भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बॉल टेंपरिंग विवाद पर बड़ा बयान दिया है। गांगुली ने कहा कि स्टीव स्मिथ और उनके खिलाड़ियों की साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ की योजना पूरी तरह से मूर्खता भरा काम था।
गांगुली ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा, “स्टीव स्मिथ को गेंद से छेड़छाड़ की जरूरत नहीं थी। मुझे लगता है कि स्मिथ या डेविड वॉर्नर या बेनक्रॉफ्ट ने जो कुछ किया, वह पूर्ण रूप से बेवकूफाना था।”
उन्होंने कहा कि पिछली बार जब स्मिथ भारत में थे तो उन्होंने कहा था कि उन्हें ब्रेन फेड हो गया था और यह घटना भी यही कहने के लिये थी। लेकिन इस घटना के बाद मुझे लगता है कि उन्हें सचमुच ब्रेन फेड हो गया था।
गांगुली ने कहा, “यह सब ऑस्ट्रेलिया टीम का किसी भी हालत में जीत दर्ज करने के लिये होता है, जो सही नहीं है। ऑस्ट्रेलिया इसी तरह से क्रिकेट खेलती रही है। उनकी अपने करियर में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से काफी भिड़ंत होती रही है।”
गांगुली ने कहा कि 2008 में जब एक ही टीम खेल भावना के अंतर्गत खेल रही थी, मैं 60 रन के स्कोर पर खेल रहा था और रिकी पोंटिंग ने मुझे एक बाउंसर पर आउट किया। मेरे आउट होने के बाद टेस्ट मैच अलग हो गया।”
गांगुली के अलावा भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के हर कीमत पर जीतने के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा, “बिना किसी सबूत (2008 में मंकीगेट कांड) और किसी भी उचित जांच के बिना मुझ पर तीन मैच का प्रतिबंध लगा दिया गया और यहां आप देखिये बैनक्रॉफ्ट ने गेंद से छेड़छाड़ की थी और उन पर केवल 75 प्रतिशत फीस का जुर्माना लगाया गया। स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट दोनों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। मैं यह नहीं कहूंगा कि छह महीने या आजीवन प्रतिबंध लगे लेकिन कम से कम दो या तीन मैचों का प्रतिबंध लगना चाहिए था।”