नई दिल्लीः भारत की उदीयमान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीनी ज्ञान (एमएल) के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति आयोग और गूगल कई पहलों पर एक साथ काम करेगा, जिससे देश में एआई पारिस्थितिक तंत्र निर्मित करने में मदद मिलेगी।
इसके लिए नीति आयोग की सलाहकार सुश्री अन्ना रॉय और गूगल के भारत तथा दक्षिण पूर्व एशिया के उपाध्यक्ष श्री राजन आनंदन ने एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री अमिताभ कांत भी उपस्थित थे।
नीति आयोग को एआई जैसी प्रौद्योगिकियां विकसित करने और अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस जिम्मेदारी पर नीति आयोग राष्ट्रीय डाटा और एनालिटिक्स पोर्टल के साथ एआई पर राष्ट्रीय कार्य नीति विकसित कर रहा है, ताकि व्यापक रूप से एआई का उपयोग किया जा सके।
इस साझेदारी के महत्व के बारे में बताते हुए श्री अमिताभ कांत ने कहा “कृत्रिम बुद्धिमत्ता देश में व्यवसाय करने के तरीके को बदलने जा रही है। विशेष रूप से देश की सामाजिक और समावेशी भलाई के लिए नवाचारों में विशिष्ट रूप से एआई का उपयोग किया जाएगा। स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने, शिक्षा में सुधार लाने, हमारे नागरिकों के लिए अभिनव शासन प्रणाली विकसित करने और देश की समग्र आर्थिक उत्पादकता में सुधार के लिए देश मशीनी ज्ञान और एआई जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियों को स्वीकार कर रहा है। गूगल के साथ नीति आयोग की साझेदारी से कई प्रशिक्षण पहलें शुरू होगी, स्टार्टअप को समर्थन मिलेगा और पीएचडी छात्रवृत्ति के माध्यम से एआई अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा और इनसे तकनीकी रूप से सशक्त नये भारत के महान दृष्टिकोण को साकार करने में मदद मिलेगी।”