नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित कृषि-स्टार्टअप और उद्यमिता सम्मेलन में हिस्सा लिया। ‘कृषि क्षेत्र में युवा उद्यमियों के लिए संभावनाओं की तलाश (उपाय)’ विषय पर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। विशेषकर कृषि क्षेत्र में जागरुकता पैदा करने और उद्यमिता का सशक्त वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से इस सम्मेलन में उद्यमी, निवेशक, नीति निर्माता, वैज्ञानिक, किसान, प्रौद्योगिकी विकसित करने वाले शामिल हुए।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री प्रधान ने कृषि उद्यमिता के क्षेत्र में कौशल का विकास करने में पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता की पहुंच देश के प्रत्येक जिले तक होगी। श्री प्रधान ने कहा कि हमारा रहन-सहन तेजी से बदल रहा है और प्रौद्योगिकी, नई खोज से यह बदलाव संभव होता है। कृषि क्षेत्र में भी प्रौद्योगिकी अपनी बड़ी भूमिका निभाने जा रही है। कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय अनुसंधान के परिणामस्वरूप नये उत्पादों को बाजारों तक पहुंचना चाहिए, जिससे समाज लाभान्वित हो। उन्होंने कहा कि कृषि और उद्यमिता के बीच संबंध मजबूत होने से ऐसा संभव होगा।
सम्मेलन में श्री प्रधान ने कृषि उद्यमिता पर सम्मेलन को आयोजित करके विश्व खाद्य दिवस को एक नई दिशा प्रदान करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे ऐसे उद्यमियों को एक अवसर मिला है, जो कृषि क्षेत्र में नये खाद्य उत्पादों और समाधानों के साथ यहां आकर इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर अपनी खोजों को दर्शाया और विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि के क्षेत्र में मूलभूत बदलाव हो रहा है और हम खाद्य की कमी से निकलकर खाद्य पदार्थों की अधिकता की ओर आगे बढ़े हैं।