नई दिल्ली: नीति आयोग ने विभिन्न द्वीपों के समग्र विकास के लिए गृह मंत्रालय, संघशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्ष्यद्वीप प्रशासन के साथ मिलकर आज यहां निवेशक सम्मेलन का आयोजना किया। सम्मेलन का उद्घाटन नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने किया। इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व सचिव श्री विवेक राय, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के मुख्य सचिव तथा नीति आयोग के अपर सचिव यदुवेन्द्र माथुर भी उपस्थित थे।
अपने उद्घाटन भाषण में श्री अमिताभ कांत ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री तथा द्वीप विकास एजेंसी के अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने नीति आयोग को निर्देश दिया है कि वह द्वीपों के समग्र विकास का काम तेज करे। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य अंडमान-निकोबार तथा लक्ष्यद्वीप जैसे द्वीपों का सतत और पर्यावरण अनुकूल विकास सुनिश्चित करना है। सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि विकास के इस क्रम में इन द्वीपों की क्षमता पर किसी तरह का दबाव न पड़े”। निवेशकों के साथ चर्चा में भाग लेते हुए श्री विवेक राय ने कहा कि इन द्वीपों में पर्यटन के विकास की अपार क्षमताएं हैं।
द्वीपों के सतत विकास और समग्र नौवहन विकास को सरकार द्वारा उच्च प्राथमिकता दी गई है। इस काम के लिए गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष निकाय, द्वीप विकास एजेंसी (आईडीए) का गठन जून 2017 में किया गया था, जबकि नीति आयोग को संबंधित केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासन/राज्य सरकारों के साथ मिलकर समग्र द्वीप विकास कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है। इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में समग्र विकास के लिए अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप के 10 द्वीपों का काम हाथ में लिया गया है।
द्वीप विकास एजेंसी ने कुल 11 पर्यटन परियोजनाओं (अंडमान एवं निकोबार में छह तथा लक्ष्यद्वीप में पांच) की समीक्षा की है। इसके अलावा रो-रो फेरी सेवा, डिजिटल संपर्क और हरित ऊर्जा जैसी अवसंरचना परियोजनाओं को इन द्वीपों के समग्र विकास के पहले चरण में लागू करना है। इन 11 परियोजनाओं में से सात परियोजनाएं (अंडमान एवं निकोबार में चार और लक्षद्वीप में तीन) ‘शुभारंभ के लिए तैयार’ स्थिति में हैं। विस्तृत भूमि सर्वेक्षण, परियोजना स्थलों के सीमांकन, परियोजना से जुड़े द्वीपों में क्षमता आकलन,सीआरजे अनुप्रयोग एवं संभाव्यता पूर्व अध्ययन का काम शुरू कर दिया गया है।