लखनऊ: श्रीमान पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 महोदय द्वारा प्रशिक्षण पूर्ण कर, व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 2012 बैच के पुलिस उपाधीक्षकों से परिचय के समय दिया गया सम्बोधन
आज दिनाॅंक 02.07.2016 को श्रीमान पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 महोदय के द्वारा आधारभूत प्रशिक्षण की समाप्ति के उपरान्त 2012 बैच के पुलिस उपाधीक्षकों को परिचय के उपरान्त अपने सम्बोधन में उनके समक्ष आने वाली समस्त चुनौतियों के निम्न बिन्दुओं को रेखांकित किया गया:-
1- अपनी जिम्मेदारियाॅं एवं कार्य के अतिरिक्त अपने नेतृत्व का बोध कराते हुए, अधिकारियों को अधीनस्थ कर्मचारियों को वैचारिक नेतृत्व प्रदान करना चाहिए।
2- पुलिस विभाग में वर्षों से चल रहे ढर्रे/ रूढ़ियों के यथास्थिति पर प्रश्न करने की सलाह दी गयी।
3- नौकरी के दौरान प्रतिदिन द्वन्द से दो-चार होना पडे़गा जिसमें सभी को अपना रास्ता स्वयं चुनना होगा। उपरोक्त चुनाव में अधिकारी का प्रशिक्षण, संस्कार, पढ़ाई एवं मूल्य सहायक सिद्ध होंगे।
4- अपने अधीनस्थ के व्यवहार को सुधारना सबसे जरूरी है। इस हेतु अपने द्वारा दिये गये उपदेश को स्वयं अमल करना होगा तथा उदाहरण सहित अधीनस्थों को समझाना होगा। सबसे पहले सर्किल में लीडरशिप का स्तर ऊॅंचा हो तथा अपने अधीनस्थ को लगातार प्रेरित करते रहें। एक बुरे कार्य से एक हजार अच्छे कार्य करने पर पानी फिर जायेगा।
5- इण्टरनेट साइबर क्राइम पर अधिक जानकारी रखें तथा विवेचना के बारे में सीखें एवं अप-टू-डेट रहें।
6- अच्छा कार्य करें, मेहनत से कार्य करें। पुलिस तत्काल राहत देने का विभाग है। लोगों की मदद करने का अनुभव बयान नहीं किया जा सकता है, मात्र एहसास किया जा सकता है।
7- हम अपने आप को कानून के ऊपर न समझें। हम कानून के सेवक हैं कानून के ऊपर नहीं।