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शीतगृहों में भण्डारित आलू की अधिक कीमत प्राप्त करने के लिये आलू निकासी धीमी बनाये रखी गयी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने शीतगृहों में आलू के अवशेष रहने के कारणों की जांच हेतु उद्यान विभाग के समस्त उप निदेशकों को निर्देश दिये हैं। शीतगृहों में भण्डारित आलू की अधिक कीमत प्राप्त करने के उद्देश्य से आलू निकासी धीमी बनाये रखी गयी। इससे अन्त में भण्डारित आलू की दरें प्रभावित हुई और नये आलू के आगमन पर पुराने आलू की कीमत घटने लगी। शीतगृहों में आलू भण्डारण की अवधि 30 नवम्बर तक निर्धारित थी। यह जानकारी उप निदेशक, आलू श्री आर0के0 तोमर ने आज यहां दी।

श्री तोमर ने बताया कि विगत वर्ष 2016-17 में प्रदेश की मण्डियों में आलू के कम बाजार भावों को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आलू उत्पादकों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने के उद्देश्य से प्रदेश में बाजार हस्तक्षेप योजना लागू की गयी है। योजना में किसानों का 02 लाख मैट्रिक टन आलू 549 रूपये प्रति कुन्तल की दर से क्रय करने हेतु 02 मार्च  से 31 मार्च, 2018 तक योजना संचालित की गयी। योजना अवधि में आलू का बाजार भाव निर्धारित बाजार हस्तक्षेप मूल्य 549 रूपये प्रति कुन्तल से अधिक रहा। उन्होंने बताया कि निदेशालय कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जून से नवम्बर, 2018 तक निरन्तर आलू के थोक बाजार भाव 800 रूपये से 1580 रूपये प्रति कुन्तल बने रहे।

उप निदेशक, आलू ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 2017-18 लगभग 6.15 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई की गयी, जिससे 151.33 लाख टन आलू उत्पादित हुआ है। उत्पादित आलू का 73.78 प्रतिशत (111.65 लाख टन) शीतगृहों में भण्डारित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 108 लाख टन आलू खाने, बीज एवं आलू के प्रसंस्कृत उत्पादों हेतु उद्योगों में उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी शीतगृहों में भण्डारित आलू की निकासी के लिए समय-समय पर सम्बन्धित जनपदीय उद्यान अधिकारियों को निरन्तर निर्देश जारी किये जाते रहे हैं।

श्री तोमर ने बताया कि 30 नवम्बर, 2018 तक जनपदों से प्राप्त आलू निकासी की रिपोर्ट के अनुसार कुल भण्डारण का लगभग 96.87 प्रतिशत आलू भण्डारणकर्ताओं द्वारा कर लिया गया है। जिला उद्यान अधिकारी से प्राप्त आख्या के अनुसार जनपद बाराबंकी में भण्डारित आलू शीतगृहों में मात्र 01 प्रतिशत आलू अवशेष है। जनपद बाराबंकी में जून से नवम्बर, 2018 तक निरन्तर आलू के थोक बाजार भाव 720 से 1360 रूपये के मध्य रहे हैं। भण्डारणकर्ताओं द्वारा अधिक मूल्य की प्रत्याशा में बाजार के लाभकारी मूल्यों पर भी शीतगृहों से निकाल कर विक्रय नहीं किया गया। साथ ही जनपद बाराबंकी में लाल आलू भण्डारित था, जिसकी मांग पूर्वी उत्तर प्रदेश में है, फिर भी निकासी धीमी रखी गयी। माह जून, 2018 से नवम्बर, 2018 तक आलू के थोक बाजार भाव औसतन रु0 1200 प्रति कुन्तल रहे हैं।

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