17.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक करते हुएः मा0 वन मंत्री दिनेश अग्रवाल

उत्तराखंड
देहरादून: मंत्री वन एवं वन्यजीव, खेल, विधि एवं न्याय उत्तराखण्ड सरकार दिनेश अग्रवाल की अध्यक्षता में मंथन सभागार में वन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की

गयी।
बैठक में उन्होने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वन विभाग द्वारा जो भी योजनाएं संचालित हो रही है, उन योजनाओं को धरातल पर लाने का प्रयास करें। उन्होने कहा कि विभाग द्वारा संचालित हो रही कई योजनाएं ऐसी हैं जिनमें ठीक प्रकार से कार्य नही हो पा रहा है तथा उसका लाभ पात्रों को प्राप्त नही हो रहा है। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभाग जो योजनाएं संचालित है उनका लाभ आमजन को मिले तथा योजनाएं धरातल पर दिखें। उन्होने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देश दिये कि वे विभागीय योजनाओं का अपने स्तर से भी समय-2 पर माॅनिटरिंग करना सुनिश्चित करें, ताकि संचालित योजनाओं की प्रगति तथा उनमें खर्च हो रही धनराशि का सही आंकलन हो सके।
बैठक में ‘हमारा पेड़ हमारा धन’ योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की महत्वाकांशी योजना है जिसके माध्यम से आमजन मानस को इसका लाभ उपलब्ध कराना है। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तथा वर्ष 2016-17 में और अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए अभी से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में मा मंत्री को अवगत कराया गया है कि इस योजना में 6 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था जो शासन से 5 करोड़ रू0 की धनराशि स्वीकृत की गयी है जिसमें 309.93 लाख की धनराशि व्यय की जा चुकी है तथा इस योजना के लक्ष्य 1.53 लाख के सापेक्ष 1.68 लाख पौधे लगाये गये हैं जिसमें लाभार्थियों की संख्या 3177 है। बैठक में वर्षा जल संरक्षण की समीक्षा करते हुए मा0 मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक चालखाल, जलाशय, जलकुण्ड का निर्माण किया जाये ताकि पहाड़ में जल संरक्षण किया जा सके तथा पहाड़ों के जलस्त्रोत रिचार्ज कर पुनर्जिवित करना है ताकि वर्षा का जल बर्बाद न हो इसके लिए सही कार्य योजना बनाने पर बल दिया। मंत्री जी को अवगत कराया गया कि इस योजना के अन्तर्गत 75 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी है, जिसमें 75 लाख की धनराशि व्यय की जा चुकी है, जिसमें 320 जलाशय, जलकुण्ड, चालखाल आदि का निर्माण किया गया है।
मानव वानर संघर्ष न्यूनीकरण योजना की समीक्षा करते हुए मा मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उत्तराखण्ड प्रदेश में बन्दरो एवं सुअरो की ज्वलंन्त समस्या बनी हुई है इसके लिए उन्होने सभी विभागीय अधिकारियों को 3 माह का समय दिया है। उन्होने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि 3 माह के भीतर उत्तराखण्ड प्रदेश में पांच लाख बन्दरो से निजात दिलाने के लिए प्रयास करें तथा सुअरों को मारने एवं पकड़ने के लिए अनुमति के लिए पत्र पे्रषित किया है कार्यवाही गतिमान है। उन्होने कहा कि वन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा संचालित वन मित्र काल सेन्टर सेवा का शुभारम्भ 5 जून 2015 को पूरे राज्य में किया गया है जिसका टोल फ्री न0 9208008000 पर अपनी शिकायत/समस्या अपडेट कर सकते है। उन्होने निर्देश दिये है ंकि उत्तराखण्ड में बन्दरों से निजात दिलाने के लिए तीन बन्दर बाड़े केन्द्र बनाये जा रहे हैं जिसमें हरिद्वार चिडि़यापुर, नैनीताल तथा हल्द्वानी में बनाये जा रहे है। हरिद्वार  बन्दर बाड़े का कार्य गतिमान तथा नैनीताल व हल्द्वानी  बन्दर बाड़े का कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दिये।
हमारा वृक्ष हमारा पेड़ योजना की समीक्षा करते हुए मा मंत्री को अवगत कराया गया है कि इस योजना के तहत 50 लाख की धनराशि आंवटित की गयी थी जिसमें 30 लाख की धनराशि व्यय की जा चुकी है जिसके लिए 2.70 लाख पौधे वितरित करने के लिए विभागीय पौधशाला में उगाई गयी है।
बैठक में ई-को टूरिज्म ग्रामीण योजना की समीक्षा करते हुए मा मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि इको-टूरिज्म को बढावा देने के उद्देश्य से आगामी वर्ष में अधिक से अधिक बर्ड वाचिंग डेस्टिनेशन में पक्षी अवलोकन कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिये। बैठक में मा मंत्री द्वारा कैम्पा योजना की भी समीक्षा की गयी।
बैठक में मा मंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए गांव की आर्थिकी को सुदृढ किया जाना आवश्यक है। उन्होने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थकी मुख्य रूप से पशुपालन पर आधारित है परन्तु चारे की कमी के कारण दुधारू पशुओं का पालन/दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को शनैःशनै छोड़ रहे हैं। उन्होने कहा कि मा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड द्वारा पंचायती वनो में वन पंचायत चारागाह विकास योजना लागू की गयी है। उन्होने अधिकारियों से पंचायत चारागाह योजना के सम्बन्ध जानकारी लेने पर अधिकारियों द्वारा उन्हे अवगत कराया गया कि इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 के दौरान कैम्पा निधि से 950 हैक्टयर पंचायती वनों चारागाह विकसित करने हेतु 193 वन पंचायतों को रू0 380.68 लाख की धनराशि दी गयी है। इसके अतिरिक्त चारागाह विकास योजना हेतु राज्य प्लान बजट से वित पोषण हेतु रू0 135.00 करोड़ की एक चारागाह विकास योजना तैयार की गयी है, जिसके तहत राज्य में अवस्थित विभिन्न पंचायती वनों में पांच वर्ष में बड़ी संख्या में चारागाह विकसित किये जायेगें।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More