लखनऊ: संस्कार और संवेदना मानव समाज की रीढ़ हैं। सामाजिक व्यवस्था के सुचारु संचालन हेतु युवा पीढ़ी में इनका संचरण जरुरी है। सोशल मीडिया के इस दौर में जहाँ हर कोई अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए भी कट-पेस्ट का सहारा ले रहा है, वहाँ संस्कारों को बचाकर रखना जरुरी हो गया है। उक्त उद्गार चर्चित लेखक एवं लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने संस्कार भारती, गोमती इकाई, लखनऊ के नटराजन पूजन एवं कला गुरु सम्मान कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में व्यक्त किये।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि युवा पीढ़ी में रचनात्मक प्रवृत्ति को विकसित करना होगा। साहित्य, कला, संगीत जैसी विधाएँ किसी भी देश की सभ्यता और संस्कृति को समुन्नत बनाती हैं। संस्कारों को सहेजने के लिए नैतिक मूल्यों की स्थापना पर भी जोर देना होगा।
इस अवसर पर निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने साहित्य, कला, संगीत व नाट्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित भी किया। साहित्य हेतु वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कौशलेन्द्र पांडेय, चित्रकला हेतु अमर नाथ गौड़, नाट्य के क्षेत्र में ललित सिंह पोखरिया तथा संगीत के लिए भातखण्डे संगीत विद्यापीठ की रजिस्ट्रार सुश्री मीरा माथुर को कला गुरु सम्मान से सम्मानित किया गया।
इंदिरानगर स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव और संस्थापक सेंट जोजफ विद्यालय समूह श्रीमती पुष्पलता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन करके किया। विषय प्रवर्तन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. किशोरी शरण शर्मा ने किया। समवेत गणेश वंदना, ध्येय गीत गायन के बाद मा. सारा, निखिल, अनादि, नारायन सिंह, आर्यन आदि ने देशभक्तिपरक रचनाएँ प्रस्तुत करके लोगों की सराहना प्राप्त की। चर्चित गायिका संगीता श्रीवास्तव, सरोज खुल्बे, राखी अग्रवाल व् ममता त्रिपाठी ने सुबोध दुबे के निर्देशन में खूबसूरत गीतों की प्रस्तुति कर शमां बाँधा। कार्यक्रम का संचालन इकाई के अध्यक्ष ई. अखिलेश्वर नाथ पांडेय व आभार गौरीशंकर वैश्य ‘विनम्र’ ने किया। इस अवसर पर राज्य ललित कला एकेडमी के उपाध्यक्ष सीताराम कश्यप, शारदा पांडेय, दुर्गेश्वर राय, रीता अग्रवाल, नीरा माथुर इत्यादि मौजूद रहे।