलिस बल के प्रति विशेष सहानुभूति दर्शाते हुये हाल ही में अनेक कल्याणकारी निर्देश जारी किये गए हैं जिनका सीधा असर राज्य पुलिस के मनोबल व कार्य क्षमता पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से पे्ररणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं उत्साह से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा।