लखनऊ: प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री मूल चन्द्र चैहान ने आज अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यो की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिये कि शीतगृहों में आलू के भण्डारण एवं निकासी कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की उच्च स्तर पर अल्प समय में जांच करायी जाये तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। उद्यान मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उद्यान विभाग द्वारा गांव में समय-समय पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाये तथा कृषकों के बीच उद्यान साहित्य का वितरण कराया जाये जिसके द्वारा विभागीय योजनाओं तथा उन पर दिये जाने वाले अनुदान का व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाये। उन्होंने कहा कि एकीकृत बागवानी मिशन में अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है उन्होंने निदेशालय तथा जिलास्तरीय अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी की ओर उद्यान निदेशक का ध्यान आकर्षित किया तथा कहा कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा बागवानों को समुचित लाभ देने के लिए इनके बीच समन्वय का होना अत्यन्त आवश्यक है।
इस अवसर पर सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा ने बताया कि आलू बीज का उठान संतोषजनक न पाये जाने पर जिला उद्यान अधिकारी, आगरा, मैनपुरी, इटावा, फतेहपुर, कौशाम्बी, रायबरेली एवं बाराबंकी से स्पष्टीकरण मांगा गया है तथा आलू बीज उठान शून्य रहने के कारण अमेठी, सोनभद्र, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट एवं झांसी के जिला उद्यान अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
इस अवसर पर उद्यान निदेशक श्री एस0पी0 जोशी ने अवगत कराया कि आज प्रातः 11.00 बजे तक कुल 228 कुन्तल आलू बीज अवशेष रह गया है तथा जिन 07 जनपदों द्वारा आलू बीज नही उठाया गया है उनको पुनः निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि कल प्रातः तक समस्त आलू बीज का निस्तारण कर दिया जायेगा।
समीक्षा बैठक में प्रदेश के निजी शीतगृहों में आलू भण्डारण एवं निकासी, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, पान विकास योजना, राजकीय पौधशालाओं पर पौध उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण मिशन आदि योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी।