नई दिल्ली: स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव श्रीमती प्रीति सूदन ने आज यहां पोलियो भारत विशेषज्ञ परामर्शदात्री समूह (आईईएजी) की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का उद्देश्य कार्यक्रम की गतिविधियों और परामर्शों की समीक्षा करना था। विशेषज्ञ समूह ने कहा कि ‘देश सही रास्ते पर है’। विशेषज्ञ समूह ने पिछले 7 वर्षों से भारत को पोलियो मुक्त बनाए रखने तथा प्रत्येक बच्चे का टीकाकरण करने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकारों की सराहना की। पोलियो से संबंधित अंतिम मामला जनवरी 2011 में सामने आया था। इस कार्यक्रम में बच्चों को दो तरीकों से पर्याप्त सुरक्षा दी जाती है – पोलियो टीकाकरण और बाल प्रतिरक्षण।
बैठक ने श्रीमती प्रीति सूदन ने कहा कि पोलियो टीका 2 प्रकार कर है – पिलाने वाली दवा और सूई के द्वारा दी जाने वाली दवा। सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए इन दोनों ही प्रकारों का भारत में इस्तेमाल किया जाता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बाल्यवस्था के दौरान भारत के प्रत्येक बच्चे को ओपीवी की 3 खुराक तथा आईपीवी की 2 खुराक मिले। भारत के बच्चों के स्वास्थ्य के संदर्भ में यह एक बड़ा निवेश होगा। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पोलियों अभियान जारी रहना चाहिए। इसके अलावा मिशन इन्द्र धनुष, ग्राम स्वराज अभियान व विस्तारित ग्राम स्वराज अभियान जैसे प्रतिरक्षण कार्यक्रम भी जारी रहने चाहिए।
डब्ल्यूएचओ के पोलियो उन्मूलन के प्रमुख डॉ मिशेल जाफरन ने कहा कि विश्व स्तर पर दुनिया पहले से कहीं अधिक पोलियो उन्मूलन के करीब है। 2018 में केवल दो देशों- अफगानिस्तान और पाकिस्तान- में 11 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, “विशेषज्ञ इस दिशा में भारत की बाकी दुनिया के लिए एक अच्छे उदाहरण के तौर पर सराहना करते है। भारत में पोलियो को खत्म करके, देश ने यह दिखाया है कि वैश्विक पोलियो उन्मूलन संभव है और कोई भी देश ऐसा कर सकता है।”
विशेषज्ञों के समूह ने-पिलाने और सूई द्वारा दिए जाने वाले पोलियो टीकों- दोनों का उपयोग करने के लिए भारत की सराहना की और तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने इस दिशा में जिस तरह से कार्य किया उससे भारत में आने वाले समय में भी कोई बच्चा पोलियो का शिकार न हो पायेगा, यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। सामुदायिक भागीदारी देश में पोलियो टीकाकरण प्रयासों का एक अभिन्न अंग रहा है। विशेषज्ञों के समूह ने देखा कि 23 लाख से अधिक टीकाकरणकर्ताओं को हर पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए एकत्रित किया गया है, जिसके दौरान 17 करोड़ बच्चों को पोलियो की बूंद पिलायी गयी।