लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हेतु भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को प्रभावी ढंग से संचालित कर रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा का उद्देश्य मात्स्यिकी उत्पादन में विस्तारीकरण, सघनता, विविधीकरण के माध्यम से वृद्धि करना एवं भूमि व जल का उपजाऊ उपयोग करने के साथ ही मूल्य वर्द्धित श्रृंखला का आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं मत्स्य निकासी के बाद के प्रबन्धन व गुणवत्ता में सुधार के साथ ही मछुओं व मत्स्य पालकों की आय को दोगुनी करना व रोजगार सृजन करना है।
मत्स्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत मछुआ, मत्स्य पालक, मछली कार्यकर्ता एवं मत्स्य विक्रेता, उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम लि0, मात्स्यिकी क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह, मात्स्यिकी क्षेत्र की सहकारी समितियां, मात्स्यिकी क्षेत्र की संघ, उद्यमी एवं निजी फर्म, फिश फार्मर प्रड्यूशर आर्गेनाईजेशन/कम्पनीज, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला एवं निःशक्तजन, राज्य सरकार की कार्यान्वयन संस्थायें तथा राज्य मात्स्यिकी विकास बोर्ड आदि लाभार्थी हो सकते हैं। विभिन्न परियोजनाओं की पात्रता हेतु विभागीय वेबसाइट http://fisheries.upsdc.gov.in पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु संबंधित जनपद के सहायक निदेशक मत्स्य/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य पालक विकास अभिकरण से सम्पर्क किया जा सकता है। यह योजना प्रदेश में आगामी वर्ष 2025 तक क्रियान्वित रहेगी।