नई दिल्ली: कोविड – 19 महामारी बहुत चिंता का विषय है। पूरे देश में लॉकडाउन है, लेकिन विद्युत् मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, पावरग्रिड भारत में महामारी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए न केवल चौबीसों घंटे निर्बाध विद्युत् – पारेषण सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि मानवीय राहत गतिविधियों का भी सक्रियता के साथ संचालन कर रहा है।
एक जिम्मेदार कॉरपोरेट इकाई के रूप में पावरग्रिड उन कुछ कंपनियों में एक था जिसने वैश्विक महामारी कोविड – 19 के मुकाबले के लिए सीएसआर गतिविधियां सबसे पहले शुरू की थी। पावरग्रिड ने पीएम केयर्स फंड में 200 करोड़ रु का योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त, पावरग्रिड के सभी कर्मचारियों ने अपने एक दिन के वेतन का योगदान पीएम केयर्स फंड में किया है।
पीएम केयर्स फंड में वित्तीय योगदान देने के साथ-साथ पावरग्रिड अपने सब –स्टेशनों और ट्रांसमिशन लाइन कार्यालयों के पास रहनेवाले अपने संविदाकर्मियों, मजदूरों और जरूरतमंद लोगों को भोजन के पैकेट / किराने का सामान भी वितरित कर रहा है। इन आवश्यक वस्तुओं के अलावा, मास्क, सैनिटाइज़र और साबुन का भी वितरण किया जा रहा है। अब तक देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर लगभग 81,000 लाभार्थियों को राशन / खाद्य सामग्री वितरित की जा चुकी है जिसका मूल्य 4.27 करोड़ रु है।
पावरग्रिड ने इस महामारी के प्रबंधन के लिए अस्पतालों में वेंटिलेटर खरीदने, चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की है। कोविड – 19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के समर्थन में वेंटिलेटर और अन्य अस्पताल उपकरण भी पूरे देश के विभिन्न अस्पतालों में वितरित किए गए हैं।
इसके अलावा, देश भर के विभिन्न कार्यालयों में तैनात पावरग्रिड की टीमें इस महामारी के दौरान सामाजिक दूरी के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं और बता रही हैं कि कैसे एक दूसरे से आवश्यक दूरी बनाये रखने पर इस महामारी के खतरे को कम किया जा सकता है।