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नीति आयोग ने ‘स्‍वस्‍थ राज्‍य, प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट का दूसरा संस्‍करण जारी किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: नीति आयोग ने आज ‘स्‍वस्‍थ राज्‍य, प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट का दूसरा संस्‍करण जारी किया। इस रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परिणामों या पैमानों के साथ-साथ समग्र प्रदर्शन में हुए वार्षिक वृद्धिशील बदलाव के आधार पर राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग अभिनव ढंग से की जाती है। इस रिपोर्ट के दूसरे संस्‍करण में राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में दो वर्षों की अवधि (2016-17 और 2017-18) के दौरान हुए वृद्धिशील सुधार एवं समग्र प्रदर्शन को मापने और उन पर प्रकाश डालने पर फोकस किया गया है।

यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. वी. के. पॉल, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में सचिव प्रीति सूदन द्वारा संयुक्‍त रूप से जारी की गई। यह रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा विश्‍व बैंक की तकनीकी सहायता और स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के परामर्श से विकसित की गई है।

यह रिपोर्ट राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को मापने का एक वार्षिक सुव्यवस्थित प्रदर्शन साधन है। इस रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परिणामों या पैमानों के साथ-साथ समग्र प्रदर्शन में हुए वार्षिक वृद्धिशील बदलाव के आधार पर राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग एक दूसरे की तुलना में की जाती है। रैंकिंग को बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, ताकि एक जैसे निकायों के बीच तुलना सुनिश्चित की जा सके। स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक (हेल्‍थ इंडेक्‍स) एक भारित समग्र सूचकांक है। यह ऐसे 23 संकेतकों पर आधारित है जिन्‍हें स्वास्थ्य परिणामों, गवर्नेंस एवं सूचना और महत्‍वपूर्ण जानकारियों/ प्रक्रियाओं के क्षेत्रों (डोमेन) में बांटा गया है। प्रत्‍येक क्षेत्र को विशेष भारांक (वेटेज) दिया गया है जो उसकी अहमियत पर आधारित है और जिसे विभिन्‍न संकेतकों के बीच समान रूप से बांटा गया है।

बड़े राज्‍यों में केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्‍ट्र को समग्र प्रदर्शन की दृष्टि से शीर्ष रैंकिंग दी गई है, जबकि हरियाणा, राजस्‍थान और झारखंड वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन की दृष्टि से शीर्ष तीन राज्‍य हैं। हरियाणा, राजस्‍थान और झारखंड ने विभिन्‍न संकेतकों के मामले में आधार से संदर्भ वर्ष तक स्वास्थ्य परिणामों में अधिकतम बेहतरी दर्शाई है। नवजात मृत्यु दर (एनएमआर), पांच वर्ष से कम आयु के बच्‍चों की मृत्‍यु दर (यू5एमआर), नवजात शिशुओं में जन्‍म के समय कम वजन वाले शिशुओं का अनुपात, कार्यरत कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) वाले जिलों का अनुपात, प्रथम तिमाही के भीतर पंजीकृत एएनसी का अनुपात, गुणवत्ता प्रत्यायन प्रमाण पत्र वाले सीएचसी/पीएचसी का अनुपात, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, संस्थागत प्रसव, जिला अस्पतालों में खाली पड़े विशेषज्ञ पदों का अनुपात और आईटी आधारित मानव संसाधन प्रबंधन सूचना प्रणाली में सृजित ई-पे स्लिप वाले कुल कर्मचारियों (नियमित और ठेके पर काम करने वाले) का अनुपात इन संकेतकों में शामिल हैं।

राज्‍यों को संदर्भ वर्ष की इंडेक्‍स स्‍कोर रेंज के आधार पर इस तरह वर्गीकृत किया जाता है: फ्रंट-रनर: शीर्ष एक तिहाई, अचीवर्स: मध्‍यम एक तिहाई, आकांक्षी : निम्‍नतम एक-तिहाई। राज्‍यों को वृद्धिशील प्रदर्शन के आधार पर इन चार समूहों में वर्गीकृत किया जाता है: कोई सुधार नहीं (<=0 वृद्धिशील बदलाव); न्‍यूनतम सुधार (0.01 से 2 अंकों तक); मामूली सुधार (2.01 से 4 अंक तक), और सर्वाधिक सुधार (>4 अंकों से अधिक)। 

वृद्धिशील प्रदर्शन और समग्र प्रदर्शन के आधार पर बड़े राज्यों का वर्गीकरण

वृद्धिशील प्रदर्शन समग्र प्रदर्शन
आकांक्षी

 

अचीवर्स फ्रंट-रनर्स
कोई सुधार नहीं

(0 या कम)

मध्य प्रदेश

ओडिशा

उत्तराखंड

उत्तर प्रदेश

बिहार

पश्चिम बंगाल केरल

पंजाब

तमिलनाडु

न्‍यूनतम सुधार

(0.01-2)

__

 

छत्तीसगढ़ गुजरात

हिमाचल प्रदेश

मामूली सुधार

(2.01-4.0)

महाराष्ट्र

जम्मू-कश्मीर

कर्नाटक

तेलंगाना

सर्वाधिक सुधार

(4.0 से अधिक )

राजस्‍थान

 

हरियाणा

झारखंड

असम

आंध्र प्रदेश

 

छोटे राज्‍यों में समग्र प्रदर्शन के आधार पर मिजोरम को शीर्ष रैंकिंग दी गई है। इसके बाद मणिपुर का नंबर आता है। उधरवार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन के आधार पर त्रिपुरा को शीर्ष रैंकिंग दी गई है और उसके बाद मणिपुर का नंबर आता है। मणिपुर ने विभिन्‍न संकेतकों के मामले में सर्वाधिक वृद्धिशील प्रगति दर्ज की है। पूर्ण टीकाकरण कवरेज, संस्थागत प्रसव, तपेदिक की कुल केस अधिसूचना दर इन संकेतकों में प्रमुख हैं।

वृद्धिशील प्रदर्शन और समग्र प्रदर्शन के आधार पर छोटे राज्यों का वर्गीकरण

वृद्धिशील प्रदर्शन समग्र प्रदर्शन
आकांक्षी अचीवर्स फ्रंट-रनर्स
कोई सुधार नहीं

(0 या कम)

अरुणाचल प्रदेश

सिक्किम

मेघालय

गोवा

न्‍यूनतम सुधार

(0.01-2)

नगालैंड

 

मिजोरम
मामूली सुधार

(2.01-4.0)

त्रिपुरा

 

मणिपुर
सर्वाधिक सुधार

(4.0 से अधिक )

केन्‍द्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ और दादरा एवं नगर हवेली को समग्र प्रदर्शन (चंडीगढ़-1 और दादरा एवं नगर हवेली-2) के साथ-साथ वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन (दादरा एवं नगर हवेली-1 और चंडीगढ़-2) के आधार पर भी शीर्ष रैंकिंग दी गई है। इन दोनों केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने कई संकेतकों के मामले में सर्वाधिक बेहतरी दर्शाई है। तपेदिक की कुल केस अधिसूचना दर, उप केंद्रों पर खाली पड़े एएनएम पदों का अनुपात, पीएचसी और सीएचसी में खाली पड़े स्टाफ नर्स पदों का अनुपात और आईटी आधारित मानव संसाधन प्रबंधन सूचना प्रणाली में सृजित ई-पे स्लिप वाले कुल कर्मचारियों (नियमित और ठेके पर काम करने वाले) का अनुपात इन संकेतकों में प्रमुख हैं।

वृद्धिशील प्रदर्शन और समग्र प्रदर्शन के आधार पर केन्‍द्र शासित प्रदेशों का वर्गीकरण :

वृद्धिशील प्रदर्शन समग्र प्रदर्शन
आकांक्षी अचीवर्स फ्रंट-रनर्स
कोई सुधार नहीं

(0 या कम)

अंडमान और निकोबार

 

दिल्ली

लक्षद्वीप

न्‍यूनतम सुधार

(0.01-2)

मामूली सुधार

(2.01-4.0)

पुडुचेरी
सर्वाधिक सुधार

(4.0 से अधिक )

दमन और दीव चंडीगढ़

दादरा और नगर हवेली

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