देहरादून: नीति आयोग के उप समूह की दिल्ली में हुई बैठक पर भाजपा नेताओं द्वारा दिये गये बयान पर मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा के मित्रो ने ये जानने का कष्ट भी नही किया कि नीति आयोग के उप समूह की बैठक में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को उपरोक्त समूह के सदस्य नहीं होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया था।
भाजपा नेता बिना कोई अवसर चूके अपने रूद्रपुर एजेंडे के तहत तुरंत मुख्यमंत्री पर हमला बोल देते है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में नीति आयोग की उप समूह की बैठक में ग्याराह राज्य जिनमें मध्यप्रदेश, अरुणचलं, पाण्डेचेरी, जम्मू कशमीर, झारखण्ड़, केरला, मणिपुर, नागालैण्ड़, राजस्थान, तिंलांगना, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री व अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गर्वनर सदस्य है इसलिए उत्तराखण्ड़ के मुख्यमंत्री को आमंत्रित ही नही किया गया था, मीडिया प्रभारी ने कहा कि केन्द्र में सत्तासीन पार्टी के नेताओं को यह जानकारी भी हमें ही देनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत अभी हाल ही में बैंगलोर में नीति आयोग के उप समूह की बैठक में शामिल होकर उत्तराखण्ड लौटे है। जहां उन्होंने राज्य का पक्ष मजबूती से रखा है। श्री कुमार ने भाजपा नेताओं को सलाह दी है कि कोई भी हमला बोलने से पहले तथ्यों की सही जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। यदि भाजपा नेता ऐसा कर लेते तो इस प्रकार की हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न नही होती। उन्होंने कहा कहा कि भाजपा नेताओं को मीडिया में छाये रहने की बीमारी सी हो गई है, जिस कारण वे बिना तथ्यों की जानकारी प्राप्त किये ही बयान दे रहे है। ऐसा लगता है कि अपने आकाओं की नाक में बैठी मक्खी को तलवार से मारना चाहतें है। भाजपा नेताओं की बेचैनी को समझा जा सकता है, जिस प्रकार से राज्य सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतार रही है और जनता में सरकर के प्रति विश्वास बढ़ रहा है, उससे भाजपा नेताओं में बेचैनी सी हो गई है।