अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर उत्तराखंड की दो बेटियां एक दिन के लिए स्पेन और जर्मनी की राजदूत बनाई जाएंगी। प्लान इंडिया एनजीओ की ओर से बालिकाओं को आगे लाने के तहत उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उत्तरकाशी की पूनम रावत और रुड़की की सृष्टि गोस्वामी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। दोनों संस्था की प्रोग्राम सुपरवाइजर श्रद्धा बिजल्वाण के साथ दिल्ली पहुंच गईं हैं।
बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली प्लान इंडिया इंटरनेशनल एनजीओ हर वर्ष विश्व बालिका दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करती है। जिसमें गर्ल्स टेकओवर कार्यक्रम के तहत बेटियों को एक दिन के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाती है। इस वर्ष दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में 10 प्रदेशों से 17 लड़कियों का चयन किया गया। जिसमें से दो बेटियां उत्तराखंड की हैं। दोनों लड़कियां नेशनल यूथ एडवाइजरी कमेटी की मेंबर हैं।
पूनम रावत (21) उत्तराखंड के उत्तरकाशी की रहने वाली हैं। श्रीदेव सुमन विवि की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा पूनम बताती हैं कि लड़कियां अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हुई हैं। यही कारण है कि वह हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। पूनम को पिछले वर्ष एक दिन के लिए उत्तरकाशी के थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके बाद उन्होंने शराब के ठेकों के बाहर पोस्टर लगवाए थे। जिसमें ‘18 वर्ष से कम आयु के लोगों को शराब नहीं’ लिखा था। बताया कि समाज में लड़कियों को लेकर सोच बदलनी होगी। लड़कों की तरह लड़कियों को भी समान शिक्षा का अधिकार है।
वहीं, रुड़की की सृष्टि गोस्वामी (17) एग्रीकल्चर में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। पिछले वर्ष उन्हें प्लान इंडिया की ओर बाल मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस बार वह जर्मनी की राजदूत की भूमिका निभाएंगी। सृष्टि ने बताया कि लड़कियां हर कार्य कर सकती हैं, बशर्ते उन्हें मौका मिले। मौजूदा समय में हर क्षेत्र में महिलाएं बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं।
कार्यक्रम में अनिल कपूर भी पहुंचेंगे
दिल्ली के होटल ललित में बृहस्पतिवार को होने वाले इस कार्यक्रम में बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर भी शिरकत करेंगे। जहां वह लड़कियों का उत्साहवर्धन करने के साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में भी बताएंगे।
बच्चों के अधिकारों पर होगी चर्चा
प्लान इंडिया से जुड़े सुरेश बलोदी के मुताबिक उत्तराखंड की दोनों बेटियां दोपहर तक स्पेन और जर्मनी के राजदूत की भूमिका निभाएंगी। वहीं, शाम को बच्चों के अधिकारों पर चर्चा की जाएगी। जिसमें बच्चों के अधिकारों की विभिन्न देशों में क्या स्थिति है, इसे मजबूत कैसे किया जा सकता है जैसे समेत तमाम बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि संस्था जून और अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करती है। जिसमें बालिकाओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाती है। Source Amar Ujjala