देहरादून: हमारी संस्कृति का स्वरूप बना रहे, इसके लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे। इसके लिये कल्चरल जोन बनाये जाने की आवश्यकता है। अपने गांव की जीवंत्ता को बनाये रखना हम सभी का कर्तव्य है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की संस्कृति के संवर्धन व संरक्षण के लिए समिति का गठन किया गया है। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रेजर्स कालेज के प्रांगण में नीति माणा घाटी कल्याण समिति के 14वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वतंत्र दिवस के अवसर पर दूम्फू धार (गमसाली), चमोली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को सरकार पूरा सहयोग देगी। नीति माणा घाटी कल्याण समिति के लिए सामुदायिक भवन हेतु जिलाधिकारी के माध्यम से प्रस्ताव सरकार को भेजा जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनजातियों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए योजना बनायी रही है। अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्थाओं को सहयोग देने के लिए भी नीति तैयार की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि हम अपनी संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए आगे आये। अपने गांव की जीवंत्ता को बनाये रखे। इसके लिए अपने गांव जरूर जाय। राज्य सरकार ने कला व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए समिति का गठन किया है। जिसके माध्यम से एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जायेगी। सीमांत क्षेत्र के उत्पाद/उपज को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन बोनस योजना तैयार की जा रही है। हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए 2000 महिलाओं व पुरूषों को वूमेन क्राफ्टसमैन के रूप में तैयार किया जायेगा। उन्होने सीमांत क्षेत्र के उत्पादों की बेहतर माकेर्टिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा ‘संजीवनी पत्रिका‘ का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष जनजाति कल्याण परिषद गोपाल सिंह राणा, कला, संस्कृति संवर्धन समिति के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला, नीति माणा घाटी कल्याण समिति के डाॅ. मानसिंह राणा, मुरली सिंह रावत, पार्वती पाल, सतेन्द्र पाल, आदि उपस्थित थे।