नई दिल्ली:राष्ट्रीय कृत्रिम बौद्धिकता रणनीति में “कृत्रिम बौद्धिकता-सबके लिए” बहुत अहमियत रखती है। इस विचार को आगे बढ़ाने के इरादे से नीति आयोग ने एक विश्व हैकथॉन का आयोजन किया है। इस आयोजन का लक्ष्य विकास में आने वाली विभिन्न चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकीय और नवाचार संबंधी उपाय सुझाए जाएंगे।
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए नीति आयोग ने सिंगापुर आधारित एक कृत्रिम बौद्धिकता स्टार्टअप ‘पर्लिन’ के साथ मिलकर “कृत्रिम बौद्धिकता-सबके लिए” की शुरूआत कर रहा है। इसके लिए नीति आयोग कृत्रिम बौद्धिकता एप्लीकेशंस के विकास के लिए छात्रों, स्टार्टअप और कंपनियों को आमंत्रित कर रहा है।
“कृत्रिम बौद्धिकता-सबके लिए” की घोषणा कृत्रिम बौद्धिकता सम्मेलन में की गई थी, जिसका आयोजन नीति आयोग ने ओआरएफ के साथ मुंबई में नवंबर, 2018 में किया था। यह हैकथॉन दो चरणों में चलेगा। पहला चरण 15 जनवरी, 2019 को और दूसरा चरण 15 मार्च, 2019 को समाप्त होगा। दूसरे चरण में केवल पहले चरण से चुने गए प्रतिभागी शामिल होंगे।
निर्णायक मंडल में प्रौद्योगिकी और नीति ईको-प्रणाली क्षेत्र की हस्तियां शामिल हैं। निर्णायक मंडल में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत, आईबीएम की एआई फाउंडेशन लैब के प्रमुख श्री माइकल विटब्रॉक, सीकोइया कैपिटल के प्रौद्योगिकी निदेशक श्री आनंदमय रॉयचौधरी, एक्सेल पार्टनर्स के श्री प्रभाकर रेड्डी, इंटरनेशनल इनोवेशन कोर के सह-संस्थापक एवं शिक्षण निदेशक प्रोफेसर अनूप मलानी, टेल्कॉम के इनोवेशन मैनेजमेंट के श्री एरी पुंटा हेंड्रास्वरा और पर्लिन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री दोरजी सुन शामिल हैं।
पहले चरण में स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, कृषि, शहरीकरण और वित्तीय समावेश जैसे क्षेत्रों के संबंध में विचार आमंत्रित किए जाएंगे। दूसरे चरण में इन विचारों को विकसित किया जाएगा।
विजेताओं को 50 हजार अमेरिकी डॉलर की धनराशि से पुरस्कार दिया जाएगा, जो नकद और गैर-नकद रूप में होगा। प्रतिभागियों को हैकथॉन सह-प्रायोजकों की तरफ से सलाह और समर्थन भी दिया जाएगा, जिसके तहत प्रतिभागियों को सह-प्रायोजकों के एआई एप्लीकेशंस का जायजा लेने तथा उनको लागू करने का अवसर मिलेगा।
“कृत्रिम बौद्धिकता-सबके लिए” के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है, जो https://www.perlin.net/hackathon पर उपलब्ध है।