पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत मंगलवार को स्थिर बनी हुई है। उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, लोवर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और किडनी संबंधी बीमारियों के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार को भर्ती कराया गया।भाजपा के 93 वर्षीय नेता के बारे में रात आठ बजे एम्स की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, ”उनकी हालत स्थिर है। इलाज का उनपर असर हो रहा है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनपर नजर बनाए हुए है।”
एम्स ने पहले कहा था कि उन्हें इंजेक्शन के जरिए एंटीबायटिक्स दिए जा रहे हैं। संक्रमण के नियंत्रण में आने तक उन्हें अस्पताल में ही रखा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया की निगरानी में चिकित्सकों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। सूत्र ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री का कल डायलिसिस हुआ था। वह अभी भी एम्स के कार्डियोथोरैकिक केन्द्र के आईसीयू में हैं।
मधुमेह से पीड़ित वाजपेयी की सिर्फ एक किडनी काम करती है। उन्हें 2009 में आघात आया था। बाद में उन्हें डिमेंशिया की शिकायत हो गयी। प्रथम तल पर मौजूद आईसीयू के पूरे गलियारे का घेराव कर दिया गया है और केवल मरीज के सहायकों और रिश्तेदारों को प्रमाण दिखाने के बाद ही वहां जाने की अनुमति दी जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एच . डी . देवेगौड़ा सहित अन्य नेता वाजपेयी का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। हिंदुस्तान