लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज कहा कि नीति आयोग के द्वारा उ0प्र0 के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जो आकड़े प्रस्तुत किये गये हैं, उसमें अधिकतम व्यवस्थायें वर्तमान सरकार को विरासत के रूप मंे मिली थीं। आॅकड़े वर्ष 2017-18 के हैं एवं हमारी सरकार वर्ष 2017 में बनी थी।
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए सरकार द्वारा सरकार गठन के बाद वर्ष 2017 में अधिकारियों के स्थानान्तरण किये गये। इसी कारण नीति आयोग की रिपोर्ट में अधिकारियों की निरन्तरता के बिन्दु पर उ0प्र0 को कम अंक प्राप्त हुए हैं। वर्तमान सरकार द्वारा कई नवीन व्यवस्थायें लागू की गयीं हैं, जिनके बेहतर परिणाम अब परिलक्षित हो रहे हैं।
श्री सिंह आज यहाॅ विकास भवन स्थित चिकित्सा स्वास्थ्य सभागार में बैठक कर रहे थे। उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि आर0एन0टी0सी0पी0 कार्यक्रम में वर्ष 2015-16 की तुलना में गिरावट काफी अधिक है, जिस पर इस प्रोग्राम में कार्यरत तत्कालीन राज्य क्षय अधिकारी द्वारा प्रोग्राम में अपेक्षित रूचि नहीं ली गयी, इसलिए राज्य क्षय रोग अधिकारी को वर्ष 2018 में ही पद से हटा दिया गया है तथा अब इस कार्यक्रम में निरन्तर सुधार परिलक्षित हो रहा है। वर्ष 2018-19 के आॅकड़ों में राज्य इस कार्यक्रम में 82 प्रतिशत पर है।
बैठक में अवगत कराया गया कि जन्म पंजीकरण, ए0एन0सी0 पंजीकरण इत्यादि से सम्बन्धित आकड़े मुख्यतः पोर्टल पर उपलब्ध आकड़ों पर आधारित है, जिसमें सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उपलब्ध आॅकड़ों की समीक्षा मासिक आधार पर जनपद एवं राज्य स्तर पर सुनिश्चित की जा रही है। डैशबोर्ड के आधार पर अपेक्षित सुधार न ला पाने वाले 15 जनपदों के अधिकारियों के स्थानान्तरण हेतु कार्यवाही की जा रही है।
नीति आयोग की इस रिपोर्ट में प्रदेश द्वारा 14 महत्वपूर्ण मानकों में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में ई.एच.आर.एम.एस. (मानव सम्पदा) सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिसके अन्तर्गत लगभग 1 लाख 30 हजार स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा फीड किया गया है। बैठक में यह बताया गया कि प्रथम संदर्भन यूनिट (एफ.आर.यू.) की क्रियाशीलता के सम्बन्ध में भी प्रदेश ने अच्छी प्रगति की है। लक्ष्य कार्यक्रम के माध्यम से मातृ स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य से सम्बन्धित मानकों में अपेक्षित सुधार लाने हेतु लेबररूम तथा ओ0टी0 का उच्चीकरण किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी जनपदों तथा अन्य जनपदों में रिक्त पदों को भरने हेतु विशेष प्रयास किये हैं, जिसमें वाक-इन-इण्टरव्यू तथा बिड माडल के द्वारा चिकित्सकों की नियुक्ति शामिल है। जहाॅ-जहाॅ ए.एन.एम. की रिक्तियां थीं, वहाॅ-वहाॅ संविदा के माध्यम से इन पदों को भरा गया है। नीति आयोग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार रिक्तियों की संख्या कम हुई है।
बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रशान्त त्रिवेदी, सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री पंकज कुमार, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 पद्माकर सिंह एवं महानिदेशक, परिवार कल्याण डा0 नीना गुप्ता, निदेशक (प्रशासन) श्रीमती पूजा पाण्डेय, प्रबन्ध निदेशक, यू0पी0एम0एस0सी0एल0 श्रीमती श्रुति सिंह सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।