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श्री विद्यासागर जी महाराज के संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव पर वाराणसी में डाक विभाग ने जारी किया विशेष आवरण व विरूपण

उत्तर प्रदेश

वाराणसी अध्यात्म और संस्कृति की प्राचीन नगरी रही है। यहाँ की धरती विभिन्न धर्मों और उनकी समृद्ध विरासत को अपने में सहेजे हुये है। जैन धर्म के 24 में से 4 तीर्थंकरों सुपार्श्वनाथ, चंद्र प्रभु, श्रेयांस नाथ और पार्श्वनाथ की यह जन्मस्थली रही है। डाक विभाग ने भी समय-समय पर जैन धर्म से संबंधित डाक टिकट और विशेष आवरण जारी करके जैन संस्कृति को समृद्ध किया है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने ‘श्री विद्यासागर जी महाराज’ के संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव पर विशेष आवरण व विरूपण जारी करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किये। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र, भेलूपुर में 22 नवम्बर को आयोजित उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रवर डाकघर अधीक्षक श्री राजन राव, श्री दिगंबर जैन समाज, काशी के अध्यक्ष श्री दीपक जैन, विशेष आवरण के संयोजक श्री विजय जैन और महामंत्री श्री अरुण जैन भी रहे।

            पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि विद्यासागर जी महाराज न सिर्फ विभिन्न भाषाओं और विषयों के प्रकांड विद्वान हैं, अपितु समाज सेवा और राष्ट्र सेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गए कार्य भी प्रेरक हैं। ऐसे में भारतीय डाक विभाग ने संत शिरोमणि श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आचार्य पदारोहण के स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव के अवसर पर इन खूबियों को रेखांकित करते एक विशेष आवरण व विरूपण जारी किया। यह आवरण न सिर्फ देश-विदेश में फिलेटलिस्ट के लिए संग्रहणीय होगा, बल्कि इसके माध्यम से इस स्वर्ण जयंती समारोह की प्रसिद्धि विदेशों में भी पहुँचेगी।

            श्री दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष श्री दीपक जैन ने कहा कि, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, परमश्रद्धेय अन्तर्यात्री, मूकमाटी महाकाव्य सहित अनेक ग्रन्थों के रचयिता, हिंदी, संस्कृत, प्राकृत आदि भाषाओं के साहित्यकार, अनेक साधकों के दीक्षा प्रदाता, गौशालाओं के प्रेरक, 5 बालिका गुरुकुल प्रतिभास्थली के प्रेरक, देश के युवाओं के लिए अहिंसक हथकरघा के प्रेरक, जेलों में हथकरघा के प्रेरक, भाग्योदय तीर्थ (अस्पताल) के प्रेरक, पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ के प्रेरक, अनेक तीर्थों के प्रेरक, अनेक राष्ट्रनायकों के प्रेरक रहे हैं। ऐसे में डाक विभाग द्वारा उन पर विशेष आवरण जारी करने से युवाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

            कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव ने बताया कि उक्त विशेष आवरण का मूल्य डाक टिकट सहित ₹ 25/- रखा गया है। इसे फिलेटलिक ब्यूरो वाराणसी प्रधान डाकघर से लिया जा सकता है।

            विशेष आवरण के संयोजक श्री विजय कुमार जैन ने कहा कि डाक विभाग की इस पहल से जैन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अभिवृद्धि होगी।

           इस अवसर पर दिगम्बर जैन समाज।के महामंत्री श्री अरुण जैन, सहायक डाक अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव, जाँच निरीक्षक श्रीकांत पाल, हरिशंकर यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता सहित डाक विभाग के तमाम अधिकारी-कर्मचारीगण, श्री दिगम्बर जैन समाज, दिगम्बर जैन महासमिति, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन महिला मंडल, जैन मिलन के तमाम पदाधिकारीगण और बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।

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